नई दिल्लीः बिहार निवासी 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी को भारत रत्न दिए जाने की मांग को लेकर गया से दर्जनों लोग पैदल यात्रा कर दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचे. यह पैदल यात्रा दशरथ मांझी के गांव गहलौर स्थित उनकी समाधि स्थल से शुरू हुई थी और करीब 56 दिनों तक चलने के बाद शनिवार को जंतर-मंतर पर पहुंची. जंतर-मंतर पहुंचे इस यात्रा में सैकड़ों की संख्या लोग महादलित समुदाय से आते हैं. इन सब की एक ही मांग थी कि दशरथ मांझी बाबा को भारत सरकार भारत रत्न से नवाजे. वहीं इस पदयात्रा में दिल्ली पहुंचने पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी शामिल हुए.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इस पदयात्रा में शामिल होने के बाद वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन सौंपा. इसमें उन्होंने दशरथ मांझी के लिए भारत रत्न देने की मांग की. जीतन राम मांझी ने बताया कि हम लोग राष्ट्रपति से मिलकर आए हैं. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को हमने ज्ञापन सौंपा है. राष्ट्रपति महोदय ने मुलाकात के लिए समय निकाला, इसके लिए उनका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं. मांझी ने कहा कि उन्होंने हमें भरोसा दिया है कि बाबा दशरथ मांझी का जो प्रयास था, वह बेकार नहीं जाएगा. उन्होंने हमें भरोसा भी दिया कि अभी थोड़ा वक्त जरूर लगेगा लेकिन बाबा दशरथ मांझी का प्रयास खाली नहीं जाएगा.
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जीतन राम मांझी ने बताया कि बाबा दशरथ मांझी को भारत रत्न दिलाने की पैदल यात्रा में शामिल सत्येंद्र गौतम के प्रयास की वो तारीफ करते हैं. उन्होंने बताया कि ये लोग दो महीनों से लगातार पैदल चल रहे थे. ये भूखे-प्यासे रहे, गंदा पानी पिया लेकिन उन्होंने, इस यात्रा को उन्होंने रुकने नहीं दिया. यह यात्रा आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंची है. उन्होंने बताया कि बाबा की कर्मभूमि समाधि स्थल गहलोर घाटी से यह पदयात्रा निकाली गई थी. बाबा दशरथ मांझी वीर योद्धा थे, और उन्होंने ऐसा काम किया है कि विश्व में कम ही ऐसे मिसाल मिलते हैं.