नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से फार्मास्युटिकल या दवा क्षेत्र के प्रथम वैश्विक नवाचार शिखर सम्मेलन (Pharmaceutical Sector Global Innovation Summit) का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना के दौरान फार्मा सेक्टर ने चुनौतियों का सामना किया. उन्होंने कहा कि 150 से ज्यादा देशों को दवा व अन्य स्वास्थ्य उपकरण मुहैया कराए गए.
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भारत के फार्मा सेक्टर ने दिखाया कि हम पूरी मानव जाति के कल्याण में यकीन रखते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने जो वैश्विक भरोसा हासिल किया है उसकी वजह से आज देश को 'दुनिया की फार्मेसी' कहा जा रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि करीब 13 अरब डॉलर के व्यापार अधिशेष तथा 30 लाख लोगों को रोजगार देने वाला फार्मा क्षेत्र देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है.
मोदी ने कहा कि देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में वर्ष 2014 से 12 अरब डॉलर से अधिक विदेशी निवेश आया है, हालांकि, फार्मा क्षेत्र की क्षमता इससे कहीं अधिक है.
उन्होंने कहा कि भारत ने इस साल 100 से अधिक देशों को कोविड टीकों की 6.5 करोड़ खुराक का निर्यात किया. हम क्षमता बढ़ा रहे हैं, उसके बाद और निर्यात करेंगे.
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इससे पहले गत 16 नवंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा था कि दवा क्षेत्र का प्रथम वैश्विक नवाचार शिखर सम्मेलन एक विशिष्ट पहल है जिसका उद्देश्य भारत के दवा उद्योग में नवाचार के उत्कृष्ट परिवेश या माहौल को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्राथमिकताओं पर चर्चा करने और रणनीति बनाने के लिए सरकार एवं उद्योग जगत के प्रमुख भारतीय व अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों, शिक्षाविदों, निवेशकों और शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाना है.
पीएमओ ने कहा था कि इस शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय फार्मा या दवा उद्योग में उपलब्ध अवसरों पर भी प्रकाश डाला जाएगा जिनमें विकास की अपार संभावनाएं हैं.
इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के दौरान 12 सत्र होंगे और 40 से भी अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय वक्ता नियामकीय माहौल, नवाचार का वित्त पोषण या धनराशि की व्यवस्था करने, उद्योग-अकादमिक सहयोग, और नवाचार संबंधी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं सहित कई विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे.
इस शिखर सम्मेलन में देश-विदेश के दवा उद्योगों के प्रमुख सदस्य, अधिकारी, निवेशक और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जॉन हॉपकिन्स इंस्टीट्यूट, आईआईएम अहमदाबाद एवं अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के शोधकर्ता भाग लेंगे.
(एजेंसी इनपुट)