शिमला : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक धार्मिक डेरे के मुखी से मुलाकात करने वाले हैं ऐसे में उस धार्मिक डेरे की चर्चा होना लाजमी है. चुनाव के समय नेताओं को अधिक से अधिक समर्थन और मतदाताओं की भीड़ चाहिए. रैलियों के लिए जनता को मनुहार करके बुलाना पड़ता है और धार्मिक गुरुओं के प्रवचन में खुद-ब-खुद लोग लाखों की भीड़ के रूप में बिन बुलाए दौड़े चले आते हैं. ऐसे में धामिर्क डेरों के अनुयायियों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए राजनेता वहां के मुखिया यानी गुरुओं की शरण में पहुंचते रहते हैं. हिमाचल में इस वक्त बीजेपी की सरकार है और मौजूदा चुनाव प्रचार में बीजेपी नेता प्रदेश में सरकार रिपीट करने का दावा कर रहे हैं. ऐसे में चुनाव प्रचार के बीच ये मुलाकात चर्चा का विषय है. (PM Modi Himachal Visit) (Himachal Election 2022)
पीएम की राधा स्वामी सत्संग ब्यास के मुखी से मुलाकात के मायने- दरअसल पीएम मोदी शनिवार 5 नवंबर को हिमाचल में दो चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे. हिमाचल पहुंचने से पहले पीएम मोदी 5 नवंबर को पंजाब के अमृतसर में स्थित डेरा बाबा जैमल सिंह या राधास्वामी सत्संग ब्यास के मुखी बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात को सीधे तौर पर चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है. इससे पहले भी पीएम मोदी ने पंजाब चुनाव से पहले भी डेरा प्रमुख से मुलाकात की थी. अब हिमाचल चुनाव से पहले इस मुलाकात के भी सियासी मायने लगाए जा रहे हैं. कुल मिलाकर मुलाकात भले पंजाब में होगी लेकिन इसका निशाना हिमाचल का वो सियासी दंगल होगा जहां इन दिनों जोर-शोर से प्रचार चल रहा है. 12 नवंबर को हिमाचल की सभी 68 सीटों पर वोटिंग होनी है और 8 दिसंबर को नतीजे आने हैं. (PM Modi to meet Radha Soami satsang beas chief) (Radha Soami satsang beas chief Gurinder Dhillon)
राधा स्वामी सत्संग ब्यास- ये एक धार्मिक संगठन है जिसका मकसद समाज को धार्मिक संदेश देने के साथ-साथ सामाजिक सरोकार से भी जुड़ा है. लेकिन ये एक गैर-लाभकारी संस्था है जिसका किसी सियासी दल या व्यावसायिक संगठन के साथ कोई जुड़ाव नहीं है. राधा स्वामी सत्संग ब्यास दुनिया के करीब 90 देशों में फैला है. जहां इनके अनुयायी हैं. भारत में भी खासकर उत्तर भारत में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल में भी राधा स्वामी सत्संग ब्यास के लाखों अनुयायी हैं और इन्ही अनुयायियों पर राजनीतिक दलों की नजर रहती है. इसलिये चुनाव के दौरान नेता भी इन डेरों में हाजिरी लगाते हैं. (Radha Soami Satsang Beas)
राधा स्वामी सत्संग ब्यास और हिमाचल- राधा स्वामी डेरे की स्थापना साल साल 1891 में बाबा जैमल जी ने की थी. पंजाब के अमृतसर में राधा स्वामी सत्संग ब्यास एक आध्यात्मिक केंद्र है, जिसके देश और दुनिया में अनुयायी हैं. देश में पंजाब के अलावा हरियाणा और हिमाचल में भी कई अनुयायी हैं. एक अनुमान के मुताबिक हिमाचल में इनकी संख्या पांच लाख क करीब है. हिमाचल के हर जिले में उनके अनुयायी है. ज्यादातर पंजाब से लगते कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर जैसे जिलों में है. (Radha Soami satsang beas and Himachal Election)
ब्यास डेरा के हमीरपुर के भोटा में विशाल भवन और अस्पताल हैं. शिमला में प्राइम लोकेशन पर रामचंद्रा चौक में विशाल सत्संग भवन है. सोलन के रबौण में भी विशाल भूखंड और भवन है. इसके अलावा प्रदेश के हर कोने में ब्यास डेरा के सत्संग भवन स्थित हैं. आजादी से पहले से यहां डेरा ब्यास के गुरु बाबा सावन सिंह जी प्रचार के लिए पैदल आते रहे हैं. करीब सौ साल से भी अधिक समय से यहां ब्यास के गुरू प्रचार के लिए आते रहे हैं. आजादी से पहले बाबा सावन सिंह फिर आजादी के बाद बाबा जगत सिंह, बाबा चरण सिंह व फिर गुरिंदर सिंह ढिल्लों यहां आ रहे हैं. ऐसे में पांच लाख अनुयायी होना सहज बात है, इन्हीं अनुयायियों का दिल जीतने की कसरत के लिए पीएम नरेंद्र मोदी प्रचार से पहले बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मिलेंगे.
