नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की आठवीं किस्त के रूप में 9.5 करोड़ लाभार्थी किसान परिवारों के लिए 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की.
ज्ञात हो कि इस योजना के अंतर्गत, कुछ अपवादों को छोड़कर, जोत वाले किसान परिवारों की आय में 6,000 रूपये की सालाना सहायता प्रदान की जाती है. इस योजना के तहत हर चार महीने पर 2,000-2,000 रूपये की तीन किस्तें प्रदान की जाती हैं. यह धनराशि डीबीटी माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे जमा कराई जाती है.
बता दें प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम-किसान सम्मान निधि की राशि जारी करेंगे और लाभार्थियों से संवाद भी करेंगे. इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी उपस्थित रहेंगे.
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बयान में कहा गया, इस दौरान 9.5 करोड़ से अधिक किसान परिवारों के खातों में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की गई. अब तक इस योजना के तहत, 1.15 लाख करोड़ रुपये किसान परिवारों के खातों में हस्तांरित किए जा चुके हैं. प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, देश के करोड़ों अन्नदाताओं के लिए शुक्रवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण है.
संबोधन की महत्वपूर्ण बातें
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा बंगाल के किसानों को पहली बार पीएम किसान सम्मान निधि की सुविधा का लाभ मिलना शुरू हुआ है. आज बंगाल के लाखों किसानों को पहली किस्त पहुंची है. जैसे-जैसे राज्य से किसानों के नाम केंद्र सरकार को मिलेंगे, वैसे-वैसे लाभार्थी किसानों की संख्या और बढ़ती जाएगी.
- अभी तक इस योजना(पीएम किसान सम्मान निधि) के तहत देश के लगभग 11 करोड़ किसानों के पास करीब 1 लाख 35 हज़ार करोड़ रुपये पहुंच चुके हैं. इनमें से सिर्फ कोरोना काल में ही 60,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा पहुंचे हैं.
- 100 साल बाद आई इतनी भीषण महामारी कदम-कदम पर दुनिया की परीक्षा ले रही है. हमारे सामने एक अदृश्य दुश्मन है. हम अपने बहुत से करीबियों को खो चुके हैं. बीते कुछ समय से जो कष्ट देशवासियों ने सहा है, वो मैं भी उतना ही महसूस कर रहा हूं.
- इस संकट के समय में दवाईयों और जरूरी वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाजारी में भी कुछ लोग अपने निहित स्वार्थ के कारण लगे हुए हैं. मैं राज्य सरकारों से आग्रह करूंगा कि ऐसे लोगों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए. ये कृत्य मानवता के खिलाफ है.
- इस वर्ष अभी तक बीते वर्ष की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक गेहूं एमएसपी पर खरीदा जा चुका है. अभी तक गेहूं की खरीद का लगभग 58 हज़ार करोड़ रुपए सीधे किसानों के खाते में पहुंच चुका है.
- खेती में नए समाधान, नए विकल्प देने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है. जैविक खेती को बढ़ावा देना ऐसे ही प्रयास हैं. इस प्रकार की फसलों में लागत भी कम है, ये मिट्टी और इंसान के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं और इनकी कीमत भी ज्यादा मिलती है.
- बचाव का एक बहुत बड़ा माध्यम है, कोरोना का टीका
केंद्र सरकार और सारी राज्य सरकारें मिलकर ये निरंतर प्रयास कर रही हैं कि ज्यादा से ज्यादा देशवासियों को तेज़ी से टीका लग पाए. देशभर में अभी तक करीब 18 करोड़ वैक्सीन डोज दी जा चुकी है. देशभर के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त टीकाकरण किया जा रहा है. इसलिए जब भी आपकी बारी आए तो टीका ज़रूर लगाएं. ये टीका हमें कोरोना के विरुद्ध सुरक्षा कवच देगा, गंभीर बीमारी की आशंका को कम करेगा.