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हादसा या लापरवाही : जबलपुर में ऑक्सीजन की कमी से पांच मरीजों की मौत - Galaxy Hospital

मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक निजी अस्पताल में अचानक ऑक्सीजन खत्म हो गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट पर इलाज करवा रहे 5 मरीजों की मौत हो गई. अचानक हुई 5 मौत के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने मौके पर मौजूद नहीं था. पुलिस विभाग ने मोर्चा संभालते हुए ऑक्सीजन की व्यवस्था करवाई.

पांच मरीजों की मौत
पांच मरीजों की मौत
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Published : Apr 23, 2021, 3:28 PM IST

जबलपुर : मरीजों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन के दावे किए जा रहे हैं लेकिन हकीकत इससे अलग है. जबलपुर के गैलेक्सी अस्पताल में देर रात ऑक्सीजन खत्म हो गई जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखे गए पांच मरीजों की मौत हो गई.

बताया जा रहा है कि अस्पताल में करीब 50 मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था. मरीजों की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने ऑक्सीजन की व्यवस्था करवाई और परिजनों को समझाया.

पांच मरीजों की मौत

जबलपुर के उखरी रोड स्थित गैलेक्सी अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था कराने के लिए पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा. स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को पुलिस ने फोन लगाया तो, अधिकारियों ने फोन नहीं उठाया. लिहाजा पुलिस ने अपने स्तर पर ऑक्सीजन की व्यवस्था करना शुरू कर दिया.

देर से हरकत में आया स्वास्थ्य अमला

बताया जाता है कि गैलेक्सी अस्पताल में भर्ती पहले एक मरीज की मौत हुई. मरीज के पास बैठे परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को इसकी सूचना दी. मरीज की मौत को स्वाभाविक माना जा रहा था. इसी बीच जानकारी लगी कि भर्ती अन्य 4 मरीजों ने भी दम तोड़ दिया है. तब जाकर स्वास्थ्य अमला हरकत में आया और ऑक्सीजन खत्म होने की बात की जानकारी लगी.

अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर करीब 50 मरीज भर्ती थे. अचानक से आई ऑक्सीजन की कमी से अस्प्ताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. जैसे-तैसे पुलिस ने ऑक्सीजन की व्यवस्था करवाई, तब जाकर हालात सुधरे. यदि समय पर ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं होती तो कई लोगों की जान खतरे में आ सकती थी. थाना प्रभारी लार्डगंज प्रफुल्ल श्रीवास्तव के मुताबिक अभी तक पांच लोगों की मौत होना पाया गया है. पुलिस जांच कर रही है कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हुई है या फिर किसी तकनीकी खराबी से.

पांच दिन पहले भी बने थे इसी तरह के हालात

ऑक्सीजन की कमी से हुई पांच मरीजों की मौत के बाद से उनके परिजन आक्रोशित है. परिजन प्रवीण पांडे का आरोप है कि गैलक्सी अस्पताल कोविड संबंधित व्यवस्था करने में नाकाम साबित हुआ है. पांच दिन पहले ऑक्सीजन की कमी आई थी और गुरुवार को भी ऑक्सीजन न मिल पाने के चलते मरीजों को समस्या झेलनी पड़ी और आखिरकार बाद में वही हुआ जिसका डर था.

ऑक्सीजन की कमी या तकनीकी खराबी

परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन खत्म होने के कारण उनके परिजनों की मौत हुई है. अस्पताल प्रबधंन का कहना था कि ऑक्सीजन का बैकअप बना हुआ था और शायद ऑक्सीजन लाइन में तकनीकी खराबी के चलते यह हादसा हुआ है.

बताया जा रहा है कि प्लांट से समय पर ऑक्सीजन न पहुंच पाने के चलते कमी आई थी. जानकारी के मुताबिक जिस वाहन में ऑक्सीजन सिलेंडर लाए जा रहे थे वह रास्ते में पंचर हो गया था जिस कारण से ऑक्सीजन आने में देरी हुई.

