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DRDO जासूसी मामला: जांच की जिम्मेदारी केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने के लिए हाइकोर्ट में याचिका दायर - जनहित याचिका (पीआईएल)

वकील अरूण कुमार बुधिया ने अपनी याचिका में कहा कि मामले की जांच कर रही ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा इसके संपर्कों का पता लगाने में सक्षम नहीं है और वह सच्चाई का खुलासा नहीं कर पाएगी. बुधिया ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है और इसे सीबीआई या एनआईए को सौंपा जाना चाहिए.

DRDO जासूसी मामला
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Published : Sep 28, 2021, 11:05 PM IST

कटक (ओडिशा) : ओडिशा उच्च न्यायालय में मंगलवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर डीआरडीओ जासूसी मामले की जांच किसी केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का आग्रह किया गया है. इसमें कहा गया है कि ओडिशा के बालासोर जिले के चांदीपुर में डीआरडीओ जासूसी मामले के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े हुए हैं.

वकील अरूण कुमार बुधिया ने अपनी याचिका में कहा कि मामले की जांच कर रही ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा इसके संपर्कों का पता लगाने में सक्षम नहीं है और वह सच्चाई का खुलासा नहीं कर पाएगी. बुधिया ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है और इसे सीबीआई या एनआईए को सौंपा जाना चाहिए.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) के कम से कम पांच कर्मचारियों को धन एवं शादी सहित अन्य वादों के बदले रक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाएं विदेशी एजेंसियों को कथित तौर पर देने के लिए गिरफ्तार किया गया है.

यह भी पता चला है कि दुबई की एक 'रहस्यमयी' महिला आईटीआर के गिरफ्तार कर्मचारियों से ब्रिटेन में पंजीकृत सिम कार्ड के मार्फत संपर्क में थी. वह सोशल मीडिया के जरिए उनसे जुड़ी थी और उनमें से एक के साथ उसने शादी करने का वादा किया था. उसने अलग-अलग पहचान, पेशे एवं पते का इस्तेमाल किया.

बुधिया ने कहा कि इस तरह की परिस्थितियों में राज्य पुलिस के लिए यह कठिन होगा कि इतने संवेदनशील मामले में गहन जांच करे और दोषियों पर शिकंजा कस सके. खबर लिखे जाने तक उच्च न्यायालय ने पीआईएल का संज्ञान नहीं लिया था.

(पीटीआई-भाषा)

कटक (ओडिशा) : ओडिशा उच्च न्यायालय में मंगलवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर डीआरडीओ जासूसी मामले की जांच किसी केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का आग्रह किया गया है. इसमें कहा गया है कि ओडिशा के बालासोर जिले के चांदीपुर में डीआरडीओ जासूसी मामले के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े हुए हैं.

वकील अरूण कुमार बुधिया ने अपनी याचिका में कहा कि मामले की जांच कर रही ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा इसके संपर्कों का पता लगाने में सक्षम नहीं है और वह सच्चाई का खुलासा नहीं कर पाएगी. बुधिया ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है और इसे सीबीआई या एनआईए को सौंपा जाना चाहिए.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) के कम से कम पांच कर्मचारियों को धन एवं शादी सहित अन्य वादों के बदले रक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाएं विदेशी एजेंसियों को कथित तौर पर देने के लिए गिरफ्तार किया गया है.

यह भी पता चला है कि दुबई की एक 'रहस्यमयी' महिला आईटीआर के गिरफ्तार कर्मचारियों से ब्रिटेन में पंजीकृत सिम कार्ड के मार्फत संपर्क में थी. वह सोशल मीडिया के जरिए उनसे जुड़ी थी और उनमें से एक के साथ उसने शादी करने का वादा किया था. उसने अलग-अलग पहचान, पेशे एवं पते का इस्तेमाल किया.

बुधिया ने कहा कि इस तरह की परिस्थितियों में राज्य पुलिस के लिए यह कठिन होगा कि इतने संवेदनशील मामले में गहन जांच करे और दोषियों पर शिकंजा कस सके. खबर लिखे जाने तक उच्च न्यायालय ने पीआईएल का संज्ञान नहीं लिया था.

(पीटीआई-भाषा)

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