नई दिल्ली: दिल्ली के सियासी गलियारे में साेमवार सुबह जैसे ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह कहा कि बीजेपी उन्हें तोड़ना चाहती है. राजनीतिक तापमान बढ़ गया. सिसोदिया के आरोप का जवाब देने के लिए बीजेपी की तरफ से कई नेता सामने आए. वहीं, बीजेपी पर हमला करने के लिए आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज तथा सांसद संजय सिंह ने पार्टी कार्यालय से अपनी बात कही. शाम को पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि इसका मतलब है अन्य राज्यों की तरह बीजेपी दिल्ली में जोड़ तोड़ करना चाहती थी, लेकिन दिल्ली में उनका ऑपरेशन लोटस फेल हो गया (Operation Lotus fails in Delhi).
सिसोदिया (Manish Sisodia) ने सोमवार सुबह 10:30 बजे एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, "सुबह मेरे पास भाजपा का संदेश आया है-आप तोड़कर भाजपा में आ जाओ, सारे CBI ED के केस बंद करवा देंगे. मेरा भाजपा को जवाब- मैं महाराणा प्रताप का वंशज हूं, राजपूत हूं. सर कटा लूंगा, लेकिन भ्रष्टाचारियों-षड्यंत्रकारियों के सामने झुकूंगा नहीं. मेरे खिलाफ सारे केस झूठे हैं. जो करना है कर लो". सिसोदिया के इस ट्वीट के बाद तमाम बीजेपी के नेता सिसोदिया के आरोपों का जवाब देने के लिए मैदान में उतार पड़े.
शाम को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने सिसोदिया द्वारा लगाए गए आरोपों पर कहा कि इसका मतलब CBI, ED रेड का शराब नीति और भ्रष्टाचार से कोई लेना देना नहीं? ये रेड केवल दिल्ली में “आप” की सरकार गिराने