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बिहार के किशनगंज में पाकिस्तानी मूल की महिला गिरफ्तार, उत्तराखंड जेल में बितायी है 11 महीने

बिहार के किशनगंज में पाकिस्तानी मूल की महिला गिरफ्तार (Pakistani Woman Detained In Bihar) हुई है. वह भारतीय सीमा से नेपाल की सीमा में अवैध रूप से घुसने का काशिश कर रही थी. इस महिला को पहले भी उत्तराखंड में गिरफ्तार किया गया था. महिला को अमेरिका की नागरिकता हासिल है. फिलहाल उसे पुलिस पूछताछ कर रही है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Nov 2, 2022, 8:47 PM IST

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किशनगंज: बिहार के किशनगंज से बड़ी खबर आई है. यहां नेपाल भागने की कोशिश कर रही एक पाकिस्तानी महिला को गिरफ्तार किया गया है. महिला को अमेरिका की नागरिकता हासिल है. एसएसबी जवानों ने जब उसे गलगलीया स्थित इंडो-नेपाल सीमा पर पकड़ा तो उसके पास कोई वैध कागजात (Pakistani Woman Arrested In Kishanganj) नहीं मिले. जिसके बाद महिला को किशनगंज पुलिस के हवाले कर दिया गया. उसकी गिरफ्तारी मंगलवार देर रात को हुई थी. अब तक की जांच में पता चला है कि पाकिस्तानी महिला को उत्तराखंड में भी गिरफ्तार किया गया था. जहां वह ग्यारह महीना जेल में रही और सजा काटने के बाद यूएसए भेज दिया गया.

यह भी पढ़ें: बिहार से गिरफ्तार चीनी नागरिकों का 3 राज्यों से कनेक्शन, अब सिम कार्ड खोलेगा राज!

नेपाल भागने की कोशिश में पकड़ी गयी: किशनगंज जिले के गलगलीया स्थित इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बीती रात महिला को हिरासत में लिया गया. वह भारतीय सीमा से नेपाल बिना वैध दस्तावेज के पार करने की कोशिश कर रही थी. तभी वहां तैनात एसएसबी के जवानों में पकड़ लिया. पकड़ी गयी महिला फरीदा मल्लिक अमेरिका के कैलीफोरनिया की रहने वाली है. उसने पाकिस्तान की नागरिकता छोड़कर अमेरिका की नागरिकता हासिल की है. अमेरिका के पासपोर्ट और वीजा पर ही भारतीय सीमा में प्रवेश किया.

"अभी तक के अनुसंधान में पता चला है कि वह मूल रूप से पाकिस्तान की है. लेकिन अब पाकिस्तान की नागरिकता छोड़कर यूएस की नागरिकता ली है. यूएस के पासपोर्ट और वीजा से ही भारत में ट्रेवल कर रही थी. वह नेपाल भी बेरोक-टोक ट्रैवल कर रही थी. पूर्व में भी उत्तराखंड एसएसबी जवानों ने उसे गिरफ्तार किया था. 11 महीने वह जेल में रही और उसके बाद वापस यूएस भेज दिया गया. कैसी आई और क्यों आई, इसकी जांच चल रही है. हमने एफएफआरओ और गृह विभाग को सूचित कर दिया है. अगर महिला के पास भारतीय सीमा में आने के लिए वैध कागजात नहीं मिले तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी" -डॉ इनामुल हक मेंगनू, एसपी, किशनगंज

उत्तराखंड जेल में 11 महीने जेल में बितायी: पाकिस्तानी महिला को पूर्व में भी उतराखंड में एसएसबी ने गिरफ्तार किया था. वो ग्यारह महीना उत्तराखंड की जेल में बंद थी और सजा काटने के बाद वापस उसको यूएसए भेज दिया गया था. किशनगंज पुलिस ने FFRO को मामले से अवगत करा दिया है. गृह विभाग और उससे संबंधित विभाग को भी सूचना दी गयी है.

"US के पासपोर्ट पर भारतीय सीमा में घुसी": एसपी डॉ इनामुल हक मेंगनू ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि वह महिला मूल रूप से पाकिस्तान की है. लेकिन उसने पाकिस्तान की नागरिकता छोड़कर अमेरिका की नागरिकता ले ली है. यूएस के पासपोर्ट वीजा और डॉक्युमेंट से इंडिया में ट्रेवल करती है. जांच में पता चला है कि वह नेपाल भी बेरोकटोक ट्रेवल करती रही है.

