नई दिल्ली : कांग्रेस ने इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये राहुल गांधी समेत कई प्रमुख हस्तियों की कथित तौर पर जासूसी किए जाने के मामले को लेकर सोमवार को भाजपा को ‘भारतीय जासूस पार्टी’ करार दिया और कहा कि इस प्रकरण को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त किया जाना चाहिए तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए.
मुख्य विपक्षी पार्टी ने इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए दावा किया कि पेगासस का उपयोग करके कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों और अलग अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई.
इस बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे अवरोधक और विघटनकारी अपनी साजिशों से भारत को विकास के पथ से नहीं उतार पाएंगे.
राहुल ने मोदी सरकार पर किया हमला
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस मामले को लेकर कटाक्ष भी किया और आरोप लगाया कि भाजपा भारतीय जासूस पार्टी है.
उन्होंने ट्वीट किया कि उसके डर पर हंसी आती है, ये भारतीय जासूस पार्टी है.
राहुल गांधी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि हम जानते हैं कि वह आपके फोन में सबकुछ पढ़ रहे हैं. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी की कथित तौर पर जासूसी किए जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गृह मंत्री को पद से हटना चाहिए और प्रधानमंत्री की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि गृह मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए.
खड़गे ने संवादददाताओं से कहा कि इस मामले की जांच होने से पहले अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और मोदी जी की जांच होनी चाहिए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर आप लोकतंत्र में विश्वास रखते हो, अगर लोकतंत्र के उसूलों से चलना चाहते हो, संविधान के तहत इस देश को चलाना चाहते हो, तो आप इस जगह पर रहने के काबिल नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस संसद के मानसून सत्र में पेगासस के मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठायेगी.
खड़गे ने इस बात पर जोर दिया कि इस मामले को हम सदन में उठाएंगे. जो चीजें हमें देश के लोगों को बताना है, वो हम लोकसभा और राज्यसभा के माध्यम से बताएंगे. लड़ेंगे और लड़ते रहेंगे.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी, अपने (सरकार के) मंत्रियों को जासूसी की गई है. हमारे सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों की भी जासूसी गई है. पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा , कई मीडिया समूहों की जासूसी कराई गई.क्या किसी सरकार ने इस तरह का कुकृत्य किया होगा?
उन्होंने दावा किया कि भाजपा अब ‘भारतीय जासूस पार्टी’ बन गई है.
सुरजेवाला ने सवाल किया कि मोदी जी, आप राहुल गांधी जी की फोन की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे थे? आप मीडिया समूहों और चुनाव आयुक्त की जासूसी करवाकर किस आतंकवादी से लड़ रहे थे? अपने खुद के कैबिनेट मंत्रियों की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद से लड़ रहे थे?
कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया कि राहुल गांधी के कार्यालय के कई लोगों की भी जासूसी कराई गई.
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को लोकसभा में जो वक्तव्य दिया वो झूठ था.
सुरजेवाला ने कहा कि मंत्री जी, आप राज्यसभा में कांग्रेस के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर शायद पुराने आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का जवाब पढ लेते तो इतना झूठ नहीं बोलते. उस वक्त के मंत्री ने कहा था कि नवंबर, 2019 में इजरायली कंपनी एनएसओ को नोटिस दिया गया.
उन्होंने सवाल किया कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां, न्यायपालिका, चुनाव आयुक्त और विपक्ष की जासूसी करना देशद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं है तो क्या है? क्या लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार जासूसी करवा रहे थे? यह इजरायली स्पाइवेयर पेगासस कब खरीदा गया और इस पर कितना पैसा खर्च हुआ?
सुरजेवाला ने कहा कि अब ये साफ हो गया है कि भाजपा सरकार ने ऑपेरशन कमल के नाम पर प्रजात्रंत का अपहरण किया है. क्रोनोलॉजी यह है कि चुनी हुई सरकार को गिराने के मामले में पेगागस स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया गया है. यह कर्नाटक की सरकार गिराने के लिए भी किया गया था.
सुरेजवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने पेगासस का इस्तेमाल कांग्रेस की चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए किया है. उन्होंने कहा कि क्या ये कर्नाटक तक सीमित है. क्या पता आगे आने वाले दिनों में पता लगे कि मध्य प्रदेश की सरकार गिराने में या गोवा की सरकार गिराने में भी इसी रणनीति का इस्तेमाल किया गया हो.
सुरजेवाला ने यह भी पूछा कि क्या अमित शाह को एक मिनट भी अपने पद पर बने रहने का अधिकार हैं? उन्हें पद से बर्खास्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए? प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच नहीं होनी चाहिए?’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट कर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या इस स्पाइवेयर को सरकार ने हासिल किया है?
उन्होंने सवाल किया, मंत्री जी को एक साधारण प्रश्न का उत्तर देना चाहिए: क्या सरकार ने पेगासस सॉफ्टवेयर/स्पाइवेयर हासिल किया?
कपिल सिब्बल ने पेगासस प्रकरण को बताया देश की सुरक्षा पर बड़ा खतरा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार द्वारा कथित तौर पर पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर देश के कई विपक्षी नेताओं, खुद सरकार के मंत्रियों, पत्रकारों और अन्य जाने-माने लोगों के फ़ोन हैक कर जासूसी कराए जाने को राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा बताया है.
सिब्बल ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि इजराइल की कंपनी NSO की वेबसाइट पर यह जानकारी मौजूद है कि वह केवल सरकारों को ही ये सॉफ्टवेयर बेचते हैं और इजराइल के रक्षा मंत्रालय की अनुमति के बाद ही बेचते हैं. बेचने के बाद भी कंपनी देश या उसकी एजेंसी को पेगासस का एक लिंक देती है, जिसके माध्यम से सॉफ्टवेयर इस्तेमाल कर किसी फ़ोन को हैक किया जाता है. सभी डेटा इजराइल की कंपनी के पास सॉफ्टवेयर के माध्यम से जाते हैं, जिसके बाद वह उस डेटा को प्रोसेस कर आपको वापस भेजते हैं. इस प्रक्रिया में जिन लोगों की जासूसी की जा रही है उसने संबंधित सभी डेटा देश के बाहर जा रहा है, जिसका इस्तेमाल कंपनी या उस देश की सुरक्षा एजेंसी कर सकती है. और इस तरह स्व यह राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक बड़ा खतरा है.
सोमवार को पेगासस के मुद्दे पर संसद में हंगामा हुआ तो सरकार के मंत्री ने जवाब दिया कि इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं और इन आरोपों का कोई आधार ही नहीं है. लेकिन कपिल सिब्बल ने 19 नवंबर 2019 को सांसद दयानिधि मारन द्वारा संसद में एक सवाल का हवाला देते हुए कहा कि जब सांसद ने गृहमंत्री से पूछा कि क्या अपने देश द्वारा पेगासस का इस्तेमाल किया जा रहा है? इसका जवाब गृहमंत्री ने नहीं दिया. संसद के रिकॉर्ड में आज भी यह सवाल अनुत्तरित है.
कानून के जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि यदि किसी मंत्री का फ़ोन हैक हुआ तो वह ऑफिसियल सीक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन है, आईटी एक्ट का भी उल्लंघन है. यदि किसी महिला की जासूसी की गई है तो यह निजता के अधिकार का उल्लंघन है. स्टॉकिंग के कानून भी इस पर लागू होते हैं. सरकार 'प्राइवेट डेटा प्रोटेक्शन बिल' लाने की बात करती है लेकिन काम 'प्राइवेट डेटा कलेक्शन' का कर रही है. देश का संविधान कहता है कि सरकार देश की रक्षा करेगी लेकिन लगता है हमारे देश की सरकार ने ही देश की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है.
सिब्बल ने आगे बताया कि वॉट्सएप और फेसबुक द्वारा कैलिफोर्निया के कोर्ट में पहले ही इजराइली कंपनी NSO पर मुकदमा चल रहा है. NSO ने मुकदमा रद्द करने की अपील की थी लेकिन न्यायालय ने उसे खारिज कर दिया.
