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उपराष्ट्रपति चुनाव: अल्वा ने तृणमूल के फैसले को निराशाजनक बताया, TMC बोली- उनके खिलाफ नहीं - TMC decision to skip vice presidential election

उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने तृणमूल कांग्रेस के चुनाव से दूर रहने के निर्णय को 'निराशाजनक' बताया है. अल्वा ने कहा है कि यह वाद-विवाद, अहंकार और गुस्से का समय नहीं है. यह साहस, नेतृत्व और एकता का समय है.

Opposition candidate Margaret Alva
मार्गरेट अल्वा
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Published : Jul 22, 2022, 6:18 PM IST

Updated : Jul 22, 2022, 11:11 PM IST

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने इस चुनाव से दूर रहने के तृणमूल कांग्रेस (TMC) के निर्णय को 'निराशाजनक' करार देते हुए शुक्रवार को उम्मीद जताई कि 'साहस की प्रतीक' ममता बनर्जी इस चुनाव में विपक्ष के साथ खड़ी होंगी. अल्वा ने ट्वीट किया, 'उपराष्ट्रपति चुनाव से तृणमूल कांग्रेस का अनुपस्थित रहने का फैसला निराशाजनक है. यह वाद-विवाद, अहंकार और गुस्से का समय नहीं है. यह साहस, नेतृत्व और एकता का समय है.' उन्होंने कहा, 'मेरा विश्वास है कि ममता बनर्जी, जो साहस का प्रतीक हैं, विपक्ष के साथ खड़ी होंगी.'

दूसरी तरफ, ममता बनर्जी की पार्टी ने कहा कि वह अल्वा के खिलाफ नहीं है और कभी भी राजग उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का समर्थन नहीं करेगी, लेकिन उसने चुनाव से अनुपस्थित रहने का सैद्धांतिक फैसला किया है क्योंकि अल्वा का नाम अन्य विपक्षी दलों ने 'एकतरफा ढंग से' तय किया. बता दें, देश के 17 विपक्षी दलों ने गत रविवार को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता मार्गरेट अल्वा को अपना साझा उम्मीदवार घोषित किया था.

तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का कोई नेता अल्वा के नामांकन के मौके पर नहीं पहुंचा था. ये दोनों दल उस बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे जिसमें अल्वा को विपक्ष का साझा उम्मीदवार बनाने का फैसला हुआ था. हालांकि पवार ने कहा था कि वह तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के संपर्क में हैं.

अल्वा के ट्वीट पर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, 'हमारे राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कल स्पष्ट किया कि हम मार्गरेट अल्वा के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार चुनने का जो एकतरफा फैसला किया गया उसके खिलाफ हैं. इसमें कोई दूसरा मुद्दा नहीं है.' उन्होंने कहा, 'हम आशा करते हैं कि हमारा सैद्धांतिक रुख आने वाले दिनों में विपक्षी एकता को मजबूत करने में मदद करेगा और भविष्य में ऐसे कदम पर विराम लगाएगा.'

घोष ने माकपा के इस आरोप को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि तृणमूल कांग्रेस का कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी के बीच सहमति का हिस्सा है. उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पद पर रहते धनखड़ ने एक पार्टी विशेष के हित में काम किया. हम ऐसे व्यक्ति का समर्थन नहीं कर सकते. तृणमूल कभी कुछ ऐसा नहीं करेगी जिससे धनखड़ की संभावना को बल मिलता हो.

गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को कहा था कि उनकी पार्टी आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस उसे जानकारी दिए बिना विपक्षी उम्मीदवार का फैसला करने के तरीके से सहमत नहीं है.

यह भी पढ़ें- दार्जिलिंग में लिखी गई TMC के उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने की स्क्रिप्ट!

बता दें, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है, जिनका मुकाबला अल्वा से होना है.

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने इस चुनाव से दूर रहने के तृणमूल कांग्रेस (TMC) के निर्णय को 'निराशाजनक' करार देते हुए शुक्रवार को उम्मीद जताई कि 'साहस की प्रतीक' ममता बनर्जी इस चुनाव में विपक्ष के साथ खड़ी होंगी. अल्वा ने ट्वीट किया, 'उपराष्ट्रपति चुनाव से तृणमूल कांग्रेस का अनुपस्थित रहने का फैसला निराशाजनक है. यह वाद-विवाद, अहंकार और गुस्से का समय नहीं है. यह साहस, नेतृत्व और एकता का समय है.' उन्होंने कहा, 'मेरा विश्वास है कि ममता बनर्जी, जो साहस का प्रतीक हैं, विपक्ष के साथ खड़ी होंगी.'

दूसरी तरफ, ममता बनर्जी की पार्टी ने कहा कि वह अल्वा के खिलाफ नहीं है और कभी भी राजग उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का समर्थन नहीं करेगी, लेकिन उसने चुनाव से अनुपस्थित रहने का सैद्धांतिक फैसला किया है क्योंकि अल्वा का नाम अन्य विपक्षी दलों ने 'एकतरफा ढंग से' तय किया. बता दें, देश के 17 विपक्षी दलों ने गत रविवार को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता मार्गरेट अल्वा को अपना साझा उम्मीदवार घोषित किया था.

तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का कोई नेता अल्वा के नामांकन के मौके पर नहीं पहुंचा था. ये दोनों दल उस बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे जिसमें अल्वा को विपक्ष का साझा उम्मीदवार बनाने का फैसला हुआ था. हालांकि पवार ने कहा था कि वह तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के संपर्क में हैं.

अल्वा के ट्वीट पर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, 'हमारे राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कल स्पष्ट किया कि हम मार्गरेट अल्वा के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार चुनने का जो एकतरफा फैसला किया गया उसके खिलाफ हैं. इसमें कोई दूसरा मुद्दा नहीं है.' उन्होंने कहा, 'हम आशा करते हैं कि हमारा सैद्धांतिक रुख आने वाले दिनों में विपक्षी एकता को मजबूत करने में मदद करेगा और भविष्य में ऐसे कदम पर विराम लगाएगा.'

घोष ने माकपा के इस आरोप को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि तृणमूल कांग्रेस का कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी के बीच सहमति का हिस्सा है. उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पद पर रहते धनखड़ ने एक पार्टी विशेष के हित में काम किया. हम ऐसे व्यक्ति का समर्थन नहीं कर सकते. तृणमूल कभी कुछ ऐसा नहीं करेगी जिससे धनखड़ की संभावना को बल मिलता हो.

गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को कहा था कि उनकी पार्टी आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस उसे जानकारी दिए बिना विपक्षी उम्मीदवार का फैसला करने के तरीके से सहमत नहीं है.

यह भी पढ़ें- दार्जिलिंग में लिखी गई TMC के उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने की स्क्रिप्ट!

बता दें, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है, जिनका मुकाबला अल्वा से होना है.

Last Updated : Jul 22, 2022, 11:11 PM IST
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