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पीएम मोदी ने सोशल मीडिया व क्रिप्टोकरेंसी के लिए वैश्विक नियमों को लेकर संयुक्त कोशिशों की अपील की

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (american president joe biden) की मेजबानी वाले लोकतंत्र सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने तथा शासन के सभी क्षेत्रों में पारदर्शिता बढ़ाने की अपनी विशेषज्ञता साझा करने में भारत को खुशी होगी. इस दौरान मोदी ने सोशल मीडिया व क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency and social media) के लिए वैश्विक नियमों को लेकर संयुक्त कोशिशों की अपील की

पीएम मोदी
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Published : Dec 10, 2021, 10:23 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister narendra modi) ने शुक्रवार को सोशल मीडिया और ‘क्रिप्टोकरेंसी’ (cryptocurrency and social media) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए वैश्विक नियम बनाने को लेकर संयुक्त प्रयास किए जाने की अपील की, ताकि उनका उपयोग लोकतंत्र को मजबूत करने में किया जाए, ना कि इसे कमजोर करने में किया जाए.

उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के प्रसिद्ध उद्धरण का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि ‘‘लोकतंत्र का तात्पर्य जनता के साथ, जनता में निहित होने से भी है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि बहु-दलीय चुनाव,स्वतंत्र न्यायपालिका और स्वतंत्र मीडिया जैसी संरचनात्मक विशेषताएं लोकतंत्र के महत्वपूर्ण तत्व हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, लोकतंत्र की मौलिक शक्ति हमारे नागरिकों और समाज में निहित भावना और लोकाचार है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘लोकतंत्र सिर्फ जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए नहीं है, बल्कि जनता के साथ, जनता में निहित भी है.

उन्होंने सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए वैश्विक नियम बनाने को लेकर संयुक्त कोशिशें किये जाने की भी अपील की.

उन्होंने कहा, ‘‘हमें सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए संयुक्त रूप से वैश्विक नियम बनाने चाहिए, ताकि उनका उपयोग लोकतंत्र को मजबूत करने में किया जाए, ना कि उसे कमजोर करने में.’’ पिछले तीन हफ्तों में, यह दूसरा अवसर है जब मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए साथ मिलकर काम करने की अपील की है.

उन्होंने 18 नवंबर को ‘सिडनी डॉयलॉग’ में अपने वर्चुअल संबोधन में लोकतांत्रिक राष्ट्रों से यह सुनिश्चित करने के लिए साथ मिल कर काम करने की अपील की थी कि क्रिप्टोकरेंसी गलत लोगों के नियंत्रण में नहीं जाए.

प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र सम्मेलन में कहा कि लोकतांत्रिक भावना हमारे सभ्यागत लोकाचार का अभिन्न हिस्सा है और सदियों का औपनिवेशिक शासन भारत के लोगों की लोकतांत्रिक भावना को नहीं दबा सका.

उन्होंने कहा, इसे भारत की आजादी के साथ फिर से पूर्ण अभिव्यक्ति मिली और इसने पिछले 75 वर्षों में लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण की एक अद्वितीय गाथा रची.’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व सामाजिक-आर्थिक समावेश की एक गाथा है. यह अकल्पनीय पैमाने पर स्वास्थ्य, शिक्षा और मानव कल्याण में निरंतर प्रगति की गाथा है.’’

मोदी ने कहा, ‘‘भारत की गाथा विश्व को एक स्पष्ट संदेश है. लोकतंत्र सफल हो सकता है, लोकतंत्र सफल रहा है और लोकतंत्र सफलतापूर्वक काम करता रहेगा.’’

उन्होंने कहा कि साथ मिल कर काम कर लोकतांत्रिक देश नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा कर सकते हैं मानवता की लोकतांत्रिक भावना को साकार कर सकते हैं.

उन्होंने कहा, भारत इस नेक प्रयास में अन्य लोकतंत्रों के साथ हाथ मिलाने को तैयार है.

