नई दिल्लीः खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रविधान की समीक्षा की. इसके साथ ही मंत्रालय के अधिकारियों को राज्यों में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है. उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम का सख्ती से वे पालन कराएं. अगर कोई थोक व्यापारी या खुदरा विक्रेता कोरोना संकट की आड़ में कालाबाजारी एवं जमाखोरी करता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.
मंत्री गोयल ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 22 आवश्यक वस्तुओं खासकर दाल, तिलहन, सब्जियों, दूध की कीमतों पर पैनी नजर रखने को कहा है.
उन्होंने कहा कि जमाखोरी रोकने के लिये केंद्रीय उपभोक्ता विभाग की तरफ से सभी स्कॉटहोल्डर्स जैसे मिल मालिकों, व्यापारियों, ट्रेडर्स को अपने स्टॉक का ऐलान करें. साथ ही इसे राज्य सरकारों द्वारा सत्यापित कराएं.
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गोयल ने जरूरी वस्तुओं के दामों में अस्थिरता खत्म करने और स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक खाद्य वस्तुओं का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखने का भी निर्देश दिया है. इसके साथ ही राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को साप्ताहिक आधार पर दालों की कीमतों पर नजर रखने को कहा गया है.
ऐसे राज्य जहां दलहन का उत्पादन ज्यादा है, उनसे उन्होंने अपील की है कि दलहन की खेती के प्रति किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर खरीद की सुविधा प्रदान करें.
बता दें उपभोक्ता विभाग 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 157 केंद्रों से आवश्यक वस्तुओं के आंकड़े लगातार जुटाते हुए उनकी कीमतों पर भी नजर रखता है.