मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एवं महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने गुरुवार को परमबीर सिंह (Param Bir Singh) पर निशाना साधते हुए कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर (former Mumbai police commissioner), अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद आखिरकार सामने आ गए.
वसूली के आरोपों में घिरे भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी सिंह कई महीने तक गायब रहने के बाद गुरुवार को मुंबई पहुंचे. मलिक ने पत्रकारों से कहा, 'सिंह का आज मुंबई में सामने आना दिखाता है कि उन्हें भगोड़ा घोषित किया जाना जरूरी था...मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से तबादले के बाद से वह ड्यूटी पर नहीं आए. सिंह गिरफ्तारी से संरक्षण हासिल करने के लिए उच्चतम न्यायालय गए. शीर्ष अदालत में उनकी इस दलील पर कोई विश्वास नहीं करेगा कि उनकी जान को खतरा है.'
उन्होंने आरोप लगाया कि सिंह ने राकांपा के नेता एवं राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ गलत आरोप लगाए, जो 'राजनीति से प्रेरित' थे. मलिक ने कहा कि देशमुख अदालत में अपनी लड़ाई लड़ेंगे और खुद को निर्दोष साबित करेंगे.
महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कई मामलों का सामना कर रहे सिंह ने समाचार चैनलों को बुधवार को बताया था कि वह चंडीगढ़ में हैं. मजिस्ट्रेट अदालत ने वसूली के एक मामले में पिछले सप्ताह सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया था.
सिंह अभी होम गार्ड्स के महानिदेशक हैं, लेकिन मई के बाद से छुट्टियों पर हैं और कार्यालय नहीं गए हैं. पुलिस ने अक्टूबर में बंबई उच्च न्यायालय को बताया था कि सिंह का कोई अता-पता नहीं है. सिंह ने तबादले के बाद महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसे देशमुख ने खारिज किया था.
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उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर 'एंटीलिया' के बाहर एक गाड़ी से विस्फोटक मिलने और उद्योगपति मनसुख हिरेन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद दर्ज मामले में मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद, सिंह को मार्च 2021 में मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाया गया था.
(पीटीआई-भाषा)