नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) ने देश की शिक्षा प्रणाली को भविष्य की मांगों के अनुरूप फिर से तैयार किया है. वेबिनार को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि शिक्षा प्रणाली पहले 'कठोरता' का शिकार थी. उन्होंने कहा कि एनईपी ने लचीलापन लाया है और भविष्य की मांगों के अनुसार शिक्षा प्रणाली को फिर से उन्मुख किया है. 2023-24 के केंद्रीय बजट में की गई घोषणाओं को सूचीबद्ध करते हुए, प्रधान मंत्री ने भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने के रोडमैप को रेखांकित किया.
कार्यक्रम शनिवार को सुबह 10 बजे शुरू हुआ. बेविनार का विषय 'कौशल और शिक्षा के माध्यम से युवा शक्ति का उपयोग' था. बता दें कि सरकार केंद्रीय बजट में घोषित पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विचारों और सुझावों की तलाश कर रही है. जिसके लिए 12 पोस्ट-बजट वेबिनार की श्रृंखला आयोजित किये जाने हैं. प्रधानमंत्री का आज का कार्यक्रम उसी श्रृंखला का हिस्सा था.
जानकार सूत्रों के मुताबिक, वेबिनार में कौशल और शिक्षा दोनों क्षेत्रों को कवर करने वाले छह ब्रेकआउट सत्र होंगे. इसमें केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों के मंत्रियों और सचिवों के अलावा, राज्य सरकारों के शिक्षा और कौशल विभागों से आए कई स्टेक होल्डर, उद्योग के प्रतिनिधि, स्कूलों और विश्वविद्यालयों के छात्र, शिक्षक और संकाय, शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, कौशल विकास निकाय, क्षेत्र कौशल काउंसिल, आईटीआई, फिक्की, सीआईआई, नैसकॉम आदि जैसे निकाय इन वेबिनारों में भाग लिया और अपने सुझाव दिये.
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ब्रेकआउट सत्रों की थीम प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0, स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म, स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम और बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी और शिक्षक प्रशिक्षण हैं. बता दें कि केंद्रीय बजट में सात प्राथमिकताओं को अपनाया गया है. जिन्हें एक-दूसरे का पूरक कहा गया है. अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि समावेशी विकास सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है. केंद्रीय बजट की सात प्राथमिकताएं 'सप्तऋषि' के रूप में काम करेंगे और हमारा मार्गदर्शन करेंगे. इनमें शिक्षा और कौशल विकास एक है.
(एजेंसियां)