पंजाब-हरियाणा की राजनीति में डेरों की भूमिका- हिमाचल के पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा की राजनीति में तो डेरों की भूमिका किसी से छिपी नहीं है. राजनेता इन डेरों में जाकर न केवल शीश नवाते हैं, बल्कि प्रवचन भी सुनते हैं. पंजाब-हरियाणा के लगभग हर दल के नेता इन डेरों में हाजिरी लगाते हैं. हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम आज जेल में सजा काट रहा है लेकिन उसके डेरे में भी नेता हाजिरी लगाते रहे हैं. मौजूदा वक्त में राम रहीम पैरोल पर है लेकिन वो बागपत के आश्रम से ऑनलाइन सत्संग करके अपने अनुयायियों के साथ जुड़ता है. जिसमें हरियाणा के कई नेता भी हाजिरी लगा चुके हैं. कुछ दिन पहले हिमाचल के एक मंत्री ने भी इस सत्संग में हाजिरी लगाई थी. इसी साल फरवरी महीने में देश के गृह मंत्री अमित शाह ने राधास्वामी सत्संग ब्यास के मुखी बाबा गुरिंदर सिंह से मिले थे. तब पंजाब के चुनाव होने वाले थे. (Religious Dera and Politics)
क्यों अहम माना जाता है राधा स्वामी सत्संग ब्यास- भले इन डेरों का किसी राजनीतिक दलों से संबंध ना हो. लेकिन सियासी दल भी जानते हैं कि पंजाब हरियाणा के साथ हिमाचल में इनका अच्छा खासा प्रभाव है. राधा स्वामी सत्संग के अनुयायियों की तादाद सबसे अधिक है और यही वजह है कि नेता इन डेरों तक खिंचे चले आते हैं. ये डेरे आध्यात्मिक केंद्र के अलावा सामाजिक सरोकार भी रखते हैं. कोरोना संकट के समय भी डेरा ब्यास ने अपने सत्संग घरों को कोविड केयर सेंटर के लिए दिया था. इन डेरों में शीश नंवाकर नेताओं की कोशिश इन डेरों के अनुयायियों को अपने पाले में करने की होती है.
हिमाचल के नेता और डेरे- हिमाचल के लिहाज से देखें तो नवंबर 2017 में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती अपनी पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ डेरा ब्यास पहुंचे. वहां उन्होंने सत्संग प्रवचन सुने और डेरा ब्यास के आध्यात्मिक आंदोलन की तारीफ की. सांसद अनुराग ठाकुर भी डेरा ब्यास गए थे. नवंबर की सात तारीख को सतपाल सिंह सत्ती के साथ वीरेंद्र कंवर भी थे. वर्ष 2017 में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी सोलन में डेरा ब्यास के गुरूजी के समक्ष हाजिरी भरी थी. सभी नेता डेरा ब्यास के सामाजिक कार्यों की भी प्रशंसा करते हैं.
पंजाब और हरियाणा में राधास्वामी डेरा ब्यास, डेरा सच्चा सौदा सिरसा और निरंकारी मिशन का प्रभाव है. इसके अलावा अन्य डेरों का भी असर है, लेकिन ये तीन प्रमुख हैं. इसी तरह हिमाचल में भी इन्हीं डेरों के अनुयायी अच्छी खासी तादाद में हैं. इनमें से राधास्वामी सतसंग ब्यास के अनुयायियों की संख्या सबसे अधिक है.
आजादी से पहले भी ब्यास डेरा के गुरुजन हिमाचल की यात्राएं करते रहे हैं। यहां कांगड़ा जिला के परौर, सोलन के रबौण, शिमला के यूएस क्लब, हमीरपुर के भोटा में डेरा ब्यास के विशालकाय सतसंग भवन हैं. इसी तरह डेरा सच्चा सौदा के पालमपुर के चचियां में बड़ा डेरा है. निरंकारी मिशन के भी शिमला, मंडी आदि में सत्संग घर हैं. यहां नियमित अंतराल पर लाखों की संख्या में अनुयायी प्रवचन सुनने के लिए आते हैं. हिमाचल में इसी तरह डेरा सच्चा सौदा और निरंकारी मिशन के भी सत्संग भवन हैं. स्थानीय तौर पर देखें तो राजनेता ऊना जिला के बाबा लाल आश्रम, डेरा बाबा रुद्रानंद की मान्यता है. यहां भी राजनेता चुनाव में जीत का आशीष लेने आते हैं. बाबा लाल आश्रम में तो मुकेश अग्निहोत्री, वीरेंद्र कंवर, सतपाल सिंह सत्ती सहित सीएम जयराम ठाकुर भी अकसर शीश नंवाने आते हैं, हालांकि इन डेरों से भी कभी अपने अनुयायियों को पार्टी विशेष के पक्ष में मतदान की अपील व निर्देश नहीं दिए गए लेकिन हिमाचल के राजनेता इस बात को समझते हैं कि इन डेरों के अनुयायियों का भावुक समर्थन हासिल करने के लिए उनके गुरुजनों के आगे नतमस्तक होना जरूरी है. एक बार फिर से चुनाव का सीजन आया है. हाल ही में सीएम जयराम ठाकुर, बीजेपी नेता सतपाल सिंह सत्ती और कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर ऊना में बाबा लाल आश्रम में माथा टेकने गए थे. कांग्रेस नेता मुकेश अग्निहोत्री भी समय-समय पर वहां जाते रहते हैं. पर्दे के पीछे राजनेता डेरों के गुरुजनों से क्या गुहार लगाते हैं, ये तो वही जानते हैं, लेकिन हिमाचल के मतदाता धार्मिक होने के साथ-साथ विवेकवान भी हैं. देखना है कि पीएम नरेंद्र मोदी का डेरा ब्यास में जाना हिमाचल भाजपा के लिए कितना लाभपूर्ण साबित होता है.