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छत्तीसगढ़: धर्म विशेष के लोगों में दूसरे समुदाय के खिलाफ दिखा गुस्सा, बहिष्कार की ली शपथ

सरगुजा में धर्म विशेष के लोगों ने एक समुदाय के खिलाफ शपथ ली है. पूरा मामला मारपीट से (tension between two religion of people in Surguja) जुड़ा है. इस घटना के बाद यहां तनाव है. एक धर्म विशेष के पूरे (people angry with surguja administration) गांव के लोगों ने शपथ ली है कि वह, दूसरे धर्म विशेष के लोगों के दुकानों से ना तो कोई सामान खरीदेंगे और ना ही उनके साथ किसी प्रकार का सौदा करेंगे. फिलहाल पुलिस माहौल को शांत कराने का प्रयास कर रही है, लेकिन इस तरह की घटना देश की धर्म निरपेक्षता पर बड़ा खतरा बन सकती है.

धर्म विशेष के लोगों में दूसरे समुदाय के खिलाफ दिखा गुस्सा
धर्म विशेष के लोगों में दूसरे समुदाय के खिलाफ दिखा गुस्सा
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Published : Jan 7, 2022, 10:47 PM IST

सरगुजा: छत्तीसगढ़ के सरगुजा में दो समुदाय के बीच (tension between two religion of people in Surguja) तनाव हो गया है. तनाव इतना बढ़ गया कि एक समुदाय ने दूसरे का बहिष्कार तक कर दिया. इतना ही नहीं, नाराजगी का आलम यह है कि उस समुदाय की दुकानों से किसी भी प्रकार की खरीदारी ना करने का संकल्प भी ले लिया (People of one religion took oath against minority community in Surguja) गया है. इसके अलावा लोगों ने दूसरे समुदाय (people angry with surguja administration) के लोगों से किसी तरह का कोई भी संबंध नहीं रखने की कसम खाई है. लोगों का आरोप है कि दूसरे समुदाय को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है. पुलिस पर तरफदारी का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को लोगों ने जमकर बवाल काटा.

क्या है पूरा मामला

सरगुजा के लुण्ड्रा थाना अंतर्गत कुंदीकला में पड़ोसी गांव आरा के कुछ युवक एक जनवरी को नया साल मनाने आए थे. आरोप है कि एक स्थानीय नागरिक से विवाद के बाद आरोपियों ने घर में घुसकर मारपीट की. महिलाओं को भी नहीं बख्शा. मामले में पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया. आरोपियों को कोर्ट में पेश किया. जहां उन्हें जमानत मिल गई. जमानत मिलने के बाद सभी आरोपी एक बार फिर घटनास्थल पर पहुंच गए.

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आरोपियों को जमानत मिलने पर मनाई गईं खुशियां, बढ़ी नाराजगी

मारपीट के आरोपियों ने गांव में पहुंचकर आतिशबाजी शुरू कर दी. जिससे गांववालों के धैर्य ने दम तोड़ दिया और बवाल काटना शुरू कर दिया. ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया. उनका आरोप है कि पुलिस ने मामले में गंभीर धाराओं का इस्तेमाल नहीं किया. जिसकी वजह से आरोपी तुरंत जेल से बाहर आ गए. उन्होंने पुलिस पर आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में 7 अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. अभी तक 13 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया जा चुका है. सरगुजा ग्रामीण के डीएसपी अखिलेश कौशिक और एडिशनल एसपी विवेक शुक्ला ने बताया कि इस मामले पर प्रशासन की कड़ी नजर बनी हुई है. स्थिति को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है.

सरगुजा की घटना बीजेपी की साजिश: कांग्रेस

सरगुजा मारपीट की घटना और एक समुदाय के खिलाफ दूसरे समुदाय के प्रण को कांग्रेस ने बीजेपी का षडयंत्र बताया है. कांग्रेस ने इस मामले पर बीजेपी पर हमला बोला है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी लगातार इस तरह का काम लंबे समय से कर रही है. राज्य की सामाजिक समरसता को बिगाड़ने और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए इस तरह की हरकत की जा रही है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी निचले स्तर की राजनीति कर रही है. सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य की गंगा जमुना तहजीब पर प्रहार करने के लिए बीजेपी ने ऐसा किया है. उन्होंने इसे संघ की भी साजिश बताया. कांग्रेस का कहना है कि कवर्धा कांड में भी इस तरह की साजिश रची गई जिसे जनता ने बायकॉट कर दिया. फिर धर्मांतरण के झूठे आरोपों को भी जनता ने खारिज कर दिया. 15 नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी की हार हुई. उनका कोई भी दाव नगरीय निकाय चुनाव में नहीं चल पाया.

