देहरादून (उत्तराखंड): हमास और इजराइल के बीच छिड़े युद्ध के बाद पूरा विश्व चिंतित है. युद्ध के बीच लगातार हो रही बमबारी और लोगों की मौतों से, इजराइल या उसके आस-पास रह रहे लोगों के भारत में मौजूद परिजनों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं. भारत सरकार लगातार इजराइल में फंसे हुए अपने देशवासियों से संपर्क साध रही है. भारत सरकार लगातार 'ऑपरेशन अजय' के तहत इजराइल से अपने लोगों का रेस्क्यू भी कर रही है. इसी 'ऑपरेशन अजय' के तहत भारत सरकार अभी तक उत्तराखंड के 14 लोगों को सकुशल भारत ला चुकी है. इनमें से 6 लोग उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के हैं. ईटीवी भारत ने बात करते हुए इन लोगों ने इजराइल के मौजूदा हालातों की सच्चाई बयां की हैं.
भारत सरकार के 'ऑपरेशन अजय' के तहत विशेष विमान से वतन वापसी कर रहे लोगों के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा सकती है. उत्तराखंड सरकार ने बकायदा दिल्ली एयरपोर्ट पर एक डेक्स बनाई है, जो उत्तराखंड के निवासियों को रिसीव करके उनको घरों तक भेजने का प्रबंध कर रही है. युद्ध शुरू होने से अब तक उत्तराखंड के 14 लोगों को विशेष विमान से दिल्ली लाया गया है. ये सभी लोग इजराइल व उसके आसपास के क्षेत्र में रह रहे थे. भारत पहुंचने पर सभी ने उत्तराखंड सरकार का भी शुक्रिया अदा किया है.
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भारत सरकार की कार्रवाई काबिले तारीफ: लगभग 2 साल से इजराइल में रह रही देहरादून की आरती जोशी उत्तराखंड अपने घर पहुंच चुकी हैं. देहरादून के रानीपोखरी निवासी आरती जोशी का कहना है कि जिस दिन उनकी वतन वापसी हुई, उससे दो दिन पहले ही उनके आसपास के क्षेत्र में मिसाइल गिरने और सायरन की आवाजें शुरू हो गई थी. उनका कहना है कि जिस तरह से लगातार हालात बिगड़ रहे हैं, उन्हें भारत सरकार पर गर्व है कि उन्होंने भारत के नागरिकों को तुरंत वहां से निकलने का प्रबंध किया. आरती जोशी के अलावा देहरादून के आयुष भी इजराइल में पढ़ाई कर रहे थे. उनका कहना है कि हालात सही होने पर वो दोबारा अपनी स्टडी पूरी करने जाएंगे.
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इजराइल में टिहरी के 8 लोग: इजराइल के ही तेल अवीव शहर में अभी भी टिहरी के रहने वाले 8 लोग रह रहे हैं. टिहरी प्रशासन लगातार उनके संपर्क में है. टिहरी प्रशासन ने इनके नाम यदुवीर सिंह (पुत्र राजेंद्र सिंह), प्रदीप सिंह (पुत्र हुकम सिंह पंवार), कृष्ण सिंह (पुत्र हुकम सिंह रावत), कुशाल सिंह (पुत्र कलम सिंह पंवार), अवनीश (पुत्र कस्तूरी लाल), रणवीर सिंह (पुत्र शूरवीर सिंह), अर्जुन सिंह (पुत्र विजयपाल सिंह) और राजपाल सिंह (पुत्र दयाल सिंह) हैं.
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तेल अवीव शहर के हालात काफी ठीक: वहीं, फिलहाल इजरायल के शहर तेल अवीव में भी रह रहे अर्जुन सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि फिलहाल तेल अवीव शहर में किसी तरह की कोई ज्यादा हलचल दिखाई नहीं दे रही है. लेकिन कभी-कभी रात को सायरन की आवाजें और मिसाइल दूर आसमान में दिखाई देती है. मिसाइल को देखने पर मालूम होता है कि उसे आसमान में ही खत्म कर दिया गया है. ये सब उनके शहर से कई किलोमीटर दूर होता है. फिलहाल वो अपने होटल में रोजाना की तरह आ रहे हैं. गेस्ट भी रोजाना की तरह होटल में आ रहे हैं. इसलिए उनको किसी तरह का कोई खतरा महसूस नहीं हो रहा है. लगातार इंडियन एंबेसी के लोग हमसे संपर्क साध रहे हैं.
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शहर में बढ़ मिलिट्री मूवमेंट: टिहरी के ही कुशाल सिंह पिछले 2 साल से इजराइल के तेल अवीव शहर में होटल में काम कर रहे हैं. कुशाल सिंह कहते हैं कि वैसे तो कोई खतरा नहीं है. लेकिन अब इस शहर में चेकिंग बहुत तेजी से बढ़ रही है. लगातार मिलिट्री और पुलिस हर व्यक्ति को चेक कर रही है. उन्होंने कहा, लगता है कि 10 से 15 दिन में इस शहर में भी सब कुछ बंद करवा दिया जाएगा. वहीं, भारत वापस आने के सवाल पर कुशाल सिंह कहते हैं, फिलहाल भारत आने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि लगातार अधिकारी उनके संपर्क में हैं. होटल का पूरा स्टाफ भी होटल में रोज की तरह ड्यूटी कर रहा है. मार्च 2024 में भारत आने का टिकट करवाया है.
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उत्तराखंड सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर: उत्तराखंड के स्थानीय आयुक्त (रेजिडेंट कमिश्नर) अजय मिश्रा की मानें तो अब तक 14 लोगों को सकुशल उत्तराखंड लाया गया है. अजय मिश्रा बताते हैं कि इन 14 लोगों का नाम, पता और पूरी जानकारी उन्होंने इंटेलिजेंस और शासन को भेज दी है. जो लोग संपर्क कर रहे हैं, उनको लाने की कवायद तेज की जा रही है. उत्तराखंड सरकार ने ऐसे तमाम लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर-112 जारी किया है, जिसमें वह कॉल करके अपने परिजनों की जानकारी सरकार तक पहुंचा सकते हैं. इसके साथ ही मोबाइल नंबर 9411112975 पर व्हाट्सएप के माध्यम से पूरी जानकारी दे सकते हैं, जिसमें व्यक्ति का नाम, पिता का नाम, स्थानीय पता, ईमेल आईडी, पासपोर्ट नंबर और मोबाइल नंबर जानकारी देनी है.
सरकार के पास सटीक आंकड़ा नहीं: फिलहाल उत्तराखंड सरकार के पास इजराइल या उसके आसपास रह रहे उत्तराखंड के लोगों का सटिक आंकड़ा नहीं है. ऐसे में जनपद स्तर से भी इंटेलिजेंस उन लोगों की जानकारी जुटा रहा है.