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नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत का गवाह बनेगा: पीएम मोदी

नए संसद भवन का शिलान्यास करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया है. उन्होंने कहा कि नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत का गवाह बनेगा. नया संसद भवन भारत की अलग पहचान बनाएगा.

नरेंद्र मोदी
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Published : Dec 10, 2020, 2:20 PM IST

Updated : Dec 10, 2020, 3:21 PM IST

नई दिल्ली: नए संसद भवन का शिलान्यास करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन बहुत ही ऐतिहासिक है. आज का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील के पत्थर की तरह है. हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा कि जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए, तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा, हमारी संसद की नई इमारत बने.

उन्होंने कहा कि हमारे वर्तमान संसद भवन ने आजादी के आंदोलन और फिर स्वतंत्र भारत को गढने में अपनी अहम भूमिका निभाई है. आजाद भारत की पहली सरकार का गठन भी यहीं हुआ और पहली संसद भी यहीं बैठी.

उन्होंने कहा कि संसद के शक्तिशाली इतिहास के साथ ही यथार्थ को स्वीकारना उतना ही आवश्यक है. ये इमारत अब करीब 100 साल की हो रही है. बीते वर्षों में इसे जरूरत के हिसाब से अपग्रेड किया गया. कई नए सुधारों के बाद संसद का ये भवन अब विश्राम मांग रहा है. वर्षों से नए संसद भवन की जरूरत महसूस की गई है. ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि 21वीं सदी के भारत को एक नया संसद भवन मिले. इसी कड़ी में ये शुभारंभ हो रहा है.

प्रधानमंत्री का संबोधन

पीएम मोदी ने कहा कि पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी, तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा. पुराने भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी.

'संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा'
उन्होंने कहा कि जैसे आज इंडिया गेट से आगे नेशनल वॉर मेमोरियल ने नई पहचान बनाई है, वैसे ही संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा. आने वाली पीढ़ियां नए संसद भवन को देखकर गर्व करेंगी कि ये स्वतंत्र भारत में बना है. आजादी के 75 वर्ष का स्मरण करके इसका निर्माण हुआ है.

प्रधानमंत्री का संबोधन

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए लोकतंत्र जीवन मूल्य है, जीवन पद्धति है, राष्ट्र जीवन की आत्मा है. भारत का लोकतंत्र, सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है. भारत के लिए लोकतंत्र में, जीवन मंत्र भी है, जीवन तत्व भी है और साथ ही व्यवस्था का तंत्र भी है.

पढ़ें-पीएम मोदी ने किया नए संसद भवन का शिलान्यास

प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं अपने जीवन में वो क्षण कभी नहीं भूल सकता, जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर मुझे संसद भवन में आने का अवसर मिला था. तब लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले, मैंने सिर झुकाकर, माथा टेककर, लोकतंत्र के इस मंदिर को नमन किया था.'

नई दिल्ली: नए संसद भवन का शिलान्यास करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन बहुत ही ऐतिहासिक है. आज का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील के पत्थर की तरह है. हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा कि जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए, तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा, हमारी संसद की नई इमारत बने.

उन्होंने कहा कि हमारे वर्तमान संसद भवन ने आजादी के आंदोलन और फिर स्वतंत्र भारत को गढने में अपनी अहम भूमिका निभाई है. आजाद भारत की पहली सरकार का गठन भी यहीं हुआ और पहली संसद भी यहीं बैठी.

उन्होंने कहा कि संसद के शक्तिशाली इतिहास के साथ ही यथार्थ को स्वीकारना उतना ही आवश्यक है. ये इमारत अब करीब 100 साल की हो रही है. बीते वर्षों में इसे जरूरत के हिसाब से अपग्रेड किया गया. कई नए सुधारों के बाद संसद का ये भवन अब विश्राम मांग रहा है. वर्षों से नए संसद भवन की जरूरत महसूस की गई है. ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि 21वीं सदी के भारत को एक नया संसद भवन मिले. इसी कड़ी में ये शुभारंभ हो रहा है.

प्रधानमंत्री का संबोधन

पीएम मोदी ने कहा कि पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी, तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा. पुराने भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी.

'संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा'
उन्होंने कहा कि जैसे आज इंडिया गेट से आगे नेशनल वॉर मेमोरियल ने नई पहचान बनाई है, वैसे ही संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा. आने वाली पीढ़ियां नए संसद भवन को देखकर गर्व करेंगी कि ये स्वतंत्र भारत में बना है. आजादी के 75 वर्ष का स्मरण करके इसका निर्माण हुआ है.

प्रधानमंत्री का संबोधन

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए लोकतंत्र जीवन मूल्य है, जीवन पद्धति है, राष्ट्र जीवन की आत्मा है. भारत का लोकतंत्र, सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है. भारत के लिए लोकतंत्र में, जीवन मंत्र भी है, जीवन तत्व भी है और साथ ही व्यवस्था का तंत्र भी है.

पढ़ें-पीएम मोदी ने किया नए संसद भवन का शिलान्यास

प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं अपने जीवन में वो क्षण कभी नहीं भूल सकता, जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर मुझे संसद भवन में आने का अवसर मिला था. तब लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले, मैंने सिर झुकाकर, माथा टेककर, लोकतंत्र के इस मंदिर को नमन किया था.'

Last Updated : Dec 10, 2020, 3:21 PM IST
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