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हरियाणा के इस दरगाह पर चादर की जगह चढ़ाई जाती है पुलिस की वर्दी, जानें क्यों

हरियाणा के पानीपत और जींद जिले की सीमा पर सफीदों कस्बा पड़ता है. यहीं पर है पीर सबल सिंह बाबरी दरगाह (peer sabal singh babri dargah in panipat). ये क्षेत्र सफीदों धाम के नाम से भी जाना जाता है. यहां पुलिस में भर्ती होने के लिए युवा पुलिस की वर्दी चढ़ाते हैं.

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Published : Apr 24, 2022, 3:39 PM IST

पानीपत
पानीपत

पानीपत: अक्सर आपने देखा होगा कि पीर फकीरों की दरगाह पर नीले और हरे रंग की चादरें चढ़ाई जाती हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि पानीपत जिले में एक दरगाह ऐसी है जहां खाकी रंग की चादर और पुलिस की वर्दी चढ़ाई जाती है. पानीपत और जींद जिले की सीमा पर सफीदों कस्बा पड़ता है. यहीं पर है पीर सबल सिंह बाबरी दरगाह (peer sabal singh babri dargah in panipat). ये क्षेत्र सफीदों धाम के नाम से भी जाना जाता है.

पीर सबल सिंह बावरी दरगाह की मान्यता है कि यहां आने वाले लोगों की हर मुराद पूरी होती है. कहा जाता है कि सबल सिंह बावरी अपने पांच भाईयों के साथ हरियाणा के मुरथल में रहते थे. पांच भाईयों ने पड़ोस में रहने वाली ब्राह्मण की लड़की शाम कौर को अपनी धर्म बहन बना लिया. कहा जाता है कि मुगलों ने बुरी नियत से पांच भाईयों की धर्म बहन शाम कौर को उठा लिया. ये देख पांचों भाई आग बबूला हो गए. जब इसके बारे में सबल सिंह बावरी को पता चला तो उन्होंने अकेले ही मुगलों से टक्कर ली.

पुलिस में भर्ती के लिए इस दरगाह पर चढ़ाई जाती है वर्दी

सबल सिंह अपनी बहन को मुगलों के चंगुल से आजाद करवा कर अपने साथ मुरथल ले गए. जिसके बाद वो मुगलों से बचते हुए सफीदों पहुंचे. यहां सबल सिंह ने पीर अस्तबली के स्थान पर शीश झुकाया और उनसे मदद मांगी. तब पीर अस्तबली ने उन्हें आशीर्वाद दिया और कहा कि तुम पुलिस की वर्दी पहनकर इन मुगलों के साथ युद्ध करो. पीर अस्तबली के कहने पर सबल सिंह बावरी ने पुलिस की वर्दी में मुगलों के साथ लड़ाई की. आखिर में वो मुगलों के वार से वीरगति को प्राप्त हो गए.

तभी से यहां खाकी रंग की चादर और पुलिस की वर्दी चढ़ाई (police uniform at dargah in panipat) जाती है. मान्यता ये भी है कि जो युवा पुलिस में भर्ती होने की इच्छा रखते हैं. अगर वो यहां पर पुलिस की वर्दी चढ़ाएंगे तो उनकी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी. कई युवा तो पुलिस की नौकरी में सिलेक्ट भी हुए हैं. मान्यता है कि अगर किसी पुलिस अफसर को प्रमोशन किसी कारण से रुका हुआ है, तो वो यहां अगर मन्नता मांग सकता है. जिसके बाद उसका प्रमोशन हो जाएगा.

यह भी पढ़ें- 'मन की बात' में बोले पीएम मोदी- BHIM UPI हमारी अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन गया

यहां आए प्रवीण कुमार ने बताया कि उसके दो भाई यहीं से मन्नत मांगने के बाद दिल्ली और चंडीगढ़ पुलिस में लगे हैं. उसने भी यहां से सरकारी नौकरी पर जाने की मन्नत मांगी थी, उसकी वो मन्नत भी पूरी हो गई. इस दरगाह (sabal singh bawri dargah) पर देश-विदेश से लोग आते हैं. हर रविवार को यहां लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. माना जाता है कि जिसपर भूत-प्रेत का साया हो वो भी यहां आकर ठीक हो जाते हैं. सच्चे दिल से मांगी गई हर तरह की मन्नतें यहां पूरी हो जाती हैं.

