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त्रिपुरा : कोविड प्रबंधन पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

त्रिपुरा में कोविड को लेकर सरकार की तैयारियों पर उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को राज्य में ट्राइएज सिस्टम शुरू करने के विषय में विचार करने का अनुरोध किया गया. इस पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

जनहित याचिका की सुनवाई
जनहित याचिका की सुनवाई
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Published : May 25, 2021, 3:31 PM IST

अगरतला : त्रिपुरा उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने त्रिपुरा सरकार को महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए राज्य की तैयारियों के संबंध में एक सप्ताह के भीतर जवाबदेह नोटिस दिया है.

मुख्य न्यायाधीश ए कुरैशी और जस्टिस ए तलपात्र की खंडपीठ ने यहां एडवोकेट भास्कर देबबर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई की. अधिवक्ता रुमेला गुहा ने अदालत को बताया कि मुकदमे के माध्यम से ट्राइएज सिस्टम समेत तीन जरूरी मुद्दों को उठाया है.

पहला मुद्दा राज्य में ट्राइएज सिस्टम को शुरू करने पर आधारित है. उन्होंने अदालत को इस प्रणाली पर विचार करने का अनुरोध किया. इसे समझाने के लिए उन्होंने मुम्बई और दिल्ली का उदाहरण देकर कहा कि मुंबई में बीएमसी ने ट्राइएज सिस्टम पर काम किया, जिससे कोविड-19 संक्रमित मरीजों को स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित किया जा सके.

पढ़ेंः कोरोना संक्रमित पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य की हालत बिगड़ी, अस्पताल में कराया गया भर्ती

दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था गड़बड़ाई, क्योंकि इस ट्राइएज सिस्टम का अनुसरण नहीं किया गया. जबकि मुंबई में इस वजह से संक्रमितों की संख्या कम हो गई.

अगले दो मुद्दों पर उन्होंने कहा कि, याचिकाकर्ता भास्कर देबबर्मा राज्य सरकार से ऑक्सीजन, दवाइयों, उपकरणों, वेंटिलटर्स और अन्य आवश्यक चिकित्सकीय सामग्रियों की उपलब्धता के बारे में जानना चाहते हैं.

अदालत ने याचिका की सुनवाई के बाद राज्य को नोटिस दी और उपरोक्त मुद्दों पर एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

अगरतला : त्रिपुरा उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने त्रिपुरा सरकार को महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए राज्य की तैयारियों के संबंध में एक सप्ताह के भीतर जवाबदेह नोटिस दिया है.

मुख्य न्यायाधीश ए कुरैशी और जस्टिस ए तलपात्र की खंडपीठ ने यहां एडवोकेट भास्कर देबबर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई की. अधिवक्ता रुमेला गुहा ने अदालत को बताया कि मुकदमे के माध्यम से ट्राइएज सिस्टम समेत तीन जरूरी मुद्दों को उठाया है.

पहला मुद्दा राज्य में ट्राइएज सिस्टम को शुरू करने पर आधारित है. उन्होंने अदालत को इस प्रणाली पर विचार करने का अनुरोध किया. इसे समझाने के लिए उन्होंने मुम्बई और दिल्ली का उदाहरण देकर कहा कि मुंबई में बीएमसी ने ट्राइएज सिस्टम पर काम किया, जिससे कोविड-19 संक्रमित मरीजों को स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित किया जा सके.

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दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था गड़बड़ाई, क्योंकि इस ट्राइएज सिस्टम का अनुसरण नहीं किया गया. जबकि मुंबई में इस वजह से संक्रमितों की संख्या कम हो गई.

अगले दो मुद्दों पर उन्होंने कहा कि, याचिकाकर्ता भास्कर देबबर्मा राज्य सरकार से ऑक्सीजन, दवाइयों, उपकरणों, वेंटिलटर्स और अन्य आवश्यक चिकित्सकीय सामग्रियों की उपलब्धता के बारे में जानना चाहते हैं.

अदालत ने याचिका की सुनवाई के बाद राज्य को नोटिस दी और उपरोक्त मुद्दों पर एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

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