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पीएम मोदी का काशी दौरा, प्रदेश की सियासत में आया नया मोड़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने यहां गंगा में डुबकी लगाई, काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया और उत्तर प्रदेश में चुनावी तैयारी का आगाज (Election preparations begin in Uttar Pradesh) कर दिया है. इससे विपक्षियों की नींद तो उड़ी ही है, साथ ही कॉरिडोर के लोकार्पण और प्रधानमंत्री की पूजा, जलाभिषेक के बाद प्रदेश की सियासत ने भी एक नया मोड़ ले लिया है.

पीएम का काशी दौरा
पीएम का काशी दौरा
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Published : Dec 14, 2021, 1:02 PM IST

Updated : Dec 14, 2021, 1:52 PM IST

लखनऊ : पूर्वांचल की सियासत का वाणानसी एक मुख्य केंद्र है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का यह लोकसभा क्षेत्र भी है. जिस तरह से उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election-2022) से पहले भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party-BJP) ने काशी में पूरे एक महीने का कार्यक्रम तैयार किया है, उसे पता चलता है कि चुनाव में पार्टी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) का पूरा फायदा उठाना चाहती है. इसे गेम चेंजर की तरह भी देखा जा सकता है.

जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां गंगा में डुबकी लगाई, काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया और उत्तर प्रदेश में चुनावी तैयारी का आगाज (Election preparations begin in Uttar Pradesh) कर दिया है. इससे विपक्षियों की नींद तो उड़ी ही है, साथ ही कॉरिडोर के लोकार्पण और प्रधानमंत्री की पूजा, जलाभिषेक के बाद प्रदेश की सियासत ने भी एक नया मोड़ ले लिया है.

चुनाव से ठीक पहले काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का भव्य उद्घाटन कहीं न कहीं भाजपा के लिए 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर गेम चेंजर की तरह काम कर सकता है.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह को राज्य और केंद्र की सरकार ने मिलकर अभूतपूर्व बनाने की कोशिश की है. जिससे प्रतीत होता है कि अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच यहां से राज्य की सरकार और भाजपा प्रदेश वासियों को एक संदेश देना चाहती है. यही वजह है कि भाजपा ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण का कार्यक्रम (Inauguration of Kashi Vishwanath Corridor) एक महीना चलेहा, जो पूरी तरह से पार्टी स्तर पर तैयार किया गया है.

पढ़ें : Kashi Vishwanath Corridor : पीएम मोदी ने मांगा स्‍वच्‍छता, सृजन और आत्‍म निर्भर भारत का संकल्‍प

13 दिसंबर से शुरू हुआ यह कार्यक्रम मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी 2022 तक आयोजित होगा. पार्टी के सभी जनप्रतिनिधि बारी-बारी से इस कार्यक्रम में भाग लेंगे. यही नहीं, काशी की पूरी जनता को इसमें शामिल करने के लिए 12 दिसम्बर से 14 दिसंबर तक, प्रदेश के लोगों से भी आह्वान किया गया है कि वह दीप प्रज्विलत कर अपने घरों में भगवान शिव का आह्वान करें.

वहीं, काशी विश्वनाथ के कार्यक्रम में पहले दिन का कार्यक्रम कहीं न कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम समर्पित नजर आया. पोस्टर और बैनरों के जरिये प्रधानमंत्री को ही केंद्रित किया गया. वहीं, पार्टी का संदेश कि उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है, को भी साबित करने की पूरी कोशिश की गई.

एक तरह से देखा जाए तो उत्तर प्रदेश के चुनाव को पूरी तरह से गति देने की शुरुआत प्रधानमंत्री ने काशी से कर दी है और इसे सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान के तौर पर नहीं बल्कि विकास यात्रा के तौर पर भी देखा जा रहा है.

संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट

इस संबंध में बलिया से सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि यह पूरी दुनिया को याद रखना चाहिए कि काशी में जब प्रधानमंत्री चुनाव लड़ने गए थे, तो उन्होंने यह दुनिया को संदेश दिया था कि मां गंगा ने उन्हें बुलाया है और उनकी सेवा के लिए वह वहां गए हैं.

