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Calcutta High Court : बलात्कार के 5 मामलों में सीबीआई जांच की मांग, भाजपा ने दायर की जनहित याचिका - बीजेपी सीबीआई कलकत्ता हाई कोर्ट

शांतिनिकेतन, नामखाना, पिंगला, मैनागुरी और नेत्रा में हुए बलात्कार के पांच मामलों की सीबीआई जांच की मांग करती जनहित याचिका (पीआईएल) पर मंगलवार को सुनवाई हुई. कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने मंगलवार को राज्य सरकार को इन मामलों में जांच से संबंधित स्थिति रिपोर्ट के साथ केस डायरी जमा करने का निर्देश दिया है. अदालत ने सक्षम अधिकारियों को इस बीच बलात्कार के मामलों में पीड़ितों और गवाहों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने का भी आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.

कलकत्ता उच्च न्यायालय
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Published : Apr 19, 2022, 1:45 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा कानूनी प्रकोष्ठ के वकीलों ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर राज्य में हाल ही में बलात्कार के पांच मामलों की सीबीआई जांच की मांग की. हाल में हुए बलात्कार के पांच मामले जिनमें शांतिनिकेतन, नामखाना, पिंगला, मैनागुरी और नेत्रा में हुए मामले शामिल हैं वकीलों ने राज्य पुलिस की जांच पर अविश्वास जताया है. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि ये सभी मामलों में विशेष और उचित जांच की जरूरत है. वकीलों ने नादिया बलात्कार मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने का हवाला देते हुए यह मांग की. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के तहत नादिया बलात्कार मामले की जांच कर रही है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 12 अप्रैल को आईपीएस अधिकारी दमयंती सेन को मटिया, इंग्रेजबाजार, डेगंगा और बंशद्रोणी बलात्कार मामलों की जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया.

अगली सुनवाई 26 अप्रैल को : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार को इन मामलों में जांच से संबंधित स्थिति रिपोर्ट के साथ केस डायरी जमा करने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने मंगलवार को कहा कि बलात्कार के अधिकांश मामलों में नाबालिग शामिल हैं. घटनाओं की प्रकृति और लगाए गए आरोपों को ध्यान में रखते हुए, बेंच ने राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता एसएन मुखर्जी को जांच की स्थिति से संबंधित एक रिपोर्ट और केस डायरी को सुनवाई की अगली तारीख पर पेश करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.

पीड़ितों और गवाहों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने का भी आदेश : अदालत ने सक्षम अधिकारियों को इस बीच बलात्कार के मामलों में पीड़ितों और गवाहों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने का भी आदेश दिया. कार्यवाही के दौरान, याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि संबंधित पुलिस अधिकारियों द्वारा जांच ठीक से नहीं की जा रही है और लागू प्रावधानों के तहत अपराध दर्ज नहीं किए गए हैं. याचिकाकर्ता ने आगे तर्क दिया कि इन बलात्कार के मामलों में पीड़ितों और गवाहों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी गई है. तदनुसार, बलात्कार के मामलों में सीबीआई जांच या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच का आदेश देने की मांग की गई थी. उधर, महाधिवक्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि रेप के सभी मामलों की जांच सही तरीके से की जा रही है.

पढ़ें: पश्चिम बंगाल : राज्यपाल ने ममता बनर्जी को दिया लॉ एंड ऑर्डर पर बातचीत का प्रस्ताव

पश्चिम बंगाल में बलात्कार के मामलों की श्रंखला :

