नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की स्वास्थ्य के आधार पर 20 जनवरी, 2025 तक सजा को निलंबित कर दिया है. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने स्वास्थ्य के आधार पर कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को 20 जनवरी, 2025 तक निलंबित करने का आदेश दिया. सोमवार सुनवाई के दौरान कुलदीप सिंह सेंगर की ओर से बताया गया कि उन्नाव रेप मामले में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सजा को 20 जनवरी तक निलंबित करने का आदेश दिया है. इसके बाद जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने इस मामले में भी सजा को 20 जनवरी तक निलंबित कर दिया.
दरअसल, जस्टिस प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने 20 दिसंबर को रेप के मामले में सजा को 20 जनवरी तक निलंबित करने का आदेश दिया था. डिवीजन बेंच ने एम्स के उस रिपोर्ट पर गौर किया था, जिसमें कहा गया था कि सेंगर से मिलने आने वाले लोगों की संख्या इतनी ज्यादा है कि अस्पताल के नियमित संचालन बाधित हुई और इससे मरीजों की देखभाल और गुणवत्ता से समझौता करना पड़ा. इसपर सेंगर के वकील ने कहा था कि ऐसी स्थिति आगे नहीं आएगी.
मिली 10 साल की सजा: कुलदीप सिंह सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जो अभी लंबित है. इससे पहले 16 दिसंबर, 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने सेंगर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. साथ ही सेंगर समेत सभी आरोपियों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी.
पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में हुई थी मौत: बता दें कि रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल, 2018 को मौत हो गई थी. 4 जून 2017 को रेप पीड़िता ने जब कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था. इसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था. रेप पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई थी.
कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा: वहीं 20 दिसंबर, 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने इसके अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. साथ ही जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
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