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PM modi paid Tribute to Dandi March: पीएम मोदी बोले- दांडी मार्च को अन्याय के खिलाफ दृढ़ प्रयास के रूप में याद रखा जाएगा

पीएम मोदी ने ऐतिहासिक 'दांडी मार्च' की वर्षगांठ पर महात्मा गांधी और इस आंदोलन में भाग लेने वाले अन्य लोगों को श्रद्धांजलि दी है. इस मौके पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि दांडी मार्च को अन्याय के खिलाफ दृढ़ प्रयास के रूप में याद रखा जाएगा.

Dandi March Anniversary
दांडी मार्च की वर्षगांठ
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Published : Mar 12, 2023, 1:29 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ऐतिहासिक 'दांडी मार्च' की वर्षगांठ पर महात्मा गांधी तथा इसमें भाग लेने वाले अन्य लोगों को श्रद्धांजलि दीं और कहा कि इसे विभिन्न प्रकार के अन्याय के खिलाफ दृढ़ प्रयास के तौर पर याद रखा जाएगा.

  • I pay homage to Bapu and all those who took part in the Dandi March. This was an important event in our nation’s history. It will be remembered as a determined effort against various forms of injustice.

    — Narendra Modi (@narendramodi) March 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नमक सत्याग्रह को 1930 के दांडी मार्च के नाम से भी जाना जाता है और यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना है. ब्रिटिश शासन के विरूद्ध सविनय अवज्ञा आंदोलन के तहत गांधी के नेतृत्व में 'सत्याग्रहियों' ने 12 मार्च- पांच अप्रैल 1930 के दौरान अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से तटीय गांव डांडी तक की यात्रा की थी और ब्रिटिश सरकार के नमक कानून का उल्लंघन करते हुए समुद्री पानी से नमक बनाया था.

पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि: मोदी ने ट्वीट किया, 'मैं बापू और दांडी मार्च में भाग लेने वाले अन्य सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं. यह हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी.' प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे विभिन्न प्रकार के अन्याय के खिलाफ एक दृढ़ प्रयास के रूप में याद रखा जाएगा.

ये भी पढ़ें- Wall Street Journal On India Australia Relation: चीन से बढ़ते तनाव के बीच अहम है भारत और ऑस्ट्रेलिया का करीब आना

12 मार्च 1930 को दांडी मार्च की शुरुआत: बात उन दिनों की है जब 1920 में भारत की आजादी की लड़ाई 1930 के दौर में निर्णाय दौर पर थी. देश की जनता ने पहले असहयोग आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, जिसके बाद साल 1931 में गांधी जी ने दांडी यात्रा शुरू की, जिसे फिर देशवासियों का साथ मिला. महात्मा गांधी ने दांडी मार्च की शुरुआत 12 मार्च 1930 को की थी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ऐतिहासिक 'दांडी मार्च' की वर्षगांठ पर महात्मा गांधी तथा इसमें भाग लेने वाले अन्य लोगों को श्रद्धांजलि दीं और कहा कि इसे विभिन्न प्रकार के अन्याय के खिलाफ दृढ़ प्रयास के तौर पर याद रखा जाएगा.

  • I pay homage to Bapu and all those who took part in the Dandi March. This was an important event in our nation’s history. It will be remembered as a determined effort against various forms of injustice.

    — Narendra Modi (@narendramodi) March 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नमक सत्याग्रह को 1930 के दांडी मार्च के नाम से भी जाना जाता है और यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना है. ब्रिटिश शासन के विरूद्ध सविनय अवज्ञा आंदोलन के तहत गांधी के नेतृत्व में 'सत्याग्रहियों' ने 12 मार्च- पांच अप्रैल 1930 के दौरान अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से तटीय गांव डांडी तक की यात्रा की थी और ब्रिटिश सरकार के नमक कानून का उल्लंघन करते हुए समुद्री पानी से नमक बनाया था.

पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि: मोदी ने ट्वीट किया, 'मैं बापू और दांडी मार्च में भाग लेने वाले अन्य सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं. यह हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी.' प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे विभिन्न प्रकार के अन्याय के खिलाफ एक दृढ़ प्रयास के रूप में याद रखा जाएगा.

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12 मार्च 1930 को दांडी मार्च की शुरुआत: बात उन दिनों की है जब 1920 में भारत की आजादी की लड़ाई 1930 के दौर में निर्णाय दौर पर थी. देश की जनता ने पहले असहयोग आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, जिसके बाद साल 1931 में गांधी जी ने दांडी यात्रा शुरू की, जिसे फिर देशवासियों का साथ मिला. महात्मा गांधी ने दांडी मार्च की शुरुआत 12 मार्च 1930 को की थी.

(पीटीआई-भाषा)

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