ETV Bharat / bharat

कई बार यूपीए सरकार ने जल्दबाजी में संसदीय विधेयकों को पारित किया

केंद्र की मोदी सरकार के पहले भी यूपीए सरकार ने अपने दो कार्यकाल के दौरान 18 विधेयक महज कुछ ही मिनटों में पारित करवा दिए थे. ये 18 विधेयक महज 72 मिनट यानी हर विधेयक सिर्फ 4 मिनट में ही पास हो गया था. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता कृष्णानंद त्रिपाठी की रिपोर्ट...

संसदीय विधेयक
संसदीय विधेयक
author img

By

Published : Aug 12, 2021, 5:39 PM IST

नई दिल्ली : ऐसा नहीं है कि केंद्र की मोदी सरकार ने चंद मिनटों में ही बिल को पास किया है. इससे पहले वर्ष 2006 और वर्ष 2014 के बीच में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए 1 और 2) सरकार ने जल्दबाजी में कुल 18 विधेयक पारित किए थे. ये 18 बिल सिर्फ 72 मिनट में पास हो गए, यानी लगभग हर एक बिल 4 मिनट में पास हो गया. आइए जानते हैं उनके बारे में..

वर्ष 2006

  • 22 मार्च, 2006 को लोकसभा ने दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) विधेयक, 2006 को केवल 3 मिनट में पारित कर दिया.
  • 7 अगस्त, 2006 को निचले सदन ने भी सरकारी प्रतिभूति विधेयक, 2004 को मात्र 14 मिनट में पारित कर दिया.

वर्ष 2007

  • राष्ट्रीय औषधि शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2007 (16 मार्च को 4 मिनट में).
  • बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2007 (16 मार्च को 5 मिनट में).
  • राष्ट्रीय कर न्यायाधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2007 (19 मार्च को 5 मिनट में).
  • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (जम्मू और कश्मीर के लिए विस्तार) विधेयक, 2007 (19 मार्च को 3 मिनट में).
  • कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2007 (19 मार्च को 2 मिनट में).
  • संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2006 (14 मई को 4 मिनट में).
  • प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) विधेयक, 2006 (14 मई को 3 मिनट में)
  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान विधेयक, 2007 (14 मई को 2 मिनट में)
  • केंद्रीय सड़क कोष (संशोधन) विधेयक, 2006 (16 मई को 4 मिनट में).
  • कंपटीशन (संशोधन) विधेयक, 2007 6 सितंबर को 4 मिनट में पारित हो गया.
  • प्रशिक्षु (संशोधन) विधेयक, 2007 7 सितंबर को 1 मिनट में पारित हो गया.

वर्ष 2010

  • क्लिनकल इस्टेबलिशमेंट (पंजीकरण और विनियमन) विधेयक, 2010 (3 मई को 1 मिनट में).
  • ग्रेच्युटी का भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2010 (3 मई को 3 मिनट में).
  • कर्मचारी राज्य बीमा (संशोधन) विधेयक, 2010 (3 मई को 12 मिनट में).

वर्ष 2011

  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) विधेयक, 2011 18 मार्च को केवल 2 मिनट में.

हंगामे के बीच पारित होने वाले अन्य विधेयक

  • आंध्र प्रदेश (पुनर्गठन) विधेयक, 2014
  • सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार और वाणिज्य का विनियमन, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण (संशोधन) विधेयक, 2007
  • अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2007
  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (पदों और सेवाओं में आरक्षण) विधेयक, 2008
  • स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग का विनियमन) विधेयक, 2013
  • सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) विधेयक, 2006

इसीक्रम में तत्कालीन कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने राज्यसभा में जल्दबाजी में संविधान संशोधन विधेयक पारित करने के लिए माफी मांगी थी. क्योंकि बिल जब पेश किया गया, तो इसका शीर्षक 120वां संविधान संशोधन विधेयक था, लेकिन जब इसे पारित किया गया तो इसे 99वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में पढ़ा जाना चाहिए था.

नई दिल्ली : ऐसा नहीं है कि केंद्र की मोदी सरकार ने चंद मिनटों में ही बिल को पास किया है. इससे पहले वर्ष 2006 और वर्ष 2014 के बीच में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए 1 और 2) सरकार ने जल्दबाजी में कुल 18 विधेयक पारित किए थे. ये 18 बिल सिर्फ 72 मिनट में पास हो गए, यानी लगभग हर एक बिल 4 मिनट में पास हो गया. आइए जानते हैं उनके बारे में..

वर्ष 2006

  • 22 मार्च, 2006 को लोकसभा ने दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) विधेयक, 2006 को केवल 3 मिनट में पारित कर दिया.
  • 7 अगस्त, 2006 को निचले सदन ने भी सरकारी प्रतिभूति विधेयक, 2004 को मात्र 14 मिनट में पारित कर दिया.

वर्ष 2007

  • राष्ट्रीय औषधि शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2007 (16 मार्च को 4 मिनट में).
  • बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2007 (16 मार्च को 5 मिनट में).
  • राष्ट्रीय कर न्यायाधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2007 (19 मार्च को 5 मिनट में).
  • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (जम्मू और कश्मीर के लिए विस्तार) विधेयक, 2007 (19 मार्च को 3 मिनट में).
  • कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2007 (19 मार्च को 2 मिनट में).
  • संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2006 (14 मई को 4 मिनट में).
  • प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) विधेयक, 2006 (14 मई को 3 मिनट में)
  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान विधेयक, 2007 (14 मई को 2 मिनट में)
  • केंद्रीय सड़क कोष (संशोधन) विधेयक, 2006 (16 मई को 4 मिनट में).
  • कंपटीशन (संशोधन) विधेयक, 2007 6 सितंबर को 4 मिनट में पारित हो गया.
  • प्रशिक्षु (संशोधन) विधेयक, 2007 7 सितंबर को 1 मिनट में पारित हो गया.

वर्ष 2010

  • क्लिनकल इस्टेबलिशमेंट (पंजीकरण और विनियमन) विधेयक, 2010 (3 मई को 1 मिनट में).
  • ग्रेच्युटी का भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2010 (3 मई को 3 मिनट में).
  • कर्मचारी राज्य बीमा (संशोधन) विधेयक, 2010 (3 मई को 12 मिनट में).

वर्ष 2011

  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) विधेयक, 2011 18 मार्च को केवल 2 मिनट में.

हंगामे के बीच पारित होने वाले अन्य विधेयक

  • आंध्र प्रदेश (पुनर्गठन) विधेयक, 2014
  • सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार और वाणिज्य का विनियमन, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण (संशोधन) विधेयक, 2007
  • अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2007
  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (पदों और सेवाओं में आरक्षण) विधेयक, 2008
  • स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग का विनियमन) विधेयक, 2013
  • सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) विधेयक, 2006

इसीक्रम में तत्कालीन कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने राज्यसभा में जल्दबाजी में संविधान संशोधन विधेयक पारित करने के लिए माफी मांगी थी. क्योंकि बिल जब पेश किया गया, तो इसका शीर्षक 120वां संविधान संशोधन विधेयक था, लेकिन जब इसे पारित किया गया तो इसे 99वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में पढ़ा जाना चाहिए था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.