पढ़ें : समिट फॉर डेमोक्रेसी में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत लोकतंत्र का अनुभव साझा करने को तैयार

मोदी ने अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए कहा कि वह सम्मेलन में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रतिनिधिनित्व कर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि विश्व के विभिन्न हिस्से लोकतांत्रिक विकास के अलग-अलग रास्ते पर चल रहे हैं और एक दूसरे से काफी कुछ सीखने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को अपने लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रणालियों को निरंतर बेहतर करने की जरूरत है.

(भाषा)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister narendra modi) ने शुक्रवार को सोशल मीडिया और ‘क्रिप्टोकरेंसी’ (cryptocurrency and social media) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए वैश्विक नियम बनाने को लेकर संयुक्त प्रयास किए जाने की अपील की, ताकि उनका उपयोग लोकतंत्र को मजबूत करने में किया जाए, ना कि इसे कमजोर करने में किया जाए.

उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के प्रसिद्ध उद्धरण का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि ‘‘लोकतंत्र का तात्पर्य जनता के साथ, जनता में निहित होने से भी है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि बहु-दलीय चुनाव,स्वतंत्र न्यायपालिका और स्वतंत्र मीडिया जैसी संरचनात्मक विशेषताएं लोकतंत्र के महत्वपूर्ण तत्व हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, लोकतंत्र की मौलिक शक्ति हमारे नागरिकों और समाज में निहित भावना और लोकाचार है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘लोकतंत्र सिर्फ जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए नहीं है, बल्कि जनता के साथ, जनता में निहित भी है.

उन्होंने सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए वैश्विक नियम बनाने को लेकर संयुक्त कोशिशें किये जाने की भी अपील की.

उन्होंने कहा, ‘‘हमें सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए संयुक्त रूप से वैश्विक नियम बनाने चाहिए, ताकि उनका उपयोग लोकतंत्र को मजबूत करने में किया जाए, ना कि उसे कमजोर करने में.’’ पिछले तीन हफ्तों में, यह दूसरा अवसर है जब मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए साथ मिलकर काम करने की अपील की है.

उन्होंने 18 नवंबर को ‘सिडनी डॉयलॉग’ में अपने वर्चुअल संबोधन में लोकतांत्रिक राष्ट्रों से यह सुनिश्चित करने के लिए साथ मिल कर काम करने की अपील की थी कि क्रिप्टोकरेंसी गलत लोगों के नियंत्रण में नहीं जाए.

प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र सम्मेलन में कहा कि लोकतांत्रिक भावना हमारे सभ्यागत लोकाचार का अभिन्न हिस्सा है और सदियों का औपनिवेशिक शासन भारत के लोगों की लोकतांत्रिक भावना को नहीं दबा सका.

उन्होंने कहा, इसे भारत की आजादी के साथ फिर से पूर्ण अभिव्यक्ति मिली और इसने पिछले 75 वर्षों में लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण की एक अद्वितीय गाथा रची.’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व सामाजिक-आर्थिक समावेश की एक गाथा है. यह अकल्पनीय पैमाने पर स्वास्थ्य, शिक्षा और मानव कल्याण में निरंतर प्रगति की गाथा है.’’

मोदी ने कहा, ‘‘भारत की गाथा विश्व को एक स्पष्ट संदेश है. लोकतंत्र सफल हो सकता है, लोकतंत्र सफल रहा है और लोकतंत्र सफलतापूर्वक काम करता रहेगा.’’

उन्होंने कहा कि साथ मिल कर काम कर लोकतांत्रिक देश नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा कर सकते हैं मानवता की लोकतांत्रिक भावना को साकार कर सकते हैं.

उन्होंने कहा, भारत इस नेक प्रयास में अन्य लोकतंत्रों के साथ हाथ मिलाने को तैयार है.

पढ़ें : समिट फॉर डेमोक्रेसी में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत लोकतंत्र का अनुभव साझा करने को तैयार

मोदी ने अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए कहा कि वह सम्मेलन में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रतिनिधिनित्व कर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि विश्व के विभिन्न हिस्से लोकतांत्रिक विकास के अलग-अलग रास्ते पर चल रहे हैं और एक दूसरे से काफी कुछ सीखने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को अपने लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रणालियों को निरंतर बेहतर करने की जरूरत है.

(भाषा)

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