सरगुजा कांड पर सियासत

बीजेपी का किया पलटवार

वहीं, बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास ने पलटवार करते हुए कहा कि तीन साल से तुष्टीकरण की नीति की वजह से राज्य का बहुसंख्यक वर्ग नाराज है. कांग्रेस लगातार इस तरह की तुष्टीकरण को बढ़ावा दे रही है. जिससे बहुसंख्यक वर्ग नाराज है. वह अपने आप को छला हुआ महसूस कर रहा है. राज्य की भूपेश बघेल सरकार तीन साल से खास वर्गों को लाभ पहुंचा रही है. इसके लिए लगातार नियम तोड़े जा रहे हैं. ऐसे वर्ग को जमीन दी जा रही है. कवर्धा में भी भगवा ध्वज को अपमानित किया गया. बीजेपी ने सरगुजा की घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है.

सरगुजा: छत्तीसगढ़ के सरगुजा में दो समुदाय के बीच (tension between two religion of people in Surguja) तनाव हो गया है. तनाव इतना बढ़ गया कि एक समुदाय ने दूसरे का बहिष्कार तक कर दिया. इतना ही नहीं, नाराजगी का आलम यह है कि उस समुदाय की दुकानों से किसी भी प्रकार की खरीदारी ना करने का संकल्प भी ले लिया (People of one religion took oath against minority community in Surguja) गया है. इसके अलावा लोगों ने दूसरे समुदाय (people angry with surguja administration) के लोगों से किसी तरह का कोई भी संबंध नहीं रखने की कसम खाई है. लोगों का आरोप है कि दूसरे समुदाय को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है. पुलिस पर तरफदारी का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को लोगों ने जमकर बवाल काटा.

क्या है पूरा मामला

सरगुजा के लुण्ड्रा थाना अंतर्गत कुंदीकला में पड़ोसी गांव आरा के कुछ युवक एक जनवरी को नया साल मनाने आए थे. आरोप है कि एक स्थानीय नागरिक से विवाद के बाद आरोपियों ने घर में घुसकर मारपीट की. महिलाओं को भी नहीं बख्शा. मामले में पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया. आरोपियों को कोर्ट में पेश किया. जहां उन्हें जमानत मिल गई. जमानत मिलने के बाद सभी आरोपी एक बार फिर घटनास्थल पर पहुंच गए.

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मारपीट के आरोपियों ने गांव में पहुंचकर आतिशबाजी शुरू कर दी. जिससे गांववालों के धैर्य ने दम तोड़ दिया और बवाल काटना शुरू कर दिया. ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया. उनका आरोप है कि पुलिस ने मामले में गंभीर धाराओं का इस्तेमाल नहीं किया. जिसकी वजह से आरोपी तुरंत जेल से बाहर आ गए. उन्होंने पुलिस पर आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में 7 अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. अभी तक 13 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया जा चुका है. सरगुजा ग्रामीण के डीएसपी अखिलेश कौशिक और एडिशनल एसपी विवेक शुक्ला ने बताया कि इस मामले पर प्रशासन की कड़ी नजर बनी हुई है. स्थिति को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है.

सरगुजा की घटना बीजेपी की साजिश: कांग्रेस

सरगुजा मारपीट की घटना और एक समुदाय के खिलाफ दूसरे समुदाय के प्रण को कांग्रेस ने बीजेपी का षडयंत्र बताया है. कांग्रेस ने इस मामले पर बीजेपी पर हमला बोला है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी लगातार इस तरह का काम लंबे समय से कर रही है. राज्य की सामाजिक समरसता को बिगाड़ने और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए इस तरह की हरकत की जा रही है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी निचले स्तर की राजनीति कर रही है. सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य की गंगा जमुना तहजीब पर प्रहार करने के लिए बीजेपी ने ऐसा किया है. उन्होंने इसे संघ की भी साजिश बताया. कांग्रेस का कहना है कि कवर्धा कांड में भी इस तरह की साजिश रची गई जिसे जनता ने बायकॉट कर दिया. फिर धर्मांतरण के झूठे आरोपों को भी जनता ने खारिज कर दिया. 15 नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी की हार हुई. उनका कोई भी दाव नगरीय निकाय चुनाव में नहीं चल पाया.

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बीजेपी का किया पलटवार

वहीं, बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास ने पलटवार करते हुए कहा कि तीन साल से तुष्टीकरण की नीति की वजह से राज्य का बहुसंख्यक वर्ग नाराज है. कांग्रेस लगातार इस तरह की तुष्टीकरण को बढ़ावा दे रही है. जिससे बहुसंख्यक वर्ग नाराज है. वह अपने आप को छला हुआ महसूस कर रहा है. राज्य की भूपेश बघेल सरकार तीन साल से खास वर्गों को लाभ पहुंचा रही है. इसके लिए लगातार नियम तोड़े जा रहे हैं. ऐसे वर्ग को जमीन दी जा रही है. कवर्धा में भी भगवा ध्वज को अपमानित किया गया. बीजेपी ने सरगुजा की घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है.

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