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Parliament Monsoon Session 2022: लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कल तक स्थगित - संसद मानसून सत्र 2022 लाइव अपडेट

विपक्ष के हंगामे के चलते मानसून सत्र के तीसरे दिन भी संसद की कार्यवाही बाधित रही. लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही पहले दोपहर दो बजे तक स्थगित की गई थी. लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा, जिसके चलते दोनों सदनों को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

Parliament Monsoon Session 2022 live updates
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Published : Jul 20, 2022, 9:21 AM IST

Updated : Jul 20, 2022, 4:35 PM IST

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र का आज (बुधवार) तीसरा दिन है. महंगाई सहित अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बज कर चार मिनट पर दिन भर के लिए स्थगित. वहीं, लोकसभा की कार्यवाही भी दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई है. इससे पहले दोनों सदनों की कार्यवाही हंगामे के कारण दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. राज्यसभा में इससे पहले उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने मनोनीत सदस्य ऊषा का नाम शपथ लेने के लिए पुकारा. ऊषा ने हिंदी में शपथ ली. सदन में मौजूद सदस्यों ने मेजें थपथपा कर पी. टी. ऊषा का स्वागत किया. ऊषा ने शपथ लेने के बाद हाथ जोड़ कर आभार व्यक्त किया. इसके बाद कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने महंगाई को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके कारण अध्यक्ष ने सदन को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया. विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते कार्यवाही बाधित होने के कारण उच्च सदन में अब तक एक बार भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया है.

लोकसभा में विपक्षी दलों का भारी हंगामा, प्रश्नकाल बाधित

लोकसभा में कांग्रेस, द्रमुक सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई, जीएसटी, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भारी शोर-शराबा किया जिसके कारण कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण संसद के मानसून सत्र में लगातार तीसरे दिन निचले सदन में प्रश्नकाल बाधित रहा. सुबह निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा. लेकिन कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी.

  • दिल्ली: कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी मानसून सत्र के तीसरे दिन महंगाई के मुद्दे पर संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने संयुक्त विपक्ष के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। pic.twitter.com/Rk0otkcqxg

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) July 20, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बिरला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया. इस दौरान कुछ सदस्यों ने प्रश्न पूछे और मंत्रियों ने जवाब दिये. इस बीच, विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए. उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर एलपीजी सहित जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें बढ़ाये जाने जैसे मुद्दों का उल्लेख किया गया था. लोकसभा अध्यक्ष ने द्रमुक सदस्य टी. आर. बालू को अपने स्थान पर बैठने को कहा. उन्होंने कहा कि प्रश्काल के बाद बोलने का मौका देंगे और अगर सदस्य आसन की बात नहीं मानेंगे तब इजाजत नहीं मिलेगी.

बिरला ने कहा, "सदन चर्चा संवाद के लिए है, नारेबाजी के लिए नहीं है और सदन में शोर-शराबा करने वाले सदस्य सदन की गरिमा को गिरा रहे हैं." उन्होंने कहा कि हंगामा कर रहे सदस्यों का रवैया संसदीय परम्पराओं के लिए उचित नहीं है क्योंकि जनता ने तख्तियां दिखाने और नारेबाजी के लिए नहीं भेजा है. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि अमृतकाल में जनता हमसे चर्चा और संवाद की उम्मीद करती है और वह सभी विषयों पर चर्चा के लिए प्रक्रिया अनुसार समय देने को तैयार हैं. उन्होंने कहा, "शून्यकाल में हर विषय को उठाने की अनुमति देने को तैयार हूं, लेकिन हंगामा करेंगे तो इजाजत नहीं दूंगा."

  • SAD MPs incl Sukhbir Singh Badal & Harsimrat Kaur Badal demand from Union Ministers Amit Shah, Nitin Gadkari & Rajnath Singh the release of 'Bandi Singhs' (Sikh prisoners) who have been languishing in various jails for many years pic.twitter.com/WoHe3xI47I

    — ANI (@ANI) July 20, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आप (लोकसभा अध्यक्ष) इतने बड़े दिल से सभी को चर्चा की अनुमति देने की बात कह रहे हैं, लेकिन ये (विपक्षी सदस्य) हंगामा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सदन में अधिकांश सदस्य प्रश्नकाल चलाना चाहते हैं और कांग्रेस पार्टी एवं उनके सहयोगी दल यह स्पष्ट करें कि वे चर्चा चाहते हैं या नहीं. शोर-शराबा थमता नहीं देख लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद ही स्थगित कर दी.

राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित

महंगाई सहित कुछ अन्य मुद्दों पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही भी शुरू होने के 10 मिनट के भीतर ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया. सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, मनोनीत सदस्य और प्रख्यात एथलीट पी टी ऊषा ने राज्यसभा की सदस्यता की शपथ ली. इसी बीच, विपक्षी सदस्य अपने-अपने मुद्दे उठाने के लिए हंगामा करने लगे. सभापति ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को अपनी बात रखने का मौका दिया.

खड़गे ने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ रही है और खाने-पीने की जरूरी चीजों की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं, जिसका परिणाम आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, "इस महंगाई की मार से महिलाएं ही नहीं, बच्चों से लेकर और बूढ़े तक, देश की 140 करोड़ जनता इससे प्रभावित हो रही है." नायडू ने उन्हें टोकते हुए कहा उन्होंने खड़गे को सिर्फ मुद्दे का उल्लेख करने को कहा है. मगर खड़गे अपनी बात कहते रहे.

उन्होंने कहा, "जिस कारण आम आदमी की हालत बदतर हो गई है. कई आवश्यक वस्तुएं, खासकर खाने-पीने के सामान, रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के बाद अनाज, गेहूं, चावल, दाल, लस्सी, पनीर और छाछ इत्यादि महंगे हो गए हैं." सभापति ने फिर उन्हें टोका कि उन्हें सिर्फ मुद्दे का उल्लेख करने की अनुमति दी गई है. इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया. नायडू ने कहा, "कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भी महंगाई के मुद्दे पर चर्चा का सुझाव आया था और मैं महंगाई पर चर्चा कराने को लेकर सहमत था लेकिन आप लोग नहीं चाहते हैं."

उन्होंने सदस्यों से कार्यवाही चलने देने की अपील की. हंगामा थमते न देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बज कर करीब आठ मिनट पर अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. द्रमुक के सदस्य तिरुची शिवा और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने भी इसी मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करते हुए कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था.

राहुल की अगुवाई में विपक्षी दल ने महंगाई को लेकर दिया धरना

राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने महंगाई और कई जरूरी खाद्य वस्तुओं को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाए जाने के विरोध में बुधवार को संसद भवन परिसर में धरना दिया. इन सांसदों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया. इन लोगों ने एक बैनर भी ले रखा था जिस पर गैस सिलेंडर की तस्वीर थी और लिखा था, "दाम बढ़ने से आम नागरिकों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, वे कैसे जीवन यापन करेंगे?"

कुछ सांसदों ने अपने हाथों में तख्तियां भी ले रखीं थीं और कुछ छाछ के पैकेट भी लेकर पहुंचे थे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, तेलंगाना राष्ट्र समिति के नमा नागेश्वर राव एवं के. केशव राव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर और कई अन्य विपक्षी सांसद इस धरने में शामिल हुए. विपक्षी सांसदों ने 'दूध-दही पर जीएसटी वापस लो' के नारे भी लगाए.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "जन प्रतिनिधि होने के नाते हमारा फर्ज बनता है कि हम ऐसे मुद्दों को उठाएं. भाजपा सरकार ने 140 करोड़ जनता पर हमला किया है. इसलिए हम प्रदर्शन कर रहे हैं, सभी राज्यो में प्रदर्शन करेंगे. जब तक GST वापस नहीं होगी हम लड़ते रहेंगे. इधर, सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर बादल सहित शिरोमणि अकाली दल के सांसदों ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह से कई वर्षों से विभिन्न जेलों में बंद सिख कैदियों की रिहाई की मांग की.

विपक्षी दलों ने मंगलवार को भी इसी विषय पर संसद परिसर में धरना दिया था और दोनों सदनों में हंगामा किया था, जिस कारण कार्यवाही बाधित हुई थी. दोनों सदनों की कार्यवाही आज भी बाधित हुई. उधर, राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार को दिन में दो बजे तक के लिए स्थगित होने के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "आज सुबह राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने मूल्य वृद्धि और खाद्य पदार्थों पर लगाई गई जीएसटी पर तत्काल बहस की मांग की.सरकार ने इससे इनकार कर दिया. सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई." उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की जिद जारी है. संसद में कामकाज नहीं हो पा रहा है.

