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MP : जबलपुर में संगीनों के साए में 'सांसें', ऑक्सीजन की पहरेदारी,हथियारबंद जवान तैनात - ऑक्सीजन की पहरेदारी

जरूरतमंद मरीजों तक ऑक्सीजन पहुंचाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. जबलपुर जिला प्रशासन ने इसका उपाय खोजते हुए ऑक्सीजन सिलेंडर की निगरानी के लिए पुलिस की हथियारबंद टीम को लगा दिया है. इनकी निगरानी में ही ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है.

जबलपुर
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Published : Apr 21, 2021, 10:44 PM IST

जबलपुर. कोरोना काल मे ऑक्सीजन की डिमांड इस कदर बढ़ गई है कि ऑक्सीजन सिलेंडर हासिल को लेकर मरीज के परिजन आपा खो रहे हैं. वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर लूट लिए जाने के मामले भी सामने आ रहे हैं. ऐसे में जरूरतमंद मरीजों तक ऑक्सीजन पहुंचाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. जबलपुर जिला प्रशासन ने इसका उपाय खोजते हुए ऑक्सीजन सिलेंडर की निगरानी के लिए पुलिस की हथियारबंद टीम को लगा दिया है. इनकी निगरानी में ही ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है.

संगीनों के साए में सांसें

जबलपुर में हैं तीन ऑक्सीजन प्लांट

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों तक ऑक्सीजन कैसे पहुंचाई जाए. जिले के प्रशासनिक अधिकारी इन्हीं कोशिशों में जुटे हुए हैं. जबलपुर में ऑक्सीजन के तीन प्लांट हैं, जहां से जबलपुर के अलावा आसपास के कई जिलों को ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है, लेकिन ऑक्सीजन को लेकर मची लूटमार को देखते हुए इसकी सुरक्षा एक नई समस्या के तौर पर सामने आई है. इसका हल निकालते हुए जबलपुर के संभागीय कमिश्नर के निर्देश पर ऑक्सीजन को सुरक्षित तरीके से जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए एक प्रशासनिक अधिकारी और बंदूकधारी जवानों को तैनात किया गया है.

कहीं...लुट ना जाए ऑक्सीजन
प्रदेश सहित जबलपुर में भी ऑक्सीजन की डिमांड इस समय इतनी ज्यादा है कि प्रशासन को भी यह डर सता रहा है कि कहीं ऑक्सीजन को लेकर लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति न बिगड़ जाए. ऐसे में स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए ऑक्सीजन प्लांट में पुलिस के बंदूकधारी जवानों को तैनात किया गया है. जबलपुर के इन प्लांट्स से रोजाना करीब 2500 बड़े और 500 छोटे अस्पतालों को ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है. जैसे ही लिक्विड ऑक्सीजन यहां पहुंचता है वैसे ही उसे सिलेंडरों में भरकर अस्पतालों को भेजा जा रहा है. जबलपुर में ऑक्सीजन के तीन प्लांट हैं जिनमें से दो प्लांट रिछाई में और एक प्लांट पनागर में है, इन्ही तीनों प्लांट से जबलपुर, छिंदवाड़ा-नरसिंहपुर-कटनी-डिंडोरी सहित आसपास के जिलो में ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है. करीब एक हजार से बारह सौ सिलेंडर यहां से रोजाना सप्लाई किए जा रहे हैं.

प्रशासनिक अधिकारी रखे हुए हैं हालात पर नजर

ऑक्सीजन डिमांड और सप्लाई की स्थिति को लेकर डिप्टी कलेक्टर अनुराग तिवारी यहां नजर रखे हैं. सीनियर अधिकारी ललित बेलवंशी को भी प्लांट में तैनात किया गया है. ये अधिकारी ऑक्सीजन सिलेंडर के आने-जाने की निगरानी कर रहे हैं. कोई भी हॉस्पिटल ऑक्सीजन का स्टॉक न करे यह भी देखा जा रहा है. साथ ही इस बात की भी जानकारी ली जा रही है कि किस अस्पताल में कितने ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता है. इसका रिकार्ड हर दो घन्टे में अपडेट किया जा रहा है.