एसपी ने यह भी बताया कि एफएफआरओ को सूचित किया है. महिला की कागजातों की जांच चल रही है. अगर अवैध कागजात मिलता है तो पासपोर्ट अधिनियम में तहत मामला दर्ज किया जाएगा. फिलहाल पुलिस महिला से पूछताछ कर रही है. आखिर महिला बार-बार भारत क्यों आती है, इसका पता लगाया जा रहा है. जांच के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट हो पाएगा.

किशनगंज: बिहार के किशनगंज से बड़ी खबर आई है. यहां नेपाल भागने की कोशिश कर रही एक पाकिस्तानी महिला को गिरफ्तार किया गया है. महिला को अमेरिका की नागरिकता हासिल है. एसएसबी जवानों ने जब उसे गलगलीया स्थित इंडो-नेपाल सीमा पर पकड़ा तो उसके पास कोई वैध कागजात (Pakistani Woman Arrested In Kishanganj) नहीं मिले. जिसके बाद महिला को किशनगंज पुलिस के हवाले कर दिया गया. उसकी गिरफ्तारी मंगलवार देर रात को हुई थी. अब तक की जांच में पता चला है कि पाकिस्तानी महिला को उत्तराखंड में भी गिरफ्तार किया गया था. जहां वह ग्यारह महीना जेल में रही और सजा काटने के बाद यूएसए भेज दिया गया.

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नेपाल भागने की कोशिश में पकड़ी गयी: किशनगंज जिले के गलगलीया स्थित इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बीती रात महिला को हिरासत में लिया गया. वह भारतीय सीमा से नेपाल बिना वैध दस्तावेज के पार करने की कोशिश कर रही थी. तभी वहां तैनात एसएसबी के जवानों में पकड़ लिया. पकड़ी गयी महिला फरीदा मल्लिक अमेरिका के कैलीफोरनिया की रहने वाली है. उसने पाकिस्तान की नागरिकता छोड़कर अमेरिका की नागरिकता हासिल की है. अमेरिका के पासपोर्ट और वीजा पर ही भारतीय सीमा में प्रवेश किया.

"अभी तक के अनुसंधान में पता चला है कि वह मूल रूप से पाकिस्तान की है. लेकिन अब पाकिस्तान की नागरिकता छोड़कर यूएस की नागरिकता ली है. यूएस के पासपोर्ट और वीजा से ही भारत में ट्रेवल कर रही थी. वह नेपाल भी बेरोक-टोक ट्रैवल कर रही थी. पूर्व में भी उत्तराखंड एसएसबी जवानों ने उसे गिरफ्तार किया था. 11 महीने वह जेल में रही और उसके बाद वापस यूएस भेज दिया गया. कैसी आई और क्यों आई, इसकी जांच चल रही है. हमने एफएफआरओ और गृह विभाग को सूचित कर दिया है. अगर महिला के पास भारतीय सीमा में आने के लिए वैध कागजात नहीं मिले तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी" -डॉ इनामुल हक मेंगनू, एसपी, किशनगंज

उत्तराखंड जेल में 11 महीने जेल में बितायी: पाकिस्तानी महिला को पूर्व में भी उतराखंड में एसएसबी ने गिरफ्तार किया था. वो ग्यारह महीना उत्तराखंड की जेल में बंद थी और सजा काटने के बाद वापस उसको यूएसए भेज दिया गया था. किशनगंज पुलिस ने FFRO को मामले से अवगत करा दिया है. गृह विभाग और उससे संबंधित विभाग को भी सूचना दी गयी है.

"US के पासपोर्ट पर भारतीय सीमा में घुसी": एसपी डॉ इनामुल हक मेंगनू ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि वह महिला मूल रूप से पाकिस्तान की है. लेकिन उसने पाकिस्तान की नागरिकता छोड़कर अमेरिका की नागरिकता ले ली है. यूएस के पासपोर्ट वीजा और डॉक्युमेंट से इंडिया में ट्रेवल करती है. जांच में पता चला है कि वह नेपाल भी बेरोकटोक ट्रेवल करती रही है.

एसपी ने यह भी बताया कि एफएफआरओ को सूचित किया है. महिला की कागजातों की जांच चल रही है. अगर अवैध कागजात मिलता है तो पासपोर्ट अधिनियम में तहत मामला दर्ज किया जाएगा. फिलहाल पुलिस महिला से पूछताछ कर रही है. आखिर महिला बार-बार भारत क्यों आती है, इसका पता लगाया जा रहा है. जांच के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट हो पाएगा.

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