नई दिल्ली : विपक्षी गठबंधन INDIA मजबूती की ओर बढ़ रहा है और इससे पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) घबरा गए हैं. इसीलिए उन्होंने मुंबई में उसी दिन एनडीए की बैठक बुलाई गई है, जिस दिन इंडिया के नेता एकत्र होंगे. ये हमारे लिए अच्छा है, वे गलतियां करेंगे और इससे विपक्ष को मदद मिलेगी. उक्त बातें मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण (former Maharashtra cm Prithviraj Chavan) ने ईटीवी भारत से बातचीत में कही.
उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन की तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होगी. बैठक की मेजबानी शिवसेना यूबीटी द्वारा की जा रही है, जो पश्चिमी राज्य में कांग्रेस-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन का हिस्सा है. उन्होंने कहा जद-यू ने 23 जून को पटना में पहली बैठक की मेजबानी की थी और शिवसेना यूबीटी मुंबई में तीसरे गठबंधन की बैठक की मेजबानी कर रही है. यह दर्शाता है कि क्षेत्रीय दलों को विपक्षी गठबंधन में उचित महत्व मिल रहा था. चव्हाण ने कहा कि हालांकि कांग्रेस और राकांपा भी विपक्षी सम्मेलन की मेजबानी के लिए शिवसेना यूबीटी की मदद कर रही हैं, लेकिन हमें शिवसेना यूबीटी द्वारा इसका श्रेय लेने में कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि संयोग से इंडिया गठबंधन ने 18 जुलाई को बेंगलुरु में अपनी दूसरी बैठक की थी और उसी दिन दिल्ली में एनडीए ने भी अपना सत्र आयोजित किया था.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में इंडिया में 26 पार्टियां हैं और विपक्षी गठबंधन में कुछ नए शामिल होने की संभावना है, लेकिन मुंबई में तीसरी बैठक के दौरान प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल पंजाब में भाजपा का पूर्व सहयोगी है. शिअद ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर भाजपा से नाता तोड़ लिया था वहीं किसानों के भारी विरोध के बाद केंद्र को कृषि कानूनों को रद्द करना पड़ा था. अगर शिरोमणि अकाली दल फिर से भाजपा के साथ जाने का विकल्प चुनता है तो उसे पंजाब में मोदी-विरोधी किसानों से भारी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ सकता है. मुझे लगता है कि अकाली दल इसके बजाय इंडिया गठबंधन में शामिल होने का विकल्प चुन सकता है.
चव्हाण ने कहा कि यही हाल हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) का भी है. अभी तक उन्हें लेने पर कोई निर्णय नहीं हुआ है लेकिन मुंबई बैठक के दौरान ऐसे प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी और निर्णय लेने में कुछ और समय लग सकता है. कांग्रेस नेता ने कहा कि इंडिया गठबंधन का वोट शेयर एनडीए की तुलना में थोड़ा बेहतर है, हालांकि सटीक प्रतिशत अब और 2024 के चुनावों के बीच भिन्न हो सकते हैं. इंडिया अच्छी स्थिति में है और आने वाले दिनों में और अधिक साझेदारों को आकर्षित कर सकता है. हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि भारत के साझेदारों के बीच सीटों का बंटवारा और आप गठबंधन में रहेगी या नहीं जैसे मुद्दे पेचीदा हैं.
चव्हाण ने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि सीटों का बंटवारा मुश्किल नहीं होगा. यही बात इस पर भी लागू होती है कि आप रहेगी या नहीं या अधिक क्षेत्रीय दल हमारे साथ जुड़ेंगे या नहीं. जब हम पुल पर पहुंचे तो हमें उसे पार करना होगा. पीएम मोदी क्षेत्रीय दलों को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे ताकि वे 2024 का चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ सकें. इससे भाजपा को मदद मिलेगी.
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