इससे पहले मंगलवार को दोनों सदनों में विपक्षी दलों का हंगामा जारी था. महंगाई और अग्निपथ योजना के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा किया था. जिसके कारण दोनों सदनों को आज सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया था.

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र का आज (बुधवार) तीसरा दिन है. महंगाई सहित अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बज कर चार मिनट पर दिन भर के लिए स्थगित. वहीं, लोकसभा की कार्यवाही भी दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई है. इससे पहले दोनों सदनों की कार्यवाही हंगामे के कारण दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. राज्यसभा में इससे पहले उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने मनोनीत सदस्य ऊषा का नाम शपथ लेने के लिए पुकारा. ऊषा ने हिंदी में शपथ ली. सदन में मौजूद सदस्यों ने मेजें थपथपा कर पी. टी. ऊषा का स्वागत किया. ऊषा ने शपथ लेने के बाद हाथ जोड़ कर आभार व्यक्त किया. इसके बाद कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने महंगाई को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके कारण अध्यक्ष ने सदन को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया. विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते कार्यवाही बाधित होने के कारण उच्च सदन में अब तक एक बार भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया है.

लोकसभा में विपक्षी दलों का भारी हंगामा, प्रश्नकाल बाधित

लोकसभा में कांग्रेस, द्रमुक सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई, जीएसटी, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भारी शोर-शराबा किया जिसके कारण कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण संसद के मानसून सत्र में लगातार तीसरे दिन निचले सदन में प्रश्नकाल बाधित रहा. सुबह निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा. लेकिन कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी.

  • दिल्ली: कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी मानसून सत्र के तीसरे दिन महंगाई के मुद्दे पर संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने संयुक्त विपक्ष के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। pic.twitter.com/Rk0otkcqxg

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) July 20, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बिरला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया. इस दौरान कुछ सदस्यों ने प्रश्न पूछे और मंत्रियों ने जवाब दिये. इस बीच, विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए. उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर एलपीजी सहित जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें बढ़ाये जाने जैसे मुद्दों का उल्लेख किया गया था. लोकसभा अध्यक्ष ने द्रमुक सदस्य टी. आर. बालू को अपने स्थान पर बैठने को कहा. उन्होंने कहा कि प्रश्काल के बाद बोलने का मौका देंगे और अगर सदस्य आसन की बात नहीं मानेंगे तब इजाजत नहीं मिलेगी.

बिरला ने कहा, "सदन चर्चा संवाद के लिए है, नारेबाजी के लिए नहीं है और सदन में शोर-शराबा करने वाले सदस्य सदन की गरिमा को गिरा रहे हैं." उन्होंने कहा कि हंगामा कर रहे सदस्यों का रवैया संसदीय परम्पराओं के लिए उचित नहीं है क्योंकि जनता ने तख्तियां दिखाने और नारेबाजी के लिए नहीं भेजा है. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि अमृतकाल में जनता हमसे चर्चा और संवाद की उम्मीद करती है और वह सभी विषयों पर चर्चा के लिए प्रक्रिया अनुसार समय देने को तैयार हैं. उन्होंने कहा, "शून्यकाल में हर विषय को उठाने की अनुमति देने को तैयार हूं, लेकिन हंगामा करेंगे तो इजाजत नहीं दूंगा."

  • SAD MPs incl Sukhbir Singh Badal & Harsimrat Kaur Badal demand from Union Ministers Amit Shah, Nitin Gadkari & Rajnath Singh the release of 'Bandi Singhs' (Sikh prisoners) who have been languishing in various jails for many years pic.twitter.com/WoHe3xI47I

    — ANI (@ANI) July 20, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आप (लोकसभा अध्यक्ष) इतने बड़े दिल से सभी को चर्चा की अनुमति देने की बात कह रहे हैं, लेकिन ये (विपक्षी सदस्य) हंगामा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सदन में अधिकांश सदस्य प्रश्नकाल चलाना चाहते हैं और कांग्रेस पार्टी एवं उनके सहयोगी दल यह स्पष्ट करें कि वे चर्चा चाहते हैं या नहीं. शोर-शराबा थमता नहीं देख लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद ही स्थगित कर दी.

राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित

महंगाई सहित कुछ अन्य मुद्दों पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही भी शुरू होने के 10 मिनट के भीतर ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया. सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, मनोनीत सदस्य और प्रख्यात एथलीट पी टी ऊषा ने राज्यसभा की सदस्यता की शपथ ली. इसी बीच, विपक्षी सदस्य अपने-अपने मुद्दे उठाने के लिए हंगामा करने लगे. सभापति ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को अपनी बात रखने का मौका दिया.

खड़गे ने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ रही है और खाने-पीने की जरूरी चीजों की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं, जिसका परिणाम आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, "इस महंगाई की मार से महिलाएं ही नहीं, बच्चों से लेकर और बूढ़े तक, देश की 140 करोड़ जनता इससे प्रभावित हो रही है." नायडू ने उन्हें टोकते हुए कहा उन्होंने खड़गे को सिर्फ मुद्दे का उल्लेख करने को कहा है. मगर खड़गे अपनी बात कहते रहे.

उन्होंने कहा, "जिस कारण आम आदमी की हालत बदतर हो गई है. कई आवश्यक वस्तुएं, खासकर खाने-पीने के सामान, रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के बाद अनाज, गेहूं, चावल, दाल, लस्सी, पनीर और छाछ इत्यादि महंगे हो गए हैं." सभापति ने फिर उन्हें टोका कि उन्हें सिर्फ मुद्दे का उल्लेख करने की अनुमति दी गई है. इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया. नायडू ने कहा, "कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भी महंगाई के मुद्दे पर चर्चा का सुझाव आया था और मैं महंगाई पर चर्चा कराने को लेकर सहमत था लेकिन आप लोग नहीं चाहते हैं."

उन्होंने सदस्यों से कार्यवाही चलने देने की अपील की. हंगामा थमते न देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बज कर करीब आठ मिनट पर अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. द्रमुक के सदस्य तिरुची शिवा और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने भी इसी मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करते हुए कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था.

राहुल की अगुवाई में विपक्षी दल ने महंगाई को लेकर दिया धरना

राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने महंगाई और कई जरूरी खाद्य वस्तुओं को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाए जाने के विरोध में बुधवार को संसद भवन परिसर में धरना दिया. इन सांसदों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया. इन लोगों ने एक बैनर भी ले रखा था जिस पर गैस सिलेंडर की तस्वीर थी और लिखा था, "दाम बढ़ने से आम नागरिकों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, वे कैसे जीवन यापन करेंगे?"

कुछ सांसदों ने अपने हाथों में तख्तियां भी ले रखीं थीं और कुछ छाछ के पैकेट भी लेकर पहुंचे थे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, तेलंगाना राष्ट्र समिति के नमा नागेश्वर राव एवं के. केशव राव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर और कई अन्य विपक्षी सांसद इस धरने में शामिल हुए. विपक्षी सांसदों ने 'दूध-दही पर जीएसटी वापस लो' के नारे भी लगाए.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "जन प्रतिनिधि होने के नाते हमारा फर्ज बनता है कि हम ऐसे मुद्दों को उठाएं. भाजपा सरकार ने 140 करोड़ जनता पर हमला किया है. इसलिए हम प्रदर्शन कर रहे हैं, सभी राज्यो में प्रदर्शन करेंगे. जब तक GST वापस नहीं होगी हम लड़ते रहेंगे. इधर, सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर बादल सहित शिरोमणि अकाली दल के सांसदों ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह से कई वर्षों से विभिन्न जेलों में बंद सिख कैदियों की रिहाई की मांग की.

विपक्षी दलों ने मंगलवार को भी इसी विषय पर संसद परिसर में धरना दिया था और दोनों सदनों में हंगामा किया था, जिस कारण कार्यवाही बाधित हुई थी. दोनों सदनों की कार्यवाही आज भी बाधित हुई. उधर, राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार को दिन में दो बजे तक के लिए स्थगित होने के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "आज सुबह राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने मूल्य वृद्धि और खाद्य पदार्थों पर लगाई गई जीएसटी पर तत्काल बहस की मांग की.सरकार ने इससे इनकार कर दिया. सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई." उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की जिद जारी है. संसद में कामकाज नहीं हो पा रहा है.

इससे पहले मंगलवार को दोनों सदनों में विपक्षी दलों का हंगामा जारी था. महंगाई और अग्निपथ योजना के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा किया था. जिसके कारण दोनों सदनों को आज सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया था.

Last Updated : Jul 20, 2022, 4:35 PM IST
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