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भारत से कपास आयात करने वाला प्रस्ताव पाकिस्तान के संघीय मंत्रिमंडल ने किया खारिज

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Published : Apr 1, 2021, 7:07 PM IST

भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार बहाल होने की उम्मीदों को फिर झटका लगा है. भारत से कपास आयात करने के आर्थिक समन्वय समिति के प्रस्ताव को पाकिस्तान के संघीय मंत्रिमंडल ने खारिज कर दिया.

भारत  पाकिस्तान
भारत पाकिस्तान

नई दिल्ली : भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार बहाल होने की उम्मीदों के बीच पड़ोसी मुल्क की ओर से नया नाटकीय मोड़ आ गया है. भारत से कपास आयात करने के आर्थिक समन्वय समिति के प्रस्ताव को पाकिस्तान के संघीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को खारिज कर दिया.

यह बात पाकिस्तान सरकार द्वारा भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने को मंजूरी देने के एक दिन बाद सामने आई है. इसे भारत के साथ संबंधों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा था.

भारत से कपास और यार्न आयात करने के इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के फैसले को विपक्षी नेताओं और पत्रकारों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. विपक्षी नेताओं ने निर्णय पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की और भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने के पाकिस्तान के कदम की निंदा की है.

पाकिस्तान ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति और दो नए केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद से भारत के साथ संबंध तोड़ लिए थे. बुधवार को इस फैसले पर कूटनीतिक नीति के तहत बदलाव तब आया जब आर्थिक मामलों पर पाकिस्तान की कैबिनेट समिति ने 30 जून, 2021 तक भारत से कपास आयात करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी. हालांकि इस मामले पर भारतीय पक्ष की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई थी. उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार तक आधिकारिक बयान आ सकता है.

पुलवामा हमले के बाद से बिगड़े संबंध

भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा ने हमेशा वैश्विक रूप से ध्यान आकर्षित किया है. पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध इस कदर बिगड़ गए कि एक और युद्ध की कगार पर पहुंच गए थे. कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद भी पाकिस्तान के रुख ने संबंधों को बिगाड़ने में कमी नहीं छोड़ी गई. अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इन मुद्दों पर इस हद तक खींचा गया कि सभी प्रमुख शक्तियों ने शत्रुता को समाप्त करने का आह्वान किया.

दुनिया के कई देश को इन दो परमाणु-संपन्न पड़ोसियों के बीच युद्ध का खतरा नजर आया. भारत के पास फिर से समय है कि वह आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में पाकिस्तान के साथ एक सामान्य पड़ोसी संबंध की इच्छा रखे.

भारत ने हमेशा कहा भी है कि पाकिस्तान हिंसा और शत्रुता से मुक्त वातावरण तैयार करे. भारत ने कई बार स्पष्ट रूप से पाकिस्तान का ध्यान इस ओर दिलाया है कि आतंक और वार्ता एक साथ नहीं हो सकते. भारत ने पाकिस्तान से कई बार कहा कि वह भारत में हिंसा फैलाने के लिए जिम्मेदार आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे.

पिछले कुछ महीनों में कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं जो दक्षिण एशिया के दो परमाणु हथियारों से लैस पड़ोसियों- भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को आसान बनाने का संकेत देती हैं.

पढ़ें- भारत से कपास और यार्न आयात करेगा पाकिस्तान!

चाहे वह दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच संघर्ष विराम समझौते को पुनर्जीवित करने की बात हो या फिर सिंधु जल बंटवारे से जुड़ी वार्ता या ताजिकिस्तान की राजधानी में विदेशी नेताओं की बैठक, पाकिस्तान ने द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की उम्मीद जताई है. हालांकि भारत को रियलिटी चेक करने की आवश्यकता है. कई विशेषज्ञों ने भी इस सुझाव दिया था कि भारत को सतर्क होकर कदम उठाना चाहिए.

नई दिल्ली : भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार बहाल होने की उम्मीदों के बीच पड़ोसी मुल्क की ओर से नया नाटकीय मोड़ आ गया है. भारत से कपास आयात करने के आर्थिक समन्वय समिति के प्रस्ताव को पाकिस्तान के संघीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को खारिज कर दिया.

यह बात पाकिस्तान सरकार द्वारा भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने को मंजूरी देने के एक दिन बाद सामने आई है. इसे भारत के साथ संबंधों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा था.

भारत से कपास और यार्न आयात करने के इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के फैसले को विपक्षी नेताओं और पत्रकारों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. विपक्षी नेताओं ने निर्णय पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की और भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने के पाकिस्तान के कदम की निंदा की है.

पाकिस्तान ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति और दो नए केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद से भारत के साथ संबंध तोड़ लिए थे. बुधवार को इस फैसले पर कूटनीतिक नीति के तहत बदलाव तब आया जब आर्थिक मामलों पर पाकिस्तान की कैबिनेट समिति ने 30 जून, 2021 तक भारत से कपास आयात करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी. हालांकि इस मामले पर भारतीय पक्ष की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई थी. उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार तक आधिकारिक बयान आ सकता है.

पुलवामा हमले के बाद से बिगड़े संबंध

भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा ने हमेशा वैश्विक रूप से ध्यान आकर्षित किया है. पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध इस कदर बिगड़ गए कि एक और युद्ध की कगार पर पहुंच गए थे. कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद भी पाकिस्तान के रुख ने संबंधों को बिगाड़ने में कमी नहीं छोड़ी गई. अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इन मुद्दों पर इस हद तक खींचा गया कि सभी प्रमुख शक्तियों ने शत्रुता को समाप्त करने का आह्वान किया.

दुनिया के कई देश को इन दो परमाणु-संपन्न पड़ोसियों के बीच युद्ध का खतरा नजर आया. भारत के पास फिर से समय है कि वह आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में पाकिस्तान के साथ एक सामान्य पड़ोसी संबंध की इच्छा रखे.

भारत ने हमेशा कहा भी है कि पाकिस्तान हिंसा और शत्रुता से मुक्त वातावरण तैयार करे. भारत ने कई बार स्पष्ट रूप से पाकिस्तान का ध्यान इस ओर दिलाया है कि आतंक और वार्ता एक साथ नहीं हो सकते. भारत ने पाकिस्तान से कई बार कहा कि वह भारत में हिंसा फैलाने के लिए जिम्मेदार आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे.

पिछले कुछ महीनों में कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं जो दक्षिण एशिया के दो परमाणु हथियारों से लैस पड़ोसियों- भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को आसान बनाने का संकेत देती हैं.

पढ़ें- भारत से कपास और यार्न आयात करेगा पाकिस्तान!

चाहे वह दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच संघर्ष विराम समझौते को पुनर्जीवित करने की बात हो या फिर सिंधु जल बंटवारे से जुड़ी वार्ता या ताजिकिस्तान की राजधानी में विदेशी नेताओं की बैठक, पाकिस्तान ने द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की उम्मीद जताई है. हालांकि भारत को रियलिटी चेक करने की आवश्यकता है. कई विशेषज्ञों ने भी इस सुझाव दिया था कि भारत को सतर्क होकर कदम उठाना चाहिए.

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