नई दिल्ली : राज्य सभा की कार्यवाही का पांचवां दिन हंगामे से भरपूर रहा. दिनभर विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और राज्य सभा के वेल में तख्तियों के साथ प्रदर्शन करते रहे. राजद सांसद मनोज झा ने हंगामे को लेकर सांसदों और सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े किए. इस पर सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कोई आम सहमति नहीं बन पा रही है. उन्होंने कहा कि प्रमुख विपक्षी दलों ने सरकार का प्रस्ताव खारिज कर दिया.
पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. हंगामा कर रहे लोगों को नकारात्मक रवैया छोड़ कर सदन की गरिमा बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए.
इसके बाद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी नियमों का हवाला देते हुए सदन की कार्यवाही के संचालन में विपक्ष से मदद की अपील की. जोशी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आश्वस्त किया है कि वे अन्य पार्टी सदस्यों के साथ बात करने के बाद सरकार को सूचित करेंगे.
राज्य सभा में माइक बंद (Rajya Sabha Mic off) करने को लेकर सवाल
रूल 258 के तहत तिरुचि शिवा ने कहा कि सदन की कार्यवाही के दौरान न तो पीएम और न ही विपक्ष के नेताओं के वक्तव्य के दौरान व्यवधान नहीं होना चाहिए. उन्होंने सवाल खड़ा किया कि किसके निर्देश पर माइक बंद कर दिए जाते हैं ?
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पीठासीन डॉ सस्मित पात्रा ने कहा कि सदन में विधेयक पर चर्चा की जानी चाहिए. इसके बाद भी कुछ सांसदों की नारेबाजी जारी रही. सदन में व्यवस्था न रहने के कारण राज्य सभा की कार्यवाही मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.