नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी (Congress) ने कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर एक बार फिर से केंद्र सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस पार्टी ने कहा कि वह तब तक किसानों के विरोध का समर्थन करती रहेगी, जब तक कि केंद्र सरकार विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती है.
कांग्रेस के लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमने किसान आंदोलन पर चर्चा की मांग करते हुए सदन में स्थगन प्रस्ताव पेश किया. हमने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में गांधी प्रतिमा पर धरना भी दिया. लेकिन जब कोई केंद्रीय मंत्री सदन में चर्चा करने के लिए खड़ा होता है, तो उसे सदन के अंदर चर्चा करने की अनुमति मिलती है, लेकिन जब हम स्थगन प्रस्ताव देते हैं, तो हमारा अनुरोध अस्वीकार कर दिया जाता है. यह सरकार का दोहरा मापदंड है.
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने किसानों को विभाजित करने के लिए सभी तरकीब अपनाए हैं. सरकार ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले, पानी की बौछारें का उपयोग किया. यहां तक की सरकार ने किसानों को सरकार 'पाकिस्तानी', 'खालिस्तानी', 'देश-द्रोही' तक करार दिया.
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राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नरेंद्र मोदी साहब और तोमर साहब बार-बार हमसे पूछ रहे हैं कि इन कानूनों में क्या गलत है. हमने इसे कई बार समझाया है और फिर भी हम इस पर फिर से चर्चा करने के लिए तैयार हैं, एक तरफ सरकार है यह दावा करते हुए कि वे किसानों और खेत-मजदूरों के कल्याण के लिए काम करना चाहते हैं, जबकि दूसरी तरफ, यह उनके सभी अधिकारों को छीन रहा है.
उन्होंने कहा कि हमारे देश में महंगाई क्यों बढ़ रही है, इसका कारण यह है कि पिछली सरकारों ने कालाबाजारी करने वालों को पकड़ने की कोशिश की थी, जबकि वर्तमान सरकार उन्हें जाने दे रही है. ये कृषि कानून भी उसी के अनुरूप हैं. इसलिए, हम किसानों के साथ हैं. हम हैं उनके लिए लड़ रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे.
ईटीवी भारत ने खड़गे से सवाल किया कि किसानों ने आरोप लगाया है कि विपक्ष अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में विफल रहा है. इस पर खड़गे ने कहा कि हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं.