पटना : पर्यावरण (Environment) और अपने स्वास्थ्य (Health) को लेकर लोग अब और सजग होने लगे हैं. रसायन के उपयोग (Use of chemicals) वाले खाद्य पदार्थों से बचने के लिए लोगों में अब रूफटॉप फार्मिंग (Roof Top Farming) का क्रेज बढ़ रहा है. पटना की सबिता जैविक खाद का प्रयोग (Use of organic fertilizers) कर अपनी छत पर बेहतरीन फल और सब्जियां उगा रही हैं.
बढ़ रहा Roof Farming का क्रेज
बिहार की राजधानी पटना (Patna) के बहुत से लोग टेरेस फार्मिंग (Terrace Gardening) में दिलचस्पी ले रहे हैं छत पर अपने घर की जरूरत के लिए साग सब्जी फल उगाना इन दिनों आम बात हो गई है, अपने घरों की छत पर या बालकनी में भी उपलब्ध थोड़ी बहुत जगह में भी लोग फूलों के सब्जियों के पौधे उगाने में इस्तेमाल कर रहे हैं.
इसका मुख्य कारण है कि राजधानी पटना में दिन-प्रतिदिन प्रदूषण (Pollution) बढ़ते जा रहा है और लोगों को स्वस्थ हवा (Fresh Air) नहीं मिल पा रही है. इसके साथ-साथ शुद्ध स्वस्थ खाने (Pure healthy eating) के प्रति भी जागरुकता बढ़ रही है, जिस कारण लोग अपनी बालकनी या छतों पर टेरेस गार्डनिंग कर रहे हैं.
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जैविक खेती से आत्मनिर्भर हो रही महिलाएं
राजधानी पटना के भट्टाचार्य रोड में रहने वाली सबिता सिन्हा (Sabita Sinha) 2008 से ही घर की छत पर खेती कर सब्जी उगाना शुरू कर दिया था. सबिता सिन्हा का ग्रामीण क्षेत्रों से नाता है. उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन उपलब्ध रहती है, लेकिन शहर में थोड़ी सी मुश्किल जरूर होती है. लेकिन अगर इच्छा हो तो कुछ भी किया जा सकता है और उन्होंने शुरुआत की और आज उनके दोनों फ्लोर पर तरह तरह के फल और सब्जी टेरिस पर उगते हैं.
सबिता सिन्हा ने कहा, 'मैं एक हाउसवाइफ हूं. घर में उगाई गई सब्जियों और फलों का टेस्ट भी काफी अच्छा होता है. मुझे कभी सब्जी खरीदने की जरूरत नहीं होती है. मैं अपने बागान की सब्जियां सालों भर खाती हूं और बहुत ही फायदेमंद होता है. स्वास्थ्य के साथ-साथ इसके देखरेख में समय भी व्यतीत होते रहता है. मैं लोगों से अपने घर की बालकनी या छतों पर लोगों को आवश्यकता अनुसार फल और सब्जियों के पौधे लगाने की अपील करती हूं.'
मौसम के अनुरूप उगाती हैं फल-सब्जियां
12 वर्षों से अपने घर की छत ऊपर गार्डनिंग (Roof Top Gardening)और टेरेस फार्मिंग कर रही सबिता सिन्हा अपने आप में एक मिशाल है. यह अपने छत पर इतनी फल और सब्जी उगा लेती हैं कि इन्हें कुछ खरीदने की जरुरत नहीं होती.
सिन्हा ने बताया कि 1000 से अधिक गमले हैं, जिनमें फल मौसम के अनुरूप सब्जियां फूल के पौधे लगाए गए हैं. सेव-अनार अंगूर, अंजीर, नारंगी, मौसम के अनुरूप भिंडी, नेनुवा, करेला, कद्दू, मिर्ची, बैंगन, नींबू यानी कि उनके छत पर फल से लेकर सब्जी तक की पूरी तरह से और ऑर्गेनिक खेती की जाती है.
खाली छत पर करें खेती
साथ ही सबिता सिन्हा ने कहा कि महानगरों और शहरों में खेती के लिए जमीन की किल्लत (land shortage) हो रही है. ऐसे में पर्यावरण और प्रदूषण को लेकर चिंता बढ़ रही है. यदि लोग अपने मकान की खाली छत पर फल, फूल और सब्जी के पौधे लगाएंगे, तो कई चीजों में लाभ मिलेगा.
- प्रदूषण नियंत्रण में सहयोग मिलेगा. घर में ही ताजी सब्जी, फल, फूल मिलेगा.
- जिस प्रकार से इन दिनों पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है. कहीं न कहीं उससे भी निपटने में सहयोग मिलेगा.
- गार्डन भी घर की छत पर ही मिलेगा. अपने घर पर ही स्वच्छ हवा और स्वच्छ वातावरण मिलेगा.
छत पर ही होती है औषधीय पौधों की खेती
इसके साथ ही उनके छत पर कई तरह के जड़ी बूटी और औषधि के पौधे लगे हुए हैं. जिसमें तुलसी, मेथी, कालीमिर्च, गिलोय, गठजोड़, नीम, एलोवेरा, आंवला के पौधे लगाए गए हैं, जो कई तरह की बीमारियों में लाभदायक होता है.
सिन्हा को शुरू दौड़ से ही टेरेस फार्मिंग का शौक था. उन्होंने अपने पूरे छत, बालकनी, सीढ़ियों को घरों के अंदर तक फूल और तरह-तरह के ऑक्सीजन प्लांट लगाकर पूरी तरह से अपने घर को गार्डन का रूप दे दिया है.