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पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात करें पीएम मोदी : कांग्रेस सांसद

ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi ) को पुर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मुद्दों को हल करने और आम सहमति बनाने के उद्देश्य से को राष्ट्रीय राजधानी (national capital) में बुलाकर बात करनी चाहिए.

कांग्रेस सांसद
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Published : Aug 19, 2021, 4:40 PM IST

नई दिल्ली : पूर्वोत्तर राज्यों में बढ़ते तनाव के बीच कांग्रेस के लोकसभा सांसद (Congress Lok Sabha MP) गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi ) से इन राज्यों में मुद्दों को हल करने के लिए आम सहमति बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्रियों को राष्ट्रीय राजधानी (national capital) बुलाने के लिए कहा.

ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, 'ये खबरें बहुत परेशान करने वाली हैं. ये राज्य भारत की सीमा पर हैं और भारत के इन हिस्सों में किसी भी तरह की दुश्मनी सीमा पार निहित स्वार्थ की ओर ले जाती है और हमारी राजनीति पक नकारात्मक प्रभाव डालती है.'

उन्होंने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर में मौजूदा माहौल में बदलाव करे. उन्होंने आगे कहा, 'कांग्रेस सरकार ( Congress Government) के कार्यकाल के दौरान हमने इस छवि को तोड़ दिया कि पूर्वोत्तर उग्रवाद और हिंसा का क्षेत्र है. हम शांति और आर्थिक (peace and economic reform) सुधार लाए, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री के पास केवल फैंसी शब्द हैं. पिछले 7-8 महीनों से पूर्वोत्तर से सिर्फ नकारात्मक खबरें आ रही हैं और पीएम ने चुप्पी साध रखी है.अब, जब संकट का समय है और जहां सरकार को अधिक गंभीर होने की आवश्यकता है, हम पीएम से एक शब्द भी नहीं सुन रहे हैं.

ईटीवी भारत से बात करते गौरव गोगोई

गोगोई का यह बयान हाल ही में असम-मिजोरम सीमा (Assam-Mizoram border) पर गोलीबारी की घटना के बाद आया है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि इसके अलावा, अन्य राज्यों में एनएससीएन (आई-एम) ने नागालैंड के राज्यपाल आर एन रवि ( governor R N Ravi) को केंद्र के वार्ताकार के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

गोगोई ने कहा, 'सबसे पहले प्रधानमंत्री को एक आम सहमति बनाने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों को दिल्ली बुलाना चाहिए, उनके साथ बैठना चाहिए, उनके साथ बात करनी चाहिए और समझना चाहिए कि समस्या कहां है. कागज पर कुछ नहीं होना चाहिए, हमें फैंसी शब्दों की जरूरत नहीं है, हमें वास्तविक शासन की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि हमें अच्छे नेतृत्व के बजाय, दुर्भाग्य से हम कुप्रबंधन और प्रकाशिकी और पीआर पर अधिक निर्भरता देख रहे हैं.

पढ़ें - बलात्कार के बढ़ते मामले हैं बड़ा मुद्दा, ट्विटर अकाउंट नहीं : कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को केंद्र सरकार (Central Government) पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया था कि वह पूर्वोत्तर राज्यों को अराजकता में धकेल रही है और वहां कानून-व्यवस्था ( law and order) पूरी तरह से चरमरा गई है.

सुष्मिता देव (Sushmita Dev ) के तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) में शामिल होने के मामले पर बोलते हुए गोगोई ने कहा कि उन्होंने एक गलत कदम उठाया है. उन्होंने गलती की है. इस समय सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को छोड़कर, जिन्होंने उन्हें इतनी सारी या जिम्मेदारी सौंपी थी, अब समय आ गया है कि उनके साथ एकजुटता से खड़े हों, उनकी ताकत बनें और इसके बजाय, उन्होंने खुद को चुना है, जो कि उनकी ओर से एक बेहद गलत कदम है.

नई दिल्ली : पूर्वोत्तर राज्यों में बढ़ते तनाव के बीच कांग्रेस के लोकसभा सांसद (Congress Lok Sabha MP) गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi ) से इन राज्यों में मुद्दों को हल करने के लिए आम सहमति बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्रियों को राष्ट्रीय राजधानी (national capital) बुलाने के लिए कहा.

ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, 'ये खबरें बहुत परेशान करने वाली हैं. ये राज्य भारत की सीमा पर हैं और भारत के इन हिस्सों में किसी भी तरह की दुश्मनी सीमा पार निहित स्वार्थ की ओर ले जाती है और हमारी राजनीति पक नकारात्मक प्रभाव डालती है.'

उन्होंने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर में मौजूदा माहौल में बदलाव करे. उन्होंने आगे कहा, 'कांग्रेस सरकार ( Congress Government) के कार्यकाल के दौरान हमने इस छवि को तोड़ दिया कि पूर्वोत्तर उग्रवाद और हिंसा का क्षेत्र है. हम शांति और आर्थिक (peace and economic reform) सुधार लाए, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री के पास केवल फैंसी शब्द हैं. पिछले 7-8 महीनों से पूर्वोत्तर से सिर्फ नकारात्मक खबरें आ रही हैं और पीएम ने चुप्पी साध रखी है.अब, जब संकट का समय है और जहां सरकार को अधिक गंभीर होने की आवश्यकता है, हम पीएम से एक शब्द भी नहीं सुन रहे हैं.

ईटीवी भारत से बात करते गौरव गोगोई

गोगोई का यह बयान हाल ही में असम-मिजोरम सीमा (Assam-Mizoram border) पर गोलीबारी की घटना के बाद आया है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि इसके अलावा, अन्य राज्यों में एनएससीएन (आई-एम) ने नागालैंड के राज्यपाल आर एन रवि ( governor R N Ravi) को केंद्र के वार्ताकार के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

गोगोई ने कहा, 'सबसे पहले प्रधानमंत्री को एक आम सहमति बनाने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों को दिल्ली बुलाना चाहिए, उनके साथ बैठना चाहिए, उनके साथ बात करनी चाहिए और समझना चाहिए कि समस्या कहां है. कागज पर कुछ नहीं होना चाहिए, हमें फैंसी शब्दों की जरूरत नहीं है, हमें वास्तविक शासन की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि हमें अच्छे नेतृत्व के बजाय, दुर्भाग्य से हम कुप्रबंधन और प्रकाशिकी और पीआर पर अधिक निर्भरता देख रहे हैं.

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कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को केंद्र सरकार (Central Government) पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया था कि वह पूर्वोत्तर राज्यों को अराजकता में धकेल रही है और वहां कानून-व्यवस्था ( law and order) पूरी तरह से चरमरा गई है.

सुष्मिता देव (Sushmita Dev ) के तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) में शामिल होने के मामले पर बोलते हुए गोगोई ने कहा कि उन्होंने एक गलत कदम उठाया है. उन्होंने गलती की है. इस समय सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को छोड़कर, जिन्होंने उन्हें इतनी सारी या जिम्मेदारी सौंपी थी, अब समय आ गया है कि उनके साथ एकजुटता से खड़े हों, उनकी ताकत बनें और इसके बजाय, उन्होंने खुद को चुना है, जो कि उनकी ओर से एक बेहद गलत कदम है.

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