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बच्चे की श्वासनली में एक माह तक फंसा रहा सीटी का एक हिस्सा, डॉक्टरों ने सर्जरी कर निकाला बाहर

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक बच्चे की श्वासनली में सीटी का एक हिस्सा फंसा हुआ था. डॉक्टरों से मिली जानकारी के अनुसार यह टुकड़ा करीब एक माह से बच्चे के गले में फंसा हुआ था. डॉक्टरों ने सर्जरी कर उस हिस्से को बाहर निकाल लिया.

Whistle piece stuck in trachea
श्वासनली में फंसा सीटी का हिस्सा
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Published : May 18, 2023, 10:30 PM IST

दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में नौ साल के बच्चे की सांस नली में सीटी का एक हिस्सा फंस गया और वह करीब एक महीने तक वहां फंसा रहा. बच्चे के सांस छोड़ने पर सीटी का यह हिस्सा बजता था. बच्चा अपनी श्वासनली में सीटी का हिस्सा फंसाकर ही रह रहा था, हालांकि उसे सांस की तकलीफ हो रही थी, लेकिन इससे बच्चे की शारीरिक स्थिति पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा, इसलिए किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया. लेकिन जब डॉक्टरों को इस घटना के बारे में पता चला तो वह हैरान रह गए.

श्वासनली में फंसे सीटी के इस हिस्से को देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए. हालांकि, नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने गुरुवार को जटिल सर्जरी कर सांस की नली से इस हिस्से को बाहर निकाला. अस्पताल सूत्रों के अनुसार पेशे से इलेक्ट्रिशियन बिप्लब रॉय सिलीगुड़ी के अंबारी के रहने वाले हैं. उनका बेटा, नौ वर्षीय विवेक रॉय एक महीने पहले एक सीटी बजा रहा था, जब उसका एक हिस्सा निकल कर उसकी छाती के पास उसकी सांस की नली में फंस गई.

कुछ समय तक ऐसा ही चलता रहा, लेकिन बाद में बच्चे को राजगंज ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया. लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया, क्योंकि लड़के की शारीरिक स्थिति खराब नहीं थी. फिर परिजनों ने 16 मई को विवेक को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया. मामले की जानकारी लगते ही ईएनटी विभाग के चिकित्सक व विभागाध्यक्ष राधेश्याम महतो ने तुरंत इलाज शुरू किया.

पढ़ें: The Kerala Story : 'द केरल स्टोरी' पर बैन को लेकर बोले सुदीप्तो सेन- दुर्भाग्यपूर्ण था बंगाल का फैसला, SC ने दी राहत

उन्होंने विशेष चिकित्सा दल भी गठित किया, क्योंकि तत्काल सर्जरी की आवश्यकता थी. एनेस्थीसिया, सर्जन और ईएनटी विभाग के डॉक्टरों को लेकर टीम बनाई गई थी. डॉक्टरों की टीम में राधेश्याम महतो, ध्रुपद रॉय, गौतम दास, संदीप घोष, तुहिन शशमल, अजितव सरकार, शुभम गुप्ता, एसके अजहरुद्दीन, संदीप मंडल शामिल थे. छाती के पास फंसे सीटी के हिस्से को डॉक्टरों ने ब्रोंकोस्कोपी फोरसेप्स विधि से बाहर निकाला.

दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में नौ साल के बच्चे की सांस नली में सीटी का एक हिस्सा फंस गया और वह करीब एक महीने तक वहां फंसा रहा. बच्चे के सांस छोड़ने पर सीटी का यह हिस्सा बजता था. बच्चा अपनी श्वासनली में सीटी का हिस्सा फंसाकर ही रह रहा था, हालांकि उसे सांस की तकलीफ हो रही थी, लेकिन इससे बच्चे की शारीरिक स्थिति पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा, इसलिए किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया. लेकिन जब डॉक्टरों को इस घटना के बारे में पता चला तो वह हैरान रह गए.

श्वासनली में फंसे सीटी के इस हिस्से को देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए. हालांकि, नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने गुरुवार को जटिल सर्जरी कर सांस की नली से इस हिस्से को बाहर निकाला. अस्पताल सूत्रों के अनुसार पेशे से इलेक्ट्रिशियन बिप्लब रॉय सिलीगुड़ी के अंबारी के रहने वाले हैं. उनका बेटा, नौ वर्षीय विवेक रॉय एक महीने पहले एक सीटी बजा रहा था, जब उसका एक हिस्सा निकल कर उसकी छाती के पास उसकी सांस की नली में फंस गई.

कुछ समय तक ऐसा ही चलता रहा, लेकिन बाद में बच्चे को राजगंज ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया. लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया, क्योंकि लड़के की शारीरिक स्थिति खराब नहीं थी. फिर परिजनों ने 16 मई को विवेक को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया. मामले की जानकारी लगते ही ईएनटी विभाग के चिकित्सक व विभागाध्यक्ष राधेश्याम महतो ने तुरंत इलाज शुरू किया.

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उन्होंने विशेष चिकित्सा दल भी गठित किया, क्योंकि तत्काल सर्जरी की आवश्यकता थी. एनेस्थीसिया, सर्जन और ईएनटी विभाग के डॉक्टरों को लेकर टीम बनाई गई थी. डॉक्टरों की टीम में राधेश्याम महतो, ध्रुपद रॉय, गौतम दास, संदीप घोष, तुहिन शशमल, अजितव सरकार, शुभम गुप्ता, एसके अजहरुद्दीन, संदीप मंडल शामिल थे. छाती के पास फंसे सीटी के हिस्से को डॉक्टरों ने ब्रोंकोस्कोपी फोरसेप्स विधि से बाहर निकाला.

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