पढ़ें- काेराेना : ट्रिपल म्यूटेंट ज्यादा खतरनाक, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

उधर, सांसद विवेक तंखा ने ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से गुहार लगाई है कि जिलों में ऑक्सीजन सप्लाई की पूरी जिम्मेदारी सिर्फ कलेक्टर के हाथों में रखना फिलहाल ठीक नहीं है इससे इस तरह के हादसे होते रहेंगे. लोगों की जान जाती रहेगी.

जबलपुर : मरीजों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन के दावे किए जा रहे हैं लेकिन हकीकत इससे अलग है. जबलपुर के गैलेक्सी अस्पताल में देर रात ऑक्सीजन खत्म हो गई जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखे गए पांच मरीजों की मौत हो गई.

बताया जा रहा है कि अस्पताल में करीब 50 मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था. मरीजों की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने ऑक्सीजन की व्यवस्था करवाई और परिजनों को समझाया.

पांच मरीजों की मौत

जबलपुर के उखरी रोड स्थित गैलेक्सी अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था कराने के लिए पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा. स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को पुलिस ने फोन लगाया तो, अधिकारियों ने फोन नहीं उठाया. लिहाजा पुलिस ने अपने स्तर पर ऑक्सीजन की व्यवस्था करना शुरू कर दिया.

देर से हरकत में आया स्वास्थ्य अमला

बताया जाता है कि गैलेक्सी अस्पताल में भर्ती पहले एक मरीज की मौत हुई. मरीज के पास बैठे परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को इसकी सूचना दी. मरीज की मौत को स्वाभाविक माना जा रहा था. इसी बीच जानकारी लगी कि भर्ती अन्य 4 मरीजों ने भी दम तोड़ दिया है. तब जाकर स्वास्थ्य अमला हरकत में आया और ऑक्सीजन खत्म होने की बात की जानकारी लगी.

अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर करीब 50 मरीज भर्ती थे. अचानक से आई ऑक्सीजन की कमी से अस्प्ताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. जैसे-तैसे पुलिस ने ऑक्सीजन की व्यवस्था करवाई, तब जाकर हालात सुधरे. यदि समय पर ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं होती तो कई लोगों की जान खतरे में आ सकती थी. थाना प्रभारी लार्डगंज प्रफुल्ल श्रीवास्तव के मुताबिक अभी तक पांच लोगों की मौत होना पाया गया है. पुलिस जांच कर रही है कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हुई है या फिर किसी तकनीकी खराबी से.

पांच दिन पहले भी बने थे इसी तरह के हालात

ऑक्सीजन की कमी से हुई पांच मरीजों की मौत के बाद से उनके परिजन आक्रोशित है. परिजन प्रवीण पांडे का आरोप है कि गैलक्सी अस्पताल कोविड संबंधित व्यवस्था करने में नाकाम साबित हुआ है. पांच दिन पहले ऑक्सीजन की कमी आई थी और गुरुवार को भी ऑक्सीजन न मिल पाने के चलते मरीजों को समस्या झेलनी पड़ी और आखिरकार बाद में वही हुआ जिसका डर था.

ऑक्सीजन की कमी या तकनीकी खराबी

परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन खत्म होने के कारण उनके परिजनों की मौत हुई है. अस्पताल प्रबधंन का कहना था कि ऑक्सीजन का बैकअप बना हुआ था और शायद ऑक्सीजन लाइन में तकनीकी खराबी के चलते यह हादसा हुआ है.

बताया जा रहा है कि प्लांट से समय पर ऑक्सीजन न पहुंच पाने के चलते कमी आई थी. जानकारी के मुताबिक जिस वाहन में ऑक्सीजन सिलेंडर लाए जा रहे थे वह रास्ते में पंचर हो गया था जिस कारण से ऑक्सीजन आने में देरी हुई.

पढ़ें- काेराेना : ट्रिपल म्यूटेंट ज्यादा खतरनाक, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

उधर, सांसद विवेक तंखा ने ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से गुहार लगाई है कि जिलों में ऑक्सीजन सप्लाई की पूरी जिम्मेदारी सिर्फ कलेक्टर के हाथों में रखना फिलहाल ठीक नहीं है इससे इस तरह के हादसे होते रहेंगे. लोगों की जान जाती रहेगी.

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