मुंबई : मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने बंबई उच्च न्यायालय में बृहस्पतिवार को एक याचिका दायर कर महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई दो प्रारंभिक जांच को चुनौती दी है.
सिंह ने अपनी याचिका में दावा किया कि उन्हें राज्य के पूर्व गृह मंत्री और राकांपा नेता अनिल देशमुख के कथित 'भ्रष्ट आचरण' को उजागर करने की वजह से निशाना बना कर प्रताड़ित किया जा रहा है.
सिंह ने याचिका में यह भी दावा किया कि राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय पांडे से उन्होंने 19 अप्रैल को मुलाकात की और इस दौरान उन्होंने देशमुख के खिलाफ राज्य सरकार को भेजे गए पत्र को वापस लेने की 'सलाह दी'.
सिंह को मार्च में मुंबई के पुलिस आयुक्त के पद से स्थानांतरित कर होम गार्ड्स विभाग में भेज दिया गया था. सिंह ने सरकार को भेजे पत्र में देशमुख पर भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया था.
उन्होंने पिछले महीने देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी दायर की थी.
उच्च न्यायालय ने पांच अप्रैल को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों की प्रारंभिक जांच करने को कहा था, जिसके बाद गृह मंत्री ने पद से इस्तीफा दे दिया था.
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सीबीआई ने प्रारंभिक जांच पूरी करने के बाद देशमुख के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी.
सिंह की याचिका न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिटाले की पीठ के समक्ष पेश की गई जिसने राज्य सरकार को याचिका में लगाए गए आरोपों का जवाब देने का निर्देश देते हुए मामले में सुनवाई की अगली तारीख चार मई तय की.
सिंह के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि याचिका महाराष्ट्र सरकार द्वारा एक अप्रैल और 20 अप्रैल को दिये गए दो आदेशों को चुनौती देती है जिसमें डीजीपी संजय पांडे को सिंह के खिलाफ प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया गया है.