नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र का आज दसवां दिन है. संसद के हंगामेदार रहने के आसार हैं. सोमवार को भी संसद में गतिरोध देखने को मिल सकता है. हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि वह विपक्ष के हर मुद्दे पर जवाब देने के लिए तैयार है. वहीं विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि संसद में उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है. इतना ही नहीं सरकार पेगासस मुद्दे पर भी बहस करने के लिए तैयार नहीं है.
वहीं केंद्र सरकार आरोप लगा रही है कि कांग्रेस संसद को चलने नहीं देना चाहती है. वह सिर्फ हंगामा चाहती है. बता दें कि इससे पहले आरोप-प्रत्यारोप के चलते निर्धारित बैठक के 105 घंटे में संसद के दोनों सदन केवल 18 घंटे ही चल पाए. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सरकार पर गतिरोध का आरोप लगा रही है.
उच्च सदन में, केवल कोविड पर एक उचित बहस देखी गई, जबकि लोकसभा में कोई बहस नहीं हुई, हालांकि सरकार ने संसद के दोनों सदनों में महत्वपूर्ण कानून पारित किए. पेगासस प्रोजेक्ट स्नूपिंग विवाद है जिस पर विपक्ष चर्चा की मांग कर रहा है लेकिन सरकार का कहना है कि आईटी मंत्री के बयान के बाद ही स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसे गैर मुद्दा करार दिया है.
सरकार कह रही है कि विपक्ष को दिलचस्पी नहीं है और बार-बार कोशिश करने के बाद भी विरोधी पक्ष उनकी मांगों से पीछे नहीं हट रहा है. प्रह्लाद जोशी और पीयूष गोयल ने विपक्षी नेताओं से मुलाकात की, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है.
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि 315 से अधिक सदस्य प्रश्नकाल चाहते हैं. इसके बावजूद विपक्ष इस तरह का व्यवहार कर रहा है, यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है. आईटी मंत्री ने दोनों सदनों में विस्तृत बयान दिया है. यह पूरी तरह से गैर-गंभीर मुद्दा है.
उन्होंने कहा कि जनता से जुड़े कई मुद्दे हैं जिन पर चर्चा की जरूरत है. सरकार बिना चर्चा के विधेयकों को पारित नहीं करना चाहती है. हम चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन वे इसकी अनुमति नहीं दे रहे हैं.
संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होने के बाद कुछ विधेयकों को छोड़कर लोकसभा एवं राज्यसभा में कोई महत्वपूर्ण काम नहीं हुआ है. विपक्षी दल पेगासस और किसानों के मुद्दे को लेकर विरोध कर रहे हैं. संसद का सत्र 13 अगस्त तक चलना है.
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गौरतलब है कि विपक्षी दलों के सदस्य पेगासस जासूसी मामले और केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर मौजूदा सत्र के पहले दिन से सदन में नारेबाजी कर रहे हैं. इस कारण से सदन में अब तक कामकाज बाधित रहा है और कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है. सरकार ने शोर-शराबे के बीच ही कुछ विधेयक पारित कराये हैं.