मुंबई : केंद्रीय मंत्रिमंडल में हाल में हुए फेरबदल में महाराष्ट्र के बीड से सांसद प्रीतम मुंडे को जगह नहीं मिलने के विरोध में जिले से भारतीय जनता पार्टी के कई पदाधिकारियों के इस्तीफे के बीच उनकी बहन एवं पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव पंकजा मुंडे ने मंगलवार को इन खबरों को खारिज कर दिया कि वह दबाव बनाने की किसी तरकीब का इस्तेमाल कर रही हैं.
साथ ही, पंकजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा को अपना नेता बताते हुए उनकी सराहना की.
प्रीतम के संसदीय क्षेत्र से मुंबई आए भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पंकजा ने पौराणिक महाकाव्य महाभारत का हवाला देते हुए कहा कि धर्मयुद्ध का समय अभी नहीं आया है और उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि किस तरह से पांडवों की उचित मांग को कौरवों ने खारिज कर दिया था.
उन्होंने मराठी में कहा, ...मैं उस स्थान पर तब तक काम करना चाहुंगी जब तक कि वहां राम है. यदि राम नहीं है तो मै सोंचूंगी कि क्या करना है?
पंकजा, वंजारा समुदाय से आने वाले भाजपा के दिग्गज नेता रहे दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं.
पंकजा ने यह भी कहा कि वह हमेशा ही अपने गढ़ की रक्षा करेंगी और इसे मजबूत करेंगी.
पंकजा राज्य में 2014 से 2019 तक भाजपा नीत सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रही थी. वह 2019 का विधानसभा चुनाव परली सीट पर अपने रिश्ते के भाई एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार धनंजय मुंडे से हार गई थी.
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अपने संबोधन के दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से बार-बार यह याद रखने की अपील की कि भाजपा ने उन लोगों को क्या दिया है. उन्होंने कहा, मैं खत्म नहीं हूं, मेरे कार्यकर्ता मेरी ताकत हैं.
पंकजा रविवार को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय सचिवों की बैठक में शरीक हुई थी. यह बैठक पार्टी अध्यक्ष नड्डा ने बुलाई थी. पंकजा ने पार्टी के अन्य पदाधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की थी.
पंकजा के संबोधन के बाद जब संवाददाताओं ने उनसे पूछा कि उन्होंने अपने नेता के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम क्यों नहीं लिया, पंकजा ने कहा, मैं राष्ट्रीय स्तर पर काम कर रही हूं और इसलिए मेरे नेता मोदी, शाह और नड्डा हैं. उन्होंने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल का भी नाम नहीं लिया.
(पीटीआई-भाषा)