नालंदा: बिहार के नालंदा सदर अस्पताल से शर्मनाक घटना सामने आई है. दरअसल 25 सितंबर को नालंदा में भीषण सड़क हादसा हुआ था जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी जबकि तीन की हालत गंभीर बनी हुई थी. घायलों का बिहार शरीफ सदर अस्पताल में इलाज चल रहा था. इसी दौरान गंभीर रूप से जख्मी लोगों की भी मौत हो गई. घटना के बाद एक ऐसी हकीकत सामने आई जिसे सुनकर रोते बिलखते परिजनों के साथ ही ग्रामीण आक्रोशित हो गए.
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अस्पताल में पिछले 5 साल से रह रहा था एक मरीज: दरअसल नालंदा सदर अस्पताल में एक शख्स पिछले पांच सालों से अपनी जिंदगी मुफ्त के खाने और इलाज के सहारे गुजार रहा था. लेकिन इसी बीच इस व्यक्ति ने एक ऐसी घटना को अंजाम दिया जिसे सुनकर अस्पताल प्रबंधन भी सकते में हैं. मृतकों के शवों से गहने चुराते इस शख्स को रंगे हाथों पकड़ा गया है.
![नालंदा सदर अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/27-09-2023/19619664_kkkk-1.png)
शव से उतार रहा था गहने: इस मरीज के लिए अस्पताल में ही एक बेड सालों से रिजर्व था. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ने बताया कि व्यक्ति का कहना था कि उसके पास रहने और खाने की कोई व्यवस्था नहीं है. साथ ही उसे गंभीर बीमारी भी है जिसके कारण बेटा बहू ने उसे घर से निकाल दिया. दया करके अस्पताल प्रबंधन ने उसे यहीं रहने की इजाजत दे दी. लेकिन ये मरीज सोमवार को इमरजेंसी वार्ड में एक पेशेवर चोर की तरह चोरी करने पहुंच गया और वार्ड में पड़े एक मृत युवक के गले से सोने की चेन काटने लगा.
"यह शख्स तीन-चार साल से अस्पताल में ही रह रहा था. जाने के लिए कहने पर भी जाता नहीं था. अगर दो तीन घंटे के लिए अस्पताल से बाहर चला भी जाता तो वापस आकर कहने लगता था कि मेरी सांस फूल रही है. इसी तरह की बातें कहकर ये अस्पताल में ही रह जाता था. कहता था कि खाने और रहने की कोई व्यवस्था नहीं है. शव से गहनों की चोरी करते उसे पकड़ा गया और अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया है. पहली बार ही उसने ऐसा किया है."- डॉ. अशोक कुमार, उपाधीक्षक सदर अस्पताल, नालंदा
![अस्पताल में पिछले 5 साल से रह रहा था शख्स](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/27-09-2023/19620699_ppppp.jpg)
लोगों ने चोरी करते रंगे हाथ पकड़ा: जब यह शख्स चोरी की घटना को अंजाम दे रहा था तो वहां मौजूद लोगों ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया. बाद में इसे ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों के हवाले कर दिया गया. चोरी के आरोप में पकड़े गए इस मरीज का नाम प्रेमचंद प्रसाद है, जो मुख्यालय बिहारशरीफ के वार्ड संख्या 33 खंदक मोहल्ले का निवासी है और करीब 5 सालों से ज्यादा वक्त से सदर अस्पताल में मरीज के तौर पर भर्ती था.
क्या है मरीज का कहना?: अस्पताल में इतने सालों से रहने की वजह पूछे जाने पर मरीज प्रेमचंद ने बताया कि उसके घर में रहने के लिए जगह नहीं थी और गंभीर बीमारी की वजह से वो सदर अस्पताल में रहता था. बेटा बहू घर पर नहीं रहने देता थे. जबकि हर हफ्ते प्रेमचंद के पुत्र और बहू मिलने आते थे.
![शव से गहनों की चोरी का मामला आया सामने](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/27-09-2023/19619664_kkkk-2.png)
''घर में रहने की जगह नहीं थी और मुझे गंभीर बीमार थी, इसलिए बेटा-बहू घर पर नहीं रहने देते थे. हालांकि हर हफ्ते वे मुझसे मिलने आते थे. मुझे गंभीर बीमार थी, इसलिए सदर अस्पताल में रहता था.'' - प्रेमचंद, आरोपी
इमरजेंसी वार्ड में पांच सालों से एक बेड रिजर्व?: फिलहाल इस मरीज से चोरी की गई लॉकेट और चेन को डॉक्टरों ने जब्त कर लिया है. साथ ही उसे अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया है. लेकिन सवाल उठता है कि आखिर कैसे एक शख्स को पिछले पांच सालों से अस्पताल में ही रहने की इजाजत दी गई. इतना ही नहीं उसके खाने रहने की व्यवस्था सदर अस्पताल में ही थी.
क्या सालों से कर रहा था चोरी?: इमरजेंसी वार्ड में बेड की कमी की खबरें अक्सर सामने आती हैं. वहीं एक मरीज के द्वारा पिछले पांच सालों से एक बेड रिजर्व करना कई तरह के सवाल खड़े करता है. सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या प्रेमचंद इससे पहले भी इस तरह की करतूत को अंजाम दे चुका है.
चेतावनी देकर छोड़ा गया: जानकारी के अनुसार जब मरीज प्रेमचंद को पावापुरी रेफर किया गया तो वह वापस आ गया और रो धोकर हाथ पैर जोड़कर सदर अस्पताल में ही रह जाता था. साथ ही ड्यूटी पर तैनात स्वास्थकर्मी एवं सिक्योरिटी गार्ड को सख़्त निर्देश दिया गया है कि प्रेमचंद अब सदर अस्पताल में नहीं आने दिया जाए. उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. वहीं इस मामले में अभी तक मामला दर्ज नहीं किया गया है. मरीज को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है.