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मिजोरम में 1,700 से अधिक सुअरों की मौत, बीमारी अब भी काबू से बाहर

मिजोरम में 'अफ्रीकन स्वाइन फीवर' से सुअरों की मौत हो रही है. इस बीमारी को अब तक नियंत्रित नहीं किया जा सका है. अब तक इस बीमारी से कम से कम 1,728 सुअरों की मौत हो चुकी है.

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Published : May 7, 2021, 7:56 PM IST

आइजोल : मिजोरम में एक महीने में 1,700 से अधिक सुअरों की जान लेने वाले 'अफ्रीकन स्वाइन फीवर' (एएसएफ) को अब भी नियंत्रित नहीं किया जा सका है.

पशु पालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक (पशु स्वास्थ्य) डॉ. लालमिंगथंगा ने बताया कि यह बीमारी अन्य इलाकों में फैल रही है जबकि इस बीमारी के केंद्र में रोज होने वाली मौतों में कुछ हफ्तों में गिरावट देखने को मिली है.

इससे पहले राज्य सरकार ने लुंगलेई जिले में लुंगसेन गांव और इलेक्ट्रिक वेंग, आइजोल में आर्म्ड वेंग और एडेनथर इलाकों, सेरचिप जिले में केतुम गांव और दक्षिण मिजोरम के सिआह शहर में वेपी-1 को इस बीमारी का केंद्र घोषित किया था.

लालमिंगथंगा ने बताया कि कुछ और इलाकों को इस बीमारी का केंद्र घोषित किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि एएसएफ से 21 मार्च को बांग्लादेश सीमा के समीप लुंगसेन गांव में पहली मौत होने के बाद से अब तक कम से कम 1,728 सुअरों की मौत हो चुकी है.

पढ़ें :- रूस में सामने आए बर्ड फ्लू से मानव संक्रमण के मामले

उन्होंने बताया कि इस बीमारी से 6.91 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ है.

अधिकारी ने बताया कि सुअरों के नमूने जांच के लिए एकत्रित किए गए हैं. मौत की वजह का अभी पता नहीं चला है.

अधिकारियों ने बताया कि एएसएफ संक्रमण पड़ोसी देश बांग्लादेश और म्यांमार से आए सुअरों से होने का संदेह है.

आइजोल : मिजोरम में एक महीने में 1,700 से अधिक सुअरों की जान लेने वाले 'अफ्रीकन स्वाइन फीवर' (एएसएफ) को अब भी नियंत्रित नहीं किया जा सका है.

पशु पालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक (पशु स्वास्थ्य) डॉ. लालमिंगथंगा ने बताया कि यह बीमारी अन्य इलाकों में फैल रही है जबकि इस बीमारी के केंद्र में रोज होने वाली मौतों में कुछ हफ्तों में गिरावट देखने को मिली है.

इससे पहले राज्य सरकार ने लुंगलेई जिले में लुंगसेन गांव और इलेक्ट्रिक वेंग, आइजोल में आर्म्ड वेंग और एडेनथर इलाकों, सेरचिप जिले में केतुम गांव और दक्षिण मिजोरम के सिआह शहर में वेपी-1 को इस बीमारी का केंद्र घोषित किया था.

लालमिंगथंगा ने बताया कि कुछ और इलाकों को इस बीमारी का केंद्र घोषित किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि एएसएफ से 21 मार्च को बांग्लादेश सीमा के समीप लुंगसेन गांव में पहली मौत होने के बाद से अब तक कम से कम 1,728 सुअरों की मौत हो चुकी है.

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उन्होंने बताया कि इस बीमारी से 6.91 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ है.

अधिकारी ने बताया कि सुअरों के नमूने जांच के लिए एकत्रित किए गए हैं. मौत की वजह का अभी पता नहीं चला है.

अधिकारियों ने बताया कि एएसएफ संक्रमण पड़ोसी देश बांग्लादेश और म्यांमार से आए सुअरों से होने का संदेह है.

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