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Challenging On Rahul Restoration As Lok Sabha : राहुल की लोकसभा सदस्यता बहाली को चुनौती देने वाली याचिका SC में दायर

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) की लोकसभा सदस्यता बहाली को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. गुजरात हाई कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में निचली अदालत द्वारा दो साल की सजा दिए जाने के बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस फैसले पर रोक लगाए जाने के बाद उनकी सदस्यता फिर से बहाल कर दी गई थी.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 5, 2023, 4:50 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. बता दें कि मोदी सरनेम के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था. केरल के वायनाड से सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी जिसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल कर दी गई.

लखनऊ के वकील अशोक पांडे ने लोकसभा की उस अधिसूचना को रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जिसके द्वारा गांधी की सदस्यता बहाल की गई थी. पांडे ने कहा कि एक बार आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने और दो साल की कैद की सजा मिलने के बाद गांधी ने अपनी लोकसभा सदस्यता खो दी थी. उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने उनकी खोई हुई सदस्यता वापस बहाल करने का फैसला नहीं किया था.

याचिका में कहा गया है कि एक बार संसद या राज्य विधानमंडल का कोई सदस्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 (3) के साथ पढ़े जाने वाले संविधान के अनुच्छेद 102, 191 में कानून के संचालन से अपना पद खो देता है, तो वह अयोग्य बना रहेगा. जब तक वह किसी ऊपरी अदालत द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से बरी नहीं हो जाता. याचिका में कहा गया कि राहुल गांधी को जब मानहानि के लिए दोषी ठहराया गया और दो साल की सजा सुनाई गई तो उन्होंने लोकसभा की अपनी सदस्यता खो दी और ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता बहाल करने का फैसला सही नहीं किया.

याचिका में आगे कहा गया कि जब राहुल गांधी को ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया था और दो साल की सजा सुनाई गई थी, तब लोकसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता खोने की घोषणा करने में सही थे, लेकिन सुप्रीम द्वारा पारित किए गए आदेश के आधार पर वह गलत थे. वहीं कोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए 13 जनवरी को उनके द्वारा पारित आदेश को 7 अगस्त के आदेश के जरिए बहाल कर दिया. इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट ने सत्र न्यायालय के फैसले की पुष्टि करते हुए राहुल गांधी को दोषी ठहराने और भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम सजा देने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

ये भी पढ़ें - SC ने UAPA के तहत जेल में बंद उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित की

(एएनआई)

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. बता दें कि मोदी सरनेम के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था. केरल के वायनाड से सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी जिसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल कर दी गई.

लखनऊ के वकील अशोक पांडे ने लोकसभा की उस अधिसूचना को रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जिसके द्वारा गांधी की सदस्यता बहाल की गई थी. पांडे ने कहा कि एक बार आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने और दो साल की कैद की सजा मिलने के बाद गांधी ने अपनी लोकसभा सदस्यता खो दी थी. उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने उनकी खोई हुई सदस्यता वापस बहाल करने का फैसला नहीं किया था.

याचिका में कहा गया है कि एक बार संसद या राज्य विधानमंडल का कोई सदस्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 (3) के साथ पढ़े जाने वाले संविधान के अनुच्छेद 102, 191 में कानून के संचालन से अपना पद खो देता है, तो वह अयोग्य बना रहेगा. जब तक वह किसी ऊपरी अदालत द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से बरी नहीं हो जाता. याचिका में कहा गया कि राहुल गांधी को जब मानहानि के लिए दोषी ठहराया गया और दो साल की सजा सुनाई गई तो उन्होंने लोकसभा की अपनी सदस्यता खो दी और ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता बहाल करने का फैसला सही नहीं किया.

याचिका में आगे कहा गया कि जब राहुल गांधी को ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया था और दो साल की सजा सुनाई गई थी, तब लोकसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता खोने की घोषणा करने में सही थे, लेकिन सुप्रीम द्वारा पारित किए गए आदेश के आधार पर वह गलत थे. वहीं कोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए 13 जनवरी को उनके द्वारा पारित आदेश को 7 अगस्त के आदेश के जरिए बहाल कर दिया. इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट ने सत्र न्यायालय के फैसले की पुष्टि करते हुए राहुल गांधी को दोषी ठहराने और भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम सजा देने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

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(एएनआई)

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