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दिल्ली HC में रामदेव के खिलाफ चिकित्सक संघों की याचिका दायर, 19 जुलाई को सुनवाई - All India Institute of Medical Sciences-AIIMs

बाबा रामदेव जनता को गुमराह कर रहे हैं और दुष्प्रचार कर रहे हैं कि कोविड-19 से ग्रस्त अनेक लोगों की मृत्यु के लिए एलोपैथी चिकित्सा पद्धति जिम्मेदार है. यह आरोप लगाते हुए सात चिकित्सक संघों ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कराई है. अदालत इसकी सुनवाई 19 जुलाई को सुनवाई करेगी.

रामदेव के खिलाफ चिकित्सक संघों की याचिका दायर
रामदेव के खिलाफ चिकित्सक संघों की याचिका दायर
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Published : Jul 15, 2021, 8:12 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने गुरुवार को कहा कि वह कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के बीच एलोपैथी के खिलाफ बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के बयानों से सार्वजनिक अशांति और दुष्प्रचार होने के आरोपों की सात चिकित्सक संघों की याचिका पर 19 जुलाई को सुनवाई करेगा. जस्टिस सी. हरिशंकर ने चिकित्सक संघों के वकील को निर्देश दिया कि कथित दुष्प्रचार से संबंधित वीडियो प्रस्तुत करें.

याचिकाकर्ता संघों में ऋषिकेश, पटना और भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences-AIIMs) के तीन रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (Resident Doctors Association), चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (Postgraduate Institute of Medical Education and Research-PGIMER) के चिकित्सकों का संघ आदि शामिल हैं. वरिष्ठ अधिवक्ताओं कपिल सिब्बल, अखिल सिब्बल और वकील हर्षवर्धन कोटला ने चिकित्सक संघों का पक्ष रखा.

पढ़ें : टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट और टीकाकरण : केंद्र ने राज्यों को कोविड की तीसरी लहर से किया आगाह

याचिकाओं में आरोप हैं कि बाबा रामदेव जनता को गुमराह कर रहे हैं और दुष्प्रचार कर रहे हैं कि कोविड-19 से ग्रस्त अनेक लोगों की मृत्यु के लिए एलोपैथी चिकित्सा पद्धति जिम्मेदार है. याचिका में चिकित्सक संघों ने कहा है कि रामदेव एलोपैथी उपचार और कोविड-19 रोधी टीकों की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आम जनता के दिमाग में संदेह पैदा कर रहे हैं.

उन्होंने अनुरोध किया कि अगस्त में कोविड-19 की तीसरी लहर के आने की आशंका को देखते हुए जरूरी हो गया है कि रामदेव के सतत दुष्प्रचार अभियान पर रोक लगाई जाए. अदालत ने एलोपैथिक दवाओं के खिलाफ रामदेव के बयानों के सिलसिले में तीन जून को दिल्ली चिकित्सक संघ की याचिकाओं पर समन जारी किये थे.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने गुरुवार को कहा कि वह कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के बीच एलोपैथी के खिलाफ बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के बयानों से सार्वजनिक अशांति और दुष्प्रचार होने के आरोपों की सात चिकित्सक संघों की याचिका पर 19 जुलाई को सुनवाई करेगा. जस्टिस सी. हरिशंकर ने चिकित्सक संघों के वकील को निर्देश दिया कि कथित दुष्प्रचार से संबंधित वीडियो प्रस्तुत करें.

याचिकाकर्ता संघों में ऋषिकेश, पटना और भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences-AIIMs) के तीन रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (Resident Doctors Association), चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (Postgraduate Institute of Medical Education and Research-PGIMER) के चिकित्सकों का संघ आदि शामिल हैं. वरिष्ठ अधिवक्ताओं कपिल सिब्बल, अखिल सिब्बल और वकील हर्षवर्धन कोटला ने चिकित्सक संघों का पक्ष रखा.

पढ़ें : टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट और टीकाकरण : केंद्र ने राज्यों को कोविड की तीसरी लहर से किया आगाह

याचिकाओं में आरोप हैं कि बाबा रामदेव जनता को गुमराह कर रहे हैं और दुष्प्रचार कर रहे हैं कि कोविड-19 से ग्रस्त अनेक लोगों की मृत्यु के लिए एलोपैथी चिकित्सा पद्धति जिम्मेदार है. याचिका में चिकित्सक संघों ने कहा है कि रामदेव एलोपैथी उपचार और कोविड-19 रोधी टीकों की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आम जनता के दिमाग में संदेह पैदा कर रहे हैं.

उन्होंने अनुरोध किया कि अगस्त में कोविड-19 की तीसरी लहर के आने की आशंका को देखते हुए जरूरी हो गया है कि रामदेव के सतत दुष्प्रचार अभियान पर रोक लगाई जाए. अदालत ने एलोपैथिक दवाओं के खिलाफ रामदेव के बयानों के सिलसिले में तीन जून को दिल्ली चिकित्सक संघ की याचिकाओं पर समन जारी किये थे.

(पीटीआई-भाषा)

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