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'भारत के साथ विवाद करने को पाकिस्तान पर दबाव बना रहा चीन'

बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक भूमिगत सुरंग खोजी थी. नरकोटा हमले में मारे गए आतंकी इसी सुरंग के रास्ते आए थे. हालांकि यह कोई नई बात नहीं है. बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह बताया कि यह आम बात है, लेकिन हो सकता है चीन पाकिस्तान पर भारत के साथ विवाद करने का दबाव बना रहा है.

pak under pressure from china
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Published : Dec 16, 2020, 8:57 PM IST

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में हाल ही में 150 मीटर लंबी भूमिगत सुरंग मिली थी. इसको लेकर सीमा सुरक्षा बल के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह ने कहा कि हो सकता है कि चीन, पाकिस्तान पर भारत के साथ विवाद बढ़ाने के लिए दबाव बना रहा हो.

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि सुरंग मिलना कोई नई बात नहीं है. हालांकि जिस समय यह मिलि है इससे संदेह होता है. फिलहाल पूर्वी सीमा पर चीन के साथ विवाद चल रहा है. ऐसे समय में भारतीय सैनिकों का ध्यान भटकाने के लिए पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान नया विवाद खड़ा कर सकता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सिंह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल को पहले भी ऐसी सुरंगें मिली हैं, जिनकी मदद से आतंकी भारत में दाखिल होते थे. हालिया घटनाक्रम सांबा जिले का है. यह अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगने वाला क्षेत्र है. सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि नगरोटा टोल प्लाजा पर हुए हमले के बाद जांच में यह सुरंग मिली थी.

सितंबर में भी सीमा सुरक्षा बल के जवानों को गालार गांव में 170 मीटर लंबी सुरंग मिली थी. घुसपैठ के लिए यह तरीका आम है.

सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रहना चाहिए. उन्होंने सुझाया कि सीमा से लगने वाले इलाकों में बड़ी संख्या में बलों को तैनात किया जाना चाहिए. यही नहीं, सरकार को गांव वालों को भी जागरूक करना चाहिए, क्योंकि अगर उनके गांव में कोई सुरंग खोदी जाती है तो उन्हें सबसे पहले पता होगा.

उन्होंने आगे कहा कि इसका समाधान यह है कि पाकिस्तान के ऊपर दबाव बनाया जाए. पाक को एहसास होना चाहिए कि उसकी हिमाकत के परिणाम उसे भुगतने होंगे. इसमें लोगों के सहयोग के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियों को काम करना होगा.

प्रकाश सिंह ने कहा कि सरकार को सीमावर्ती गावों के लिए विशेष योजनाएं ले आने पर विचार करना चाहिए. सीमावर्ती गावों में रह रहे ग्रामीणों के साथ अच्छे संबंध होना अत्यंत आवश्यक है. इन क्षेत्रों में स्कूल, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा की बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए. हालांकि इस सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है गांव वालों के साथ अच्छे रिश्ते बनाना, जिससे वह आईएसआई के झांसे में न आ जाएं.

पढ़ें-सांबा में मिली भूमिगत सुरंग, सेना को शक- इसी रास्ते आए थे आतंकी

बता दें कि इसी वर्ष अप्रैल में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास कार्यक्रम की नए दिशानिर्देश लागू किए हैं. इसका उद्देश्य सीमावर्ती इलाकों में विकास कार्यों को प्रथमिकता देना है.

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में हाल ही में 150 मीटर लंबी भूमिगत सुरंग मिली थी. इसको लेकर सीमा सुरक्षा बल के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह ने कहा कि हो सकता है कि चीन, पाकिस्तान पर भारत के साथ विवाद बढ़ाने के लिए दबाव बना रहा हो.

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि सुरंग मिलना कोई नई बात नहीं है. हालांकि जिस समय यह मिलि है इससे संदेह होता है. फिलहाल पूर्वी सीमा पर चीन के साथ विवाद चल रहा है. ऐसे समय में भारतीय सैनिकों का ध्यान भटकाने के लिए पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान नया विवाद खड़ा कर सकता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सिंह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल को पहले भी ऐसी सुरंगें मिली हैं, जिनकी मदद से आतंकी भारत में दाखिल होते थे. हालिया घटनाक्रम सांबा जिले का है. यह अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगने वाला क्षेत्र है. सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि नगरोटा टोल प्लाजा पर हुए हमले के बाद जांच में यह सुरंग मिली थी.

सितंबर में भी सीमा सुरक्षा बल के जवानों को गालार गांव में 170 मीटर लंबी सुरंग मिली थी. घुसपैठ के लिए यह तरीका आम है.

सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रहना चाहिए. उन्होंने सुझाया कि सीमा से लगने वाले इलाकों में बड़ी संख्या में बलों को तैनात किया जाना चाहिए. यही नहीं, सरकार को गांव वालों को भी जागरूक करना चाहिए, क्योंकि अगर उनके गांव में कोई सुरंग खोदी जाती है तो उन्हें सबसे पहले पता होगा.

उन्होंने आगे कहा कि इसका समाधान यह है कि पाकिस्तान के ऊपर दबाव बनाया जाए. पाक को एहसास होना चाहिए कि उसकी हिमाकत के परिणाम उसे भुगतने होंगे. इसमें लोगों के सहयोग के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियों को काम करना होगा.

प्रकाश सिंह ने कहा कि सरकार को सीमावर्ती गावों के लिए विशेष योजनाएं ले आने पर विचार करना चाहिए. सीमावर्ती गावों में रह रहे ग्रामीणों के साथ अच्छे संबंध होना अत्यंत आवश्यक है. इन क्षेत्रों में स्कूल, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा की बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए. हालांकि इस सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है गांव वालों के साथ अच्छे रिश्ते बनाना, जिससे वह आईएसआई के झांसे में न आ जाएं.

पढ़ें-सांबा में मिली भूमिगत सुरंग, सेना को शक- इसी रास्ते आए थे आतंकी

बता दें कि इसी वर्ष अप्रैल में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास कार्यक्रम की नए दिशानिर्देश लागू किए हैं. इसका उद्देश्य सीमावर्ती इलाकों में विकास कार्यों को प्रथमिकता देना है.

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