नामखाना रेप केस: पश्चिम बंगाल के नामखाना गांव में आठ अप्रैल को पांच लोगों ने 40 वर्षीय एक महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया. आरोपियों ने महिला के प्राइवेट पार्ट में केरोसिन डालकर उसे जिंदा जलाने का प्रयास किया.
नेत्रा मामला: नेत्रा गांव के एक 45 वर्षीय व्यक्ति को 13 अप्रैल को एक नाबालिग लड़की से कथित तौर पर बलात्कार और धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पीड़िता, जो कक्षा 6 की छात्रा है, ने अपनी पुलिस शिकायत में कहा कि आरोपी ने कई मौकों पर उसका यौन शोषण किया और उसे घटना का खुलासा न करने की धमकी दी.
शांतिनिकेतन बलात्कार मामला: 14 अप्रैल को एक आदिवासी लड़की के साथ पांच लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था. लड़की की बहन के अनुसार, वे कंकलिताला के एक मेले से लौट रहे थे, जब पांच लोगों ने उसका अपहरण कर लिया और एक खेत में उसके साथ बलात्कार किया.
नादिया बलात्कार मामला: 4 अप्रैल को नदिया जिले में एक 14 वर्षीय लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। बाद में उसने अगले दिन दम तोड़ दिया। पीड़ित परिवार ने मामले में तृणमूल कांग्रेस के एक पंचायत नेता के बेटे पर आरोप लगाया है.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा कानूनी प्रकोष्ठ के वकीलों ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर राज्य में हाल ही में बलात्कार के पांच मामलों की सीबीआई जांच की मांग की. हाल में हुए बलात्कार के पांच मामले जिनमें शांतिनिकेतन, नामखाना, पिंगला, मैनागुरी और नेत्रा में हुए मामले शामिल हैं वकीलों ने राज्य पुलिस की जांच पर अविश्वास जताया है. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि ये सभी मामलों में विशेष और उचित जांच की जरूरत है. वकीलों ने नादिया बलात्कार मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने का हवाला देते हुए यह मांग की. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के तहत नादिया बलात्कार मामले की जांच कर रही है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 12 अप्रैल को आईपीएस अधिकारी दमयंती सेन को मटिया, इंग्रेजबाजार, डेगंगा और बंशद्रोणी बलात्कार मामलों की जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया.

अगली सुनवाई 26 अप्रैल को : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार को इन मामलों में जांच से संबंधित स्थिति रिपोर्ट के साथ केस डायरी जमा करने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने मंगलवार को कहा कि बलात्कार के अधिकांश मामलों में नाबालिग शामिल हैं. घटनाओं की प्रकृति और लगाए गए आरोपों को ध्यान में रखते हुए, बेंच ने राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता एसएन मुखर्जी को जांच की स्थिति से संबंधित एक रिपोर्ट और केस डायरी को सुनवाई की अगली तारीख पर पेश करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.

पीड़ितों और गवाहों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने का भी आदेश : अदालत ने सक्षम अधिकारियों को इस बीच बलात्कार के मामलों में पीड़ितों और गवाहों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने का भी आदेश दिया. कार्यवाही के दौरान, याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि संबंधित पुलिस अधिकारियों द्वारा जांच ठीक से नहीं की जा रही है और लागू प्रावधानों के तहत अपराध दर्ज नहीं किए गए हैं. याचिकाकर्ता ने आगे तर्क दिया कि इन बलात्कार के मामलों में पीड़ितों और गवाहों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी गई है. तदनुसार, बलात्कार के मामलों में सीबीआई जांच या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच का आदेश देने की मांग की गई थी. उधर, महाधिवक्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि रेप के सभी मामलों की जांच सही तरीके से की जा रही है.

पढ़ें: पश्चिम बंगाल : राज्यपाल ने ममता बनर्जी को दिया लॉ एंड ऑर्डर पर बातचीत का प्रस्ताव

पश्चिम बंगाल में बलात्कार के मामलों की श्रंखला :

नामखाना रेप केस: पश्चिम बंगाल के नामखाना गांव में आठ अप्रैल को पांच लोगों ने 40 वर्षीय एक महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया. आरोपियों ने महिला के प्राइवेट पार्ट में केरोसिन डालकर उसे जिंदा जलाने का प्रयास किया.
नेत्रा मामला: नेत्रा गांव के एक 45 वर्षीय व्यक्ति को 13 अप्रैल को एक नाबालिग लड़की से कथित तौर पर बलात्कार और धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पीड़िता, जो कक्षा 6 की छात्रा है, ने अपनी पुलिस शिकायत में कहा कि आरोपी ने कई मौकों पर उसका यौन शोषण किया और उसे घटना का खुलासा न करने की धमकी दी.
शांतिनिकेतन बलात्कार मामला: 14 अप्रैल को एक आदिवासी लड़की के साथ पांच लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था. लड़की की बहन के अनुसार, वे कंकलिताला के एक मेले से लौट रहे थे, जब पांच लोगों ने उसका अपहरण कर लिया और एक खेत में उसके साथ बलात्कार किया.
नादिया बलात्कार मामला: 4 अप्रैल को नदिया जिले में एक 14 वर्षीय लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। बाद में उसने अगले दिन दम तोड़ दिया। पीड़ित परिवार ने मामले में तृणमूल कांग्रेस के एक पंचायत नेता के बेटे पर आरोप लगाया है.

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