पानीपत: अक्सर आपने देखा होगा कि पीर फकीरों की दरगाह पर नीले और हरे रंग की चादरें चढ़ाई जाती हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि पानीपत जिले में एक दरगाह ऐसी है जहां खाकी रंग की चादर और पुलिस की वर्दी चढ़ाई जाती है. पानीपत और जींद जिले की सीमा पर सफीदों कस्बा पड़ता है. यहीं पर है पीर सबल सिंह बाबरी दरगाह (peer sabal singh babri dargah in panipat). ये क्षेत्र सफीदों धाम के नाम से भी जाना जाता है.

पीर सबल सिंह बावरी दरगाह की मान्यता है कि यहां आने वाले लोगों की हर मुराद पूरी होती है. कहा जाता है कि सबल सिंह बावरी अपने पांच भाईयों के साथ हरियाणा के मुरथल में रहते थे. पांच भाईयों ने पड़ोस में रहने वाली ब्राह्मण की लड़की शाम कौर को अपनी धर्म बहन बना लिया. कहा जाता है कि मुगलों ने बुरी नियत से पांच भाईयों की धर्म बहन शाम कौर को उठा लिया. ये देख पांचों भाई आग बबूला हो गए. जब इसके बारे में सबल सिंह बावरी को पता चला तो उन्होंने अकेले ही मुगलों से टक्कर ली.

पुलिस में भर्ती के लिए इस दरगाह पर चढ़ाई जाती है वर्दी

सबल सिंह अपनी बहन को मुगलों के चंगुल से आजाद करवा कर अपने साथ मुरथल ले गए. जिसके बाद वो मुगलों से बचते हुए सफीदों पहुंचे. यहां सबल सिंह ने पीर अस्तबली के स्थान पर शीश झुकाया और उनसे मदद मांगी. तब पीर अस्तबली ने उन्हें आशीर्वाद दिया और कहा कि तुम पुलिस की वर्दी पहनकर इन मुगलों के साथ युद्ध करो. पीर अस्तबली के कहने पर सबल सिंह बावरी ने पुलिस की वर्दी में मुगलों के साथ लड़ाई की. आखिर में वो मुगलों के वार से वीरगति को प्राप्त हो गए.

तभी से यहां खाकी रंग की चादर और पुलिस की वर्दी चढ़ाई (police uniform at dargah in panipat) जाती है. मान्यता ये भी है कि जो युवा पुलिस में भर्ती होने की इच्छा रखते हैं. अगर वो यहां पर पुलिस की वर्दी चढ़ाएंगे तो उनकी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी. कई युवा तो पुलिस की नौकरी में सिलेक्ट भी हुए हैं. मान्यता है कि अगर किसी पुलिस अफसर को प्रमोशन किसी कारण से रुका हुआ है, तो वो यहां अगर मन्नता मांग सकता है. जिसके बाद उसका प्रमोशन हो जाएगा.

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यहां आए प्रवीण कुमार ने बताया कि उसके दो भाई यहीं से मन्नत मांगने के बाद दिल्ली और चंडीगढ़ पुलिस में लगे हैं. उसने भी यहां से सरकारी नौकरी पर जाने की मन्नत मांगी थी, उसकी वो मन्नत भी पूरी हो गई. इस दरगाह (sabal singh bawri dargah) पर देश-विदेश से लोग आते हैं. हर रविवार को यहां लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. माना जाता है कि जिसपर भूत-प्रेत का साया हो वो भी यहां आकर ठीक हो जाते हैं. सच्चे दिल से मांगी गई हर तरह की मन्नतें यहां पूरी हो जाती हैं.

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