नई दिल्ली : डीआरडीओ के प्रमुख सी सतीश रेड्डी ने सोमवार को कहा कि पीएम-केयर्स फंड से विभिन्न जिलों में 850 ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं. कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान पैदा हुए चिकित्सकीय ऑक्सीजन के संकट के मद्देनजर ये कदम उठाए जा रहे हैं.
रेड्डी ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव चर्चा श्रृंखला के दौरान रेखांकित किया कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) कोरोना वायरस से मुकाबले में जरूरत पड़ने पर और अधिक 'उड़न अस्पतालों' सहित सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए तैयार था.
उड़न अस्पताल की स्थापना
उन्होंने कहा, 'हमने (दूसरी लहर के दौरान) कई शहरों में कोविड-19 के मरीजों के लिए अस्थायी अस्पतालों की स्थापना की. ये आधुनिक अस्पताल हैं, हमने इन्हें 'उड़न अस्पताल' नाम दिया है और इन्हें इस तरह से बनाया गया है कि वायरस इससे बाहर नहीं जा पाता है.' रेड्डी ने कहा, 'अगर तीसरी लहर आती है तो ये सारे अस्पताल (मरीजों का) बोझ उठाएंगे और सरकार इन पहलुओं पर विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा कर रही है.'
पीएम-केयर्स फंड से लग रहे ऑक्सीजन संयंत्र
अप्रैल-मई में दूसरी लहर के जोर पकड़ने के दौरान देश के कई हिस्सों में अस्पतालों में चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति का गंभीर संकट पैदा हो गया था. डीएसटी के एक बयान के मुताबिक रेड्डी ने कहा, 'कोविड-19 महामारी से मुकाबला करने के लिए देश में जरूरत को पूरा करने को लेकर पीएम-केयर्स फंड से विभिन्न जिलों में कुल 850 ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं.'
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उन्होंने डीआरडीओ द्वारा रक्षा क्षेत्र में आधुनिक प्रौद्योगिकी को लेकर किए जा रहे अनुसंधान का भी जिक्र किया और लोगों के फायदे के लिए किफायती लेकिन उच्च गुणवत्ता वाली प्रौद्योगिकी विकसित करने के बारे में भी बताया. डीएसटी सचिव आशुतोष शर्मा ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने में केंद्र और डीएसटी द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों और देश के कोने-कोने तक पहुंचने के लिए किए गए प्रयासों का उल्लेख किया.
(पीटीआई-भाषा)