पटना: बिहार में पटना हाइकोर्ट के सात जजों ने जीपीएफ अकाउंट बंद होने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. गौरतलब है कि मामले को मंगलवार को तत्काल सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था. इस मामले पर कोर्ट ने इसी शुक्रवार को सूचीबद्ध करने पर सहमत हुए हैं. यानी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 24 फरवरी 2023 को सुनवाई होना तय हुआ है.
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पटना के सात जजों ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख: इस मामले को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चन्द्रचूड़ के सामने जब आया, तो उन्होंने पूछा कि मामला क्या है? जजों के जीपीएफ अकाउंट क्यों बंद कर दिया गया है? कोर्ट ने जानना चाहा कि ये याचिका किसके द्वारा दायर की गई, तो याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने चीफ जस्टिस चन्द्रचूड को बताया कि पटना हाइकोर्ट के सात जजों ने याचिका दायर की है. कोर्ट ने आश्चर्य जाहिर करते हुए इस मामले की सुनवाई की. अब इस मामले पर शीर्ष अदालत 24फरवरी 2023 को सुनवाई करेगा.
क्या होता है जीपीएफ अकाउंट? : GPF ( जनरल प्रोविडेंट फंड) राजकीय कर्मचारियों के लिए मुहैया कराई गई एक सेविंग स्कीम. एंप्लॉय प्रोविडेंट फंड (EPF) 20 से अधिक कर्मचारी वाली कंपनियों में इंप्लाई के लिए एक बचत योजना है, जबकि पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF सभी के लिए है. यानी पीपीएफ सभी ले सकते हैं फिर चाहे वो नौकरीपेशा हों, कोई सेल्फ बिजनस हो या बेरोज़गार ही क्यों न हो.