ऑक्सीजन प्लांट में आई कमी, रिफलिंग हुई प्रभावित
जबलपुर में कुल तीन ऑक्सीजन में से जैनिम प्लांट में लिक्विड ऑक्सीजन ना होने के कारण वहां पर ऑक्सीजन सिलेंडर भरने का काम कुछ देर के लिए प्रभावित भी हुआ था. हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों का इस बारे में कहना है कि लिक्विड टैंक कुछ ही देर में जबलपुर पहुँच जाएगा जिसके बाद रीफिलिंग का काम फिर से शुरू कर दिया जाएगा.

जबलपुर. कोरोना काल मे ऑक्सीजन की डिमांड इस कदर बढ़ गई है कि ऑक्सीजन सिलेंडर हासिल को लेकर मरीज के परिजन आपा खो रहे हैं. वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर लूट लिए जाने के मामले भी सामने आ रहे हैं. ऐसे में जरूरतमंद मरीजों तक ऑक्सीजन पहुंचाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. जबलपुर जिला प्रशासन ने इसका उपाय खोजते हुए ऑक्सीजन सिलेंडर की निगरानी के लिए पुलिस की हथियारबंद टीम को लगा दिया है. इनकी निगरानी में ही ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है.

संगीनों के साए में सांसें

जबलपुर में हैं तीन ऑक्सीजन प्लांट

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों तक ऑक्सीजन कैसे पहुंचाई जाए. जिले के प्रशासनिक अधिकारी इन्हीं कोशिशों में जुटे हुए हैं. जबलपुर में ऑक्सीजन के तीन प्लांट हैं, जहां से जबलपुर के अलावा आसपास के कई जिलों को ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है, लेकिन ऑक्सीजन को लेकर मची लूटमार को देखते हुए इसकी सुरक्षा एक नई समस्या के तौर पर सामने आई है. इसका हल निकालते हुए जबलपुर के संभागीय कमिश्नर के निर्देश पर ऑक्सीजन को सुरक्षित तरीके से जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए एक प्रशासनिक अधिकारी और बंदूकधारी जवानों को तैनात किया गया है.

कहीं...लुट ना जाए ऑक्सीजन
प्रदेश सहित जबलपुर में भी ऑक्सीजन की डिमांड इस समय इतनी ज्यादा है कि प्रशासन को भी यह डर सता रहा है कि कहीं ऑक्सीजन को लेकर लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति न बिगड़ जाए. ऐसे में स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए ऑक्सीजन प्लांट में पुलिस के बंदूकधारी जवानों को तैनात किया गया है. जबलपुर के इन प्लांट्स से रोजाना करीब 2500 बड़े और 500 छोटे अस्पतालों को ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है. जैसे ही लिक्विड ऑक्सीजन यहां पहुंचता है वैसे ही उसे सिलेंडरों में भरकर अस्पतालों को भेजा जा रहा है. जबलपुर में ऑक्सीजन के तीन प्लांट हैं जिनमें से दो प्लांट रिछाई में और एक प्लांट पनागर में है, इन्ही तीनों प्लांट से जबलपुर, छिंदवाड़ा-नरसिंहपुर-कटनी-डिंडोरी सहित आसपास के जिलो में ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है. करीब एक हजार से बारह सौ सिलेंडर यहां से रोजाना सप्लाई किए जा रहे हैं.

प्रशासनिक अधिकारी रखे हुए हैं हालात पर नजर

ऑक्सीजन डिमांड और सप्लाई की स्थिति को लेकर डिप्टी कलेक्टर अनुराग तिवारी यहां नजर रखे हैं. सीनियर अधिकारी ललित बेलवंशी को भी प्लांट में तैनात किया गया है. ये अधिकारी ऑक्सीजन सिलेंडर के आने-जाने की निगरानी कर रहे हैं. कोई भी हॉस्पिटल ऑक्सीजन का स्टॉक न करे यह भी देखा जा रहा है. साथ ही इस बात की भी जानकारी ली जा रही है कि किस अस्पताल में कितने ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता है. इसका रिकार्ड हर दो घन्टे में अपडेट किया जा रहा है.

ऑक्सीजन प्लांट में आई कमी, रिफलिंग हुई प्रभावित
जबलपुर में कुल तीन ऑक्सीजन में से जैनिम प्लांट में लिक्विड ऑक्सीजन ना होने के कारण वहां पर ऑक्सीजन सिलेंडर भरने का काम कुछ देर के लिए प्रभावित भी हुआ था. हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों का इस बारे में कहना है कि लिक्विड टैंक कुछ ही देर में जबलपुर पहुँच जाएगा जिसके बाद रीफिलिंग का काम फिर से शुरू कर दिया जाएगा.

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