उन्होंने कहा कि वैसे तो उन्होंने देश की सेवा के लिए अपने जीवन को समर्पित किया है, लेकिन मां गंगा की सेवा और काशी में गंगा की सेवा और बाबा विश्वनाथ धाम का जिस तरह से उन्होंने विकास किया, यह उसी तरह का विकास है, जैसा सोमनाथ का विकास बल्लभ भाई पटेल ने किया था.

लखनऊ : पूर्वांचल की सियासत का वाणानसी एक मुख्य केंद्र है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का यह लोकसभा क्षेत्र भी है. जिस तरह से उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election-2022) से पहले भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party-BJP) ने काशी में पूरे एक महीने का कार्यक्रम तैयार किया है, उसे पता चलता है कि चुनाव में पार्टी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) का पूरा फायदा उठाना चाहती है. इसे गेम चेंजर की तरह भी देखा जा सकता है.

जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां गंगा में डुबकी लगाई, काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया और उत्तर प्रदेश में चुनावी तैयारी का आगाज (Election preparations begin in Uttar Pradesh) कर दिया है. इससे विपक्षियों की नींद तो उड़ी ही है, साथ ही कॉरिडोर के लोकार्पण और प्रधानमंत्री की पूजा, जलाभिषेक के बाद प्रदेश की सियासत ने भी एक नया मोड़ ले लिया है.

चुनाव से ठीक पहले काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का भव्य उद्घाटन कहीं न कहीं भाजपा के लिए 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर गेम चेंजर की तरह काम कर सकता है.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह को राज्य और केंद्र की सरकार ने मिलकर अभूतपूर्व बनाने की कोशिश की है. जिससे प्रतीत होता है कि अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच यहां से राज्य की सरकार और भाजपा प्रदेश वासियों को एक संदेश देना चाहती है. यही वजह है कि भाजपा ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण का कार्यक्रम (Inauguration of Kashi Vishwanath Corridor) एक महीना चलेहा, जो पूरी तरह से पार्टी स्तर पर तैयार किया गया है.

पढ़ें : Kashi Vishwanath Corridor : पीएम मोदी ने मांगा स्‍वच्‍छता, सृजन और आत्‍म निर्भर भारत का संकल्‍प

13 दिसंबर से शुरू हुआ यह कार्यक्रम मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी 2022 तक आयोजित होगा. पार्टी के सभी जनप्रतिनिधि बारी-बारी से इस कार्यक्रम में भाग लेंगे. यही नहीं, काशी की पूरी जनता को इसमें शामिल करने के लिए 12 दिसम्बर से 14 दिसंबर तक, प्रदेश के लोगों से भी आह्वान किया गया है कि वह दीप प्रज्विलत कर अपने घरों में भगवान शिव का आह्वान करें.

वहीं, काशी विश्वनाथ के कार्यक्रम में पहले दिन का कार्यक्रम कहीं न कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम समर्पित नजर आया. पोस्टर और बैनरों के जरिये प्रधानमंत्री को ही केंद्रित किया गया. वहीं, पार्टी का संदेश कि उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है, को भी साबित करने की पूरी कोशिश की गई.

एक तरह से देखा जाए तो उत्तर प्रदेश के चुनाव को पूरी तरह से गति देने की शुरुआत प्रधानमंत्री ने काशी से कर दी है और इसे सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान के तौर पर नहीं बल्कि विकास यात्रा के तौर पर भी देखा जा रहा है.

संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट

इस संबंध में बलिया से सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि यह पूरी दुनिया को याद रखना चाहिए कि काशी में जब प्रधानमंत्री चुनाव लड़ने गए थे, तो उन्होंने यह दुनिया को संदेश दिया था कि मां गंगा ने उन्हें बुलाया है और उनकी सेवा के लिए वह वहां गए हैं.

उन्होंने कहा कि वैसे तो उन्होंने देश की सेवा के लिए अपने जीवन को समर्पित किया है, लेकिन मां गंगा की सेवा और काशी में गंगा की सेवा और बाबा विश्वनाथ धाम का जिस तरह से उन्होंने विकास किया, यह उसी तरह का विकास है, जैसा सोमनाथ का विकास बल्लभ भाई पटेल ने किया था.

Last Updated : Dec 14, 2021, 1:52 PM IST
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