इस्लामाबाद: पाकिस्तान में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने गोपनीय दस्तावेज मामले में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बंद कमरे में सुनवाई पर अपना स्थगन आदेश वापस ले लिया, जबकि 14 दिसंबर के बाद मामले में सभी कार्यवाही को शून्य और अमान्य घोषित कर दिया. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मियांगुल औरंगजेब ने इमरान खान (71) और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (67) के बंद कमरे में मुकदमे की कार्यवाही के खिलाफ अपील पर सुनवाई की.
विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत जुल्करनैन ने संवेदनशील मामला होने के कारण 14 दिसंबर को बंद कमरे में सुनवाई का आदेश दिया था और इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, जिसने मामले की सुनवाई पर 11 जनवरी तक रोक लगा दी थी. अटॉर्नी जनरल मंसूर अवान और खान के वकील सलमान अकरम राजा अदालत में पेश हुए.
न्यायमूर्ति औरंगजेब ने अवान से कहा कि अगर वह चाहते हैं कि कार्यवाही दोबारा शुरू हो तो आदेश पारित होने की तारीख से ऐसा होगा. मामले पर संबंधित आदेश भी जारी किया जायेगा. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि 13 गवाह अपने बयान फिर से दर्ज कराने के लिए तैयार हैं. इस आश्वासन के बाद अदालत ने 14 दिसंबर के बाद सिफर मामले की सभी कार्यवाही रद्द कर दी और स्थगन आदेश रद्द कर दिया.
यह मामला मार्च 2022 में पाकिस्तान दूतावास द्वारा भेजे गए एक गोपनीय दस्तावेज से संबंधित है तथा खान और कुरैशी पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इससे गलत तरीके से निपटने का आरोप है. दोनों को पिछले महीने आरोपी ठहराया गया था. सुनवाई के दौरान दोनों ने खुद को निर्दोष बताया था.