देश के मंत्री और गृहमंत्री को यह स्पष्ट बताना चाहिये कि सरकार या उनकी एजेंसी ने पेगासस का इस्तेमाल किया या नहीं? इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल 2017 से 2019 के बीच किया गया. क्या बीजेपी ने चुनाव में फायदा उठाने के लिये पत्रकारों, नेताओं और लिस्ट में शामिल अन्य लोगों की जासूसी कराई?
सरकार के मंत्री यह कहते हैं कि पेगासस को मुद्दा बना कर देश को बदनाम किया जा रहा है. कपिल सिब्बल ने कहा कि मोदी सरकार को यह समझ लेना चाहिये कि वह सरकार हैं देश नहीं. आज इस प्रकरण के उजागर होने से उनकी सरकार के कारनामे सामने आ रहे हैं और उनकी सरकार बदनाम हो रही है. देश और सरकार दो अलग चीजें हैं. सरकार देश नहीं हो सकती.
सिब्बल ने आगे बताया कि वॉट्सएप और फेसबुक द्वारा कैलिफोर्निया के कोर्ट में पहले ही इजराइली कंपनी NSO पर मुकदमा चल रहा है. NSO ने मुकदमा रद्द करने की अपील की थी, लेकिन न्यायालय ने उसे खारिज कर दिया.
देश के मंत्री और गृहमंत्री को यह स्पष्ट बताना चाहिये कि सरकार या उनकी एजेंसी ने पेगासस का इस्तेमाल किया या नहीं? इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल 2017 से 2019 के बीच किया गया. क्या बीजेपी ने चुनाव में फायदा उठाने के लिये पत्रकारों, नेताओं और लिस्ट में शामिल अन्य लोगों की जासूसी कराई?
सरकार के मंत्री यह कहते हैं कि पेगासस को मुद्दा बना कर देश को बदनाम किया जा रहा है. कपिल सिब्बल ने कहा कि मोदी सरकार को यह समझ लेना चाहिये कि वह सरकार हैं देश नहीं. आज इस प्रकरण के उजागर होने से उनकी सरकार के कारनामे सामने आ रहे हैं और उनकी सरकार बदनाम हो रही है. देश और सरकार दो अलग चीजें हैं. सरकार देश नहीं हो सकती.
बता दें कि संसद के मानसून सत्र के पहले दिन सरकार ने पेगासस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया. सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर (Ashwini Vaishnaw Pegasus) के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.
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क्या है पेगासस स्पाइवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाइवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रेकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.
संभल कर, जानिए कैसे होती है जासूसी ?
अगर यह पेगासस स्पाइवेयर आपके फोन में आ गया तो आप 24 घंटे हैकर्स की निगरानी में हो जाएंगे. यह आपको भेजे गए मैसेज को कॉपी कर लेगा. यह आपकी तस्वीरों और कॉल रेकॉर्ड तत्काल हैकर्स से साझा करेगा. आपकी बातचीत रेकॉर्ड किया जा सकता है. आपको पता भी नहीं चलेगा और पेगासस आपके फोन से ही आपका विडियो बनता रहेगा. इस स्पाइवेयर में माइक्रोफोन को एक्टिव करने की क्षमता है. इसलिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले चेक जरूर कर लें.
क्या है पेगासस स्पाइवेयर, जिसने भारत की राजनीति में तहलका मचा रखा है ?
कैसे फोन में आता है यह जासूस पेगासस ?
जैसे अन्य वायरस और सॉफ्टवेयर आपके फोन में आते हैं, वैसे ही पेगागस भी किसी मोबाइल फोन में एंट्री लेता है. इंटरनेट लिंक के सहारे. यह लिंक मेसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप मेसेज के सहारे भेजे जाते हैं. 2016 में पेगासस की जासूसी के बारे में पहली बार पता चला. यूएई के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि उनके फोन में कई एसएमएस आए, जिसमें लिंक दिए गए थे. उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि स्पाईवेयर का लिंक है. एक्सपर्टस के मुताबिक, यह पेगागस का सबसे पुराना संस्करण था. अब इसकी टेक्नॉलजी और विकसित हो गई है. अब यह 'जीरो क्लिक' के जरिये यानी वॉइस कॉलिंग के जरिये भी फोन में एंट्री ले सकता है .