नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक मौजूदा टर्मिनल की क्षमता हर रोज 4,000 पर्यटकों को सेवा देने की थी, नया टर्मिनल बनने के बाद इस हवाईअड्डे की क्षमता रोज करीब-करीब 11,000 पर्यटकों को सेवा देने की हो गई है. हवाईअड्डे पर अब एक साथ 10 विमान खड़े हो पाएंगे. यानी यहां के लिए नए विमानों का भी रास्ता खुल गया है.
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अभी तक मौजूदा टर्मिनल की क्षमता हर रोज 4,000 पर्यटकों को सेवा देने की थी, नया टर्मिनल बनने के बाद इस हवाईअड्डे की क्षमता रोज करीब-करीब 11,000 पर्यटकों को सेवा देने की हो गई है। हवाईअड्डे पर अब एक साथ 10 विमान खड़े हो पाएंगे। यानी यहां के लिए नए विमानों का भी रास्ता खुल गया है:… pic.twitter.com/f1Xxx67nSM
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इससे पहले पीएमओ ने कहा कि संपर्क के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना सरकार का एक प्रमुख फोकस रहा है. उसके मुताबिक, लगभग 710 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नए एकीकृत टर्मिनल भवन के शुरु हो जाने से इस केंद्रशासित प्रदेश में संपर्क को बढ़ावा मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पोर्ट ब्लेयर के वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नया एकीकृत टर्मिनल भवन अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की आसान यात्रा सुनिश्चित करेगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. आपको बता दें कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 'खोल के आकार' के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा. प्रधान मंत्री कार्यालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार उद्घाटन समारोह सुबह 10:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया जाएगा.
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#WATCH | Prime Minister Narendra Modi inaugurates the New Integrated Terminal Building of Veer Savarkar International Airport in Port Blair, via video conferencing. pic.twitter.com/UXKLEk7iaV
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लगभग 40,800 वर्ग मीटर के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ, नया टर्मिनल भवन सालाना लगभग 50 लाख यात्रियों के आवागमन को संभालने में सक्षम होगा. पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे पर 80 करोड़ रुपये की लागत से दो बोइंग-767-400 और दो एयरबस-321 प्रकार के विमानों के लिए उपयुक्त एप्रन का भी निर्माण किया गया है, जिससे हवाई अड्डे में अब एक समय में 10 विमानों की पार्किंग की जा सकती है. प्रकृति से प्रेरित, हवाई अड्डे के टर्मिनल का वास्तुशिल्प डिजाइन समुद्र और द्वीपों को दर्शाते हुए एक शंख के आकार की संरचना जैसा दिखता है.
पीएमओ ने कहा कि नए हवाई अड्डे के भवन में गर्मी को कम करने के लिए 'डबल इंसुलेटेड रूफिंग सिस्टम', भवन के अंदर कृत्रिम प्रकाश के उपयोग को कम करने के लिए और दिन में प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक रूप से सूर्य के प्रकाश का अधिक से अधिक प्रवेश कराने के लिए रोशनदानों की व्यवस्था, एलईडी लाइटिंग, गर्मी कम करने वाली ग्लेजिंग जैसी स्थिरता वाली कई विशेषताएं मौजूद हैं.
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इस भवन में भूमिगत जल टैंक में वर्षा जल संग्रहण, शत-प्रतिशत शोधित अपशिष्ट जल को लैंडस्कैपिंग (भूदृश्य) के लिए दोबारा उपयोग करने के साथ ऑन-साइट सीवेज शोधन संयंत्र तथा 500 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र की मौजूदगी, इस टर्मिनल भवन की कुछ अन्य विशेषताएं हैं, जो इन द्वीपों के पर्यावरण पर कम से कम नकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित करती हैं. पीएमओ ने कहा कि अंडमान और निकोबार के प्राचीन द्वीपों के प्रवेश द्वार के रूप में, पोर्ट ब्लेयर पर्यटकों के लिए बहुत लोकप्रिय गंतव्य स्थल है.
उसने कहा, 'यह विशाल नया एकीकृत टर्मिनल भवन, हवाई यातायात को बढ़ावा देने के साथ-साथ इस क्षेत्र में पर्यटन में वृद्धि करने में भी सहायता प्रदान करेगा. इससे स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में भी सहायता मिलेगी.'
(पीटीआई-भाषा)