हरिद्वार : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) आज हरिद्वार दौरे पर रहे. राष्ट्रपति सुबह 10.40 बजे पतंजलि योग पीठ पहुंचे. जहां पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह (Patanjali University convocation ceremony) में शामिल हुए. इस मौके पर राष्ट्रपति ने 700 छात्रों को उच्च शिक्षा उपाधि और 71 उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए.
योग को पंथ और संप्रदाय की सीमा से परे बताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि विश्व के हर क्षेत्र और साम्यवादी सहित हर विचारधारा के लोगों ने इसे अपनाया है. कुछ लोगों की यह गलत धारणा है कि योग किसी पंथ या संप्रदाय से संबंधित है. उन्होंने कहा, 'सही मायनों में योग को शरीर और मन को स्वस्थ रखने तथा उच्चतर लक्ष्यों को प्राप्त करने की एक पद्धति है. इसलिए योग को विश्व के हर क्षेत्र और विचारधारा के लोगों ने अपनाया है.'
वर्ष 2018 की अपनी विदेश यात्रा को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर वह सूरीनाम में थे जहां उन्होंने वहां के तत्कालीन राष्ट्रपति देसी बोतरस और लोगों के साथ यह दिवस मनाया. उन्होंने कहा कि कहा जाता है कि वह ऐसा एकमात्र ऐतिहासिक दिन था कि जब दो देशों के राष्ट्रपतियों ने एक साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया.
उन्होंने बताया कि अगले दिन वह क्यूबा पहुंचे जहां के बारे में मान्यता है कि साम्यवादी योग को नहीं मानते और उसे किसी पंथ या संप्रदाय से जोड़ कर देखते हैं. लेकिन, वहां के लोगों ने भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर समारोह आयोजित किया. उन्होंने कहा कि यही नहीं क्यूबा के राष्ट्रपति डिआज कैनल ने योग को भारत का पूरी मानवजाति को दिया गया सर्वश्रेष्ठ उपहार बताया और कहा कि वह भी योग करते हैं.
'योग को सबके लिए है और सबका बताते हुये कोविंद ने योग की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए स्वामी रामदेव के अभूतपूर्व योगदान की सराहना की और कहा कि उन्होंने जनसामान्य को भी योगाभ्यास से जोड़ कर अनगिनत लोगों का कल्याण किया है.
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में आधुनिक विज्ञान के साथ हमारे पारंपरिक ज्ञान से भारत को 'नॉलेज सुपरपॉवर' बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और उस पर पतंजलि विश्वविद्वालय अग्रसर है.
कोविंद ने कहा कि अन्य देशों से भी इस विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों का आना शुरू हो गया है और उन्हें आशा है कि भविष्य में विदेश से यहां आने वाले विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि होगी जिससे भारतीय मूल्यों का विश्व में और प्रचार प्रसार होगा. उन्होंने कहा, '21वीं सदी में नए भारत के उदय में पतंजलि विवि का यह विशेष योगदान होगा.'
नालंदा, तक्षशिला की तरह पतंजलि विवि भी लेगा वैश्विक स्वरूप : रामदेव
योगगुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय जल्द ही नालंदा और तक्षशिला की तर्ज पर एक वैश्विक स्वरूप लेगा जहां दुनिया भर से लोग शिक्षा ग्रहण करने आएंगे. रामदेव ने कहा, 'अभी तो यह पतंजलि विश्वविद्वालय का अभ्युदय स्वरूप है, बीज रूप है. आने वाले कुछ समय में यह ग्लोबल पतंजलि यूनिवर्सिटी बनने वाली है. यह दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी होगी जहां एक लाख से ज्यादा छात्र सभी विषयों जैसे मेडिकल, इंजीनियरिंग, कृषि, प्रबंधन, कानून में शिक्षा हासिल करेंगे.' उन्होंने कहा, ' जैसे पहले भारत में पूरी दुनिया से नालंदा और तक्षशिला में लोग पढने आते थे तो अब नालंदा और तक्षशिला का नवाचार और नवातार पतंजलि की ओर से प्रस्तुत होगा.'
उन्होंने कहा कि पतंजलि आचार्यकुलम में छोटे बच्चे भी वेदांत, वेद दर्शन, उपनिषद, भगवद गीता, सांख्य योग के साथ ही तीन से पांच भाषाओं में भी पारंगत होकर आधुनिक विषयों को भी पढ़ रहे हैं.
2019 में आए थे हरिद्वार
इससे पहले राष्ट्रपति कोविंद अक्टूबर 2019 में भी हरिद्वार आए थे. उन्होंने पत्नी सविता कोविंद के साथ हरिद्वार के कनखल स्थित हरिहर आश्रम में पहुंचकर श्री पारदेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना और रुद्राभिषेक किया था. इस दौरान जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज की देखरेख में उन्होंने पूजन किया था.
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