नई दिल्ली : गृह मामलों को संसदीय समिति ने कोरोना टीकाकरण की धीमी रफ्तार पर चिंता जताई है.
राज्य सभा में प्रस्तुत रिपोर्ट में समिति ने पाया कि अब तक भारतीय जनसंख्या का एक प्रतिशत से कम टीकाकरण किया गया है. ऐसे में पूरी आबादी का टीकाकरण करने में कई साल लगेंगे.
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति का मानना है कि यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है क्योंकि विश्व के कई हिस्सों में नए तरह का वायरस तेजी से फैल रहा है.
समिति का सुझाव है कि सभी फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर के साथ-साथ सीएपीएफ और यूटी पुलिस कर्मियों को वैक्सीन की खुराक दी जाए. समिति ने कहा, अधिक से अधिक लोगों को जल्द से जल्द कवर करने का प्रयास किया जाना चाहिए.
इस बात का भी जिक्र किया गया है कि महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात समेत कुछ राज्यों में कोरोना के मामले फिर तेजी से बढ़ रहे हैं. समिति ने सुझाव दिया है कि लक्षद्वीप की जनसंख्या केवल 70 हजार है ऐसे में वहां सभी का टीकाकरण किया जा सकता है.
साथ ही समिति का मानना है कि चूंकि चिकित्सा सुविधाएं सीमित हैं, इसलिए लक्षद्वीप में टीकाकरण के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
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'ईटीवी भारत' के पास उपलब्ध स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि सोमवार सुबह तक कुल 2,99,08,038 लोगो की कोविड 19 की खुराक दी जा चुकी है. 54,55,653 लोगों को टीके की दूसरी खुराक मिल चुकी है जबकि 2,44,52,385 लोगों काे पहली खुराक मिली है.
पिछले 24 घंटे के दौरान 19,995 लोगों को टीके का दूसरा डोज दिया गया है.