लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) बड़ी साजिश रच रहा था. बीते दिनों पीएफआई के सदस्य परवेज और रईस को वाराणसी में गिरफ्तार किया गया था. इन दोनों ने कर्नाटक में हुई एक बैठक में शामिल होने के बाद वाराणसी में ही एक गुप्त कार्यालय खोल रखा था, जहां गजबा-ए-हिंद को अमली जामा पहनाने के लिए रणनीति बनती थी. यही नहीं गजवा-ए-हिंद प्लान को धरातल पर लाने के लिए पीएफआई ने वाराणसी को केंद्र बनाने की तैयारी की थी. ये खुलासे परवेज और रईस ने एटीएस की रिमांड के दौरान किए हैं.
कर्नाटक में हुई बैठक में शामिल हुए थे परवेज व रईस
सूत्रों के मुताबिक, 7 मई को वाराणसी से गिरफ्तार किए गए पीएफआई सदस्य परवेज अहमद और रईस अहमद ने एटीएस के सामने कई बड़े खुलासे किए हैं. दोनो ने रिमांड के दौरान एटीएस के अधिकारियों को बताया कि सितंबर 2022 में पीएफआई के खिलाफ हुई एनआईए व एटीएस की कार्रवाई के बाद गुप्त बैठकें की जा रही थी. सबसे बड़ी बैठक कर्नाटक में आयोजित की गई थी. इस बैठक में परवेज और रईस दोनो ने हिस्सा लिया था.
वाराणसी में गुप्त ऑफिस खोलकर सक्रियता बढ़ाना था मकसद
रिमांड के दौरान दोनों सदस्यों ने बताया कि कर्नाटक में हुई बैठक में निर्देश दिए गए थे कि संगठन को उस शहर में सबसे अधिक सक्रियता बढ़ानी है, जिसका सीधा संबंध प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री से हो. परवेज ने बताया कर्नाटक में हुई बैठक में पीएफआई के उच्च पदस्थ लोगों ने परवेज और रईस को वाराणसी में एक गुप्त कार्यालय खोलने के निर्देश दिए थे. इसके बाद वाराणसी में कार्यालय में गुप्त बैठकें होती थी और वहां उन मुस्लिम युवकों को बुलाया जाता था, जिन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से मिशन गजवा-ए-हिंद से जोड़ने के लिए चुना गया था. हालांकि इससे पहले कि अधिक संख्या में युवाओं को पीएफआई से जोड़ा जाता, एटीएस की ताबड़तोड़ छापेमारी में मिशन फेल हो गया.
जेल में बंद PFI कोषाध्यक्ष ने की थी दोनों की भर्ती
यूपी एटीएस चीफ नवीन अरोड़ा के मुताबिक, 7 मई को वाराणसी से गिरफ्तार किए गए 50 हजार के इनामी पीएफआई सदस्य परवेज और रईस ने बताया है कि उनकी भर्ती जेल में बंद नदीम ने की थी. नदीम पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का प्रदेश कोषाध्यक्ष है और बीते साल एटीएस की छापेमारी के दौरान उसे बाराबंकी से गिरफ्तार किया गया था. नवीन अरोड़ा के मुताबिक, अब जल्द ही नदीम से पूछताछ के लिए एक टीम जेल जाएगी और उससे अन्य उन लोगों के नाम उगलवायेगी जिन्हें उसने भर्ती किया है.
बैन होने के बाद भी सक्रिय था PFI
गौरतलब है कि सितंबर 2022 को प्रदेश भर में पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 50 से अधिक सदस्यों और पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने पीएफआई को बैन कर दिया था. एटीएस को सूचना मिली थी कि बैन होने के बाद भी पीएफआई के कुछ सदस्य सक्रिय हैं और नए सिरे से भर्ती की जा रही है. इसके बाद 7 मई को 20 से अधिक शहरों में छापेमारी कर 70 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. वहीं, वाराणसी से पीएफआई सदस्य परवेज व रईस अहमद को गिरफ्तार किया था. कोर्ट ने इन दोनों ही अभियुक्तों को 11 से 18 मई तक के लिए एटीएस को रिमांड दी थी, जो खत्म हो गई है.