चंडीगढ़: राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा की पंजाब सरकार की सलाहकार समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) में चुनौती दी गई है. मामले की सुनवाई दो दिन में होने की संभावना है. हाईकोर्ट के अधिवक्ता जगमोहन भट्टी की ओर से एक याचिका दायर की गई है.
याचिका में उन्होंने राघव चड्ढा की नियुक्ति को नियमों का उल्लंघन बताया है. याचिका में कहा गया है कि नियुक्ति अवैध, मनमानी और केंद्र और राज्य सरकारों के गैर-मौजूद कानूनों का प्रयोग है. इसने यह भी तर्क दिया कि चड्ढा की नियुक्ति संविधान का उल्लंघन है क्योंकि वह बाहरी व्यक्ति हैं और राज्य विधान सभा का हिस्सा नहीं हैं. अधिवक्ता जगमोहन भट्टी ने कहा कि उनकी नियुक्ति के संबंध में कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि ऐसी नियुक्ति कर पंजाब के लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकते. वहीं, इस मामले में पंजाब के मुख्य सचिव का कहना है कि नियुक्ति मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुई है. नियुक्ति पर राघव चड्ढा ने कहा कि 'मन ने मुझे पंजाब के लोगों की सेवा करने का मौका दिया.' उन्होंने कहा कि 'अपने बड़े भाई और मुख्यमंत्री को मुझ पर गर्व महसूस कराने के लिए अपना खून-पसीना बहाऊंगा.'
विपक्ष ने मान सरकार को घेरा : वहीं, इस फैसले पर विपक्ष लगातार मान सरकार को घेर रहा है. नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए, राज्य कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने सरकार की आलोचना की और मुख्यमंत्री मान पर समिति के माध्यम से चड्ढा को बहुत अधिक शक्ति देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि चड्ढा को अध्यक्ष नियुक्त करना उन्हें पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने के समान है. राजा वारिंग ने एक ट्वीट में कहा, 'पंजाबियों ने इस बदलाव के लिए वोट नहीं दिया. ऐसा लगता है कि भगवंत मान जी ने पंजाब सरकार को अनुबंध पर सौंप दिया है.'
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने निशाना साधते हुए कहा कि 'इस कदम से शो मैनेजर राघव चड्ढा को आधिकारिक तौर पर एक मंच प्रदान कर दिया गया है.' पार्टी ने ट्वीट किया, 'सर्कस मास्टर ने पर्दा हटाकर असली खेल चलाने वाले राघव चड्ढा को आधिकारिक तौर पर मंच प्रदान कर दिया है. वस्तुत: मुख्यमंत्री चड्ढा का औपचारिक रूप से महानियंत्रक के रूप में पदभार ग्रहण करना, पंजाबियों के लिए कोई खबर नहीं है. उन्हें हमेशा से पता था कि भगवंत मान के कठपुतली नाच की डोर किसके हाथ में है.'
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