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ओडिशा के सांसद ने गरीबों-आदिवासियों के मुद्दे पर सरकार की बखिया उधेड़ी

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Published : Feb 3, 2022, 3:50 PM IST

Updated : Feb 3, 2022, 8:01 PM IST

ओडिशा के सांसद ने गरीबों और आदिवासियों से जुड़ें मुद्दे पर केंद्र सरकार की बखिया उधेड़ दी. उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि फेडरलिज्म का कोई हिंदी शब्द उन्हें नहीं मिला. उन्होंने समानता के अधिकार को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े किए.

bjd mp sasmit patra
बीजद सांसद डॉ सस्मित पात्रा

नई दिल्ली : ओडिशा के सांसद ने गरीबों-आदिवासियों के मुद्दे पर सरकार की बखिया उधेड़ी. बीजद सांसद डॉ सस्मित पात्रा ने कहा कि तीन साल से पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के लाभुकों के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल काम नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने कई बार केंद्र से अपील की, लेकिन आज तक छह लाख लोगों को पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिला.

केंद्र सरकार पर भेदभाव का गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं, इससे उन्हें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन ओडिशा के लिए उसी योजना पर दूसरा रवैया क्यों अपनाया जा रहा है. बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि समानता और संघीय व्यवस्था पर सरकार चर्चा तो करती है लेकिन कहीं ना कहीं आज यह कमजोर हुआ है.

उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सबका साथ, सबका विकास का नारा देने वाली सरकार संघीय व्यवस्था में ना तो सबको साथ ले रही और ना ही सबका विश्वास ले रही है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में संघीय व्यवस्था के बारे में एक शब्द भी उल्लेख नहीं है.

उन्होंने कहा, 'क्या इसकी आवश्यकता नहीं है? या फिर यह आउट ऑफ सिलेबस हो गया या आउट ऑफ कांटेक्सट हो गया है.' पात्रा ने कहा, यह सिर्फ ओडिशा का विषय नहीं है...संघीय व्यवस्था पर सवालिया निशान है...अगर सरकार सुन रही है तो इनपर काम करे.

राज्य सभा में बीजद सांसद डॉ सस्मित पात्रा का बयान

बीजू जनता दल के सदस्य सस्मित पात्रा ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ओडिशा में जनजातीय समुदाय के लोगों के लिए छह लाख घर दिए जाने का मामला उठाया. उन्होंने कहा, 'पिछले तीन सालों में मुख्यमंत्री नवीन
पटनायक ने इसे लेकर तीन बार केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी और आग्रह किया कि लगभग छह लाख घर प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़ने चाहिए.'

कर्नाटक के लिए 25 लाख आवास आवंटित
उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर घर आदिवासियों के लिए हैं.उन्होंने कहा, 'मगर तीन साल में आवास पोर्टल नहीं खोला गया. दुख की बात यह है कि इसी साल 13 जनवरी को कर्नाटक के लिए आवास पोर्टल खोला गया, जिससे वे 25 लाख आवास को जोड़ सकते हैं. मेरी सरकार से अपील है कि जिस प्रकार आवास पोर्टल खोलकर कर्नाटक के लिए 25 लाख आवास आवंटित किया गया, उसी प्रकार ओडिशा के लिए भी कदम उठाए जाएं.' बीजद के अमर पटनायक और सुजीत कुमार सहित अन्य सदस्यों ने पात्रा की इस मांग का समर्थन किया.कुमार ने कहा कि ओड़िशा के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए.

टीएमसी सांसद ने भी किया हमला
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस सांसद जवाहर सरकार (tmc rajya sabha mp jawahar sircar) ने राज्य सभा में आज केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछे. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए जवाहर सरकार ने कहा, पिछले कुछ दिनों में उन्होंने जो कुछ सुना, वह मोदीनामा की तरह है. उन्होंने कहा कि जिसके पास जरा भी आत्मसम्मान होगा, उसका सिर शर्म से झुक जाएगा.

संसद के बजट सत्र से जुड़ी अन्य खबरें-

बीएसएफ के क्षेत्राधिकार और राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय आर्थिक मदद और हालिया आईएएस सर्विस रूल में बदलाव का जिक्र करते हुए जवाहर सरकार ने कहा, ऐसा लगता है कि आईएएस ऑफिसर अब केंद्र सरकार के साथ काम नहीं करना चाहते. इसमें उनकी कोई गलती नहीं. उन्होंने आंकड़ों का जिक्र किया और कहा, 10 साल पहले 309 आईएएस ऑफिसर्स केंद्रीय सेवाओं में थे. आज यह संख्या बढ़नी चाहिए थी, लेकिन यह संख्या घटकर 223 रह गई है. इससे सरकार को स्पष्ट संदेश मिलता है कि आईएएस अधिकारी आपके साथ काम करने को इच्छुक नहीं हैं. ताकत हर जगह काम नहीं करती.

नई दिल्ली : ओडिशा के सांसद ने गरीबों-आदिवासियों के मुद्दे पर सरकार की बखिया उधेड़ी. बीजद सांसद डॉ सस्मित पात्रा ने कहा कि तीन साल से पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के लाभुकों के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल काम नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने कई बार केंद्र से अपील की, लेकिन आज तक छह लाख लोगों को पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिला.

केंद्र सरकार पर भेदभाव का गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं, इससे उन्हें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन ओडिशा के लिए उसी योजना पर दूसरा रवैया क्यों अपनाया जा रहा है. बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि समानता और संघीय व्यवस्था पर सरकार चर्चा तो करती है लेकिन कहीं ना कहीं आज यह कमजोर हुआ है.

उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सबका साथ, सबका विकास का नारा देने वाली सरकार संघीय व्यवस्था में ना तो सबको साथ ले रही और ना ही सबका विश्वास ले रही है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में संघीय व्यवस्था के बारे में एक शब्द भी उल्लेख नहीं है.

उन्होंने कहा, 'क्या इसकी आवश्यकता नहीं है? या फिर यह आउट ऑफ सिलेबस हो गया या आउट ऑफ कांटेक्सट हो गया है.' पात्रा ने कहा, यह सिर्फ ओडिशा का विषय नहीं है...संघीय व्यवस्था पर सवालिया निशान है...अगर सरकार सुन रही है तो इनपर काम करे.

राज्य सभा में बीजद सांसद डॉ सस्मित पात्रा का बयान

बीजू जनता दल के सदस्य सस्मित पात्रा ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ओडिशा में जनजातीय समुदाय के लोगों के लिए छह लाख घर दिए जाने का मामला उठाया. उन्होंने कहा, 'पिछले तीन सालों में मुख्यमंत्री नवीन
पटनायक ने इसे लेकर तीन बार केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी और आग्रह किया कि लगभग छह लाख घर प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़ने चाहिए.'

कर्नाटक के लिए 25 लाख आवास आवंटित
उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर घर आदिवासियों के लिए हैं.उन्होंने कहा, 'मगर तीन साल में आवास पोर्टल नहीं खोला गया. दुख की बात यह है कि इसी साल 13 जनवरी को कर्नाटक के लिए आवास पोर्टल खोला गया, जिससे वे 25 लाख आवास को जोड़ सकते हैं. मेरी सरकार से अपील है कि जिस प्रकार आवास पोर्टल खोलकर कर्नाटक के लिए 25 लाख आवास आवंटित किया गया, उसी प्रकार ओडिशा के लिए भी कदम उठाए जाएं.' बीजद के अमर पटनायक और सुजीत कुमार सहित अन्य सदस्यों ने पात्रा की इस मांग का समर्थन किया.कुमार ने कहा कि ओड़िशा के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए.

टीएमसी सांसद ने भी किया हमला
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस सांसद जवाहर सरकार (tmc rajya sabha mp jawahar sircar) ने राज्य सभा में आज केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछे. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए जवाहर सरकार ने कहा, पिछले कुछ दिनों में उन्होंने जो कुछ सुना, वह मोदीनामा की तरह है. उन्होंने कहा कि जिसके पास जरा भी आत्मसम्मान होगा, उसका सिर शर्म से झुक जाएगा.

संसद के बजट सत्र से जुड़ी अन्य खबरें-

बीएसएफ के क्षेत्राधिकार और राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय आर्थिक मदद और हालिया आईएएस सर्विस रूल में बदलाव का जिक्र करते हुए जवाहर सरकार ने कहा, ऐसा लगता है कि आईएएस ऑफिसर अब केंद्र सरकार के साथ काम नहीं करना चाहते. इसमें उनकी कोई गलती नहीं. उन्होंने आंकड़ों का जिक्र किया और कहा, 10 साल पहले 309 आईएएस ऑफिसर्स केंद्रीय सेवाओं में थे. आज यह संख्या बढ़नी चाहिए थी, लेकिन यह संख्या घटकर 223 रह गई है. इससे सरकार को स्पष्ट संदेश मिलता है कि आईएएस अधिकारी आपके साथ काम करने को इच्छुक नहीं हैं. ताकत हर जगह काम नहीं करती.

Last Updated : Feb 3, 2022, 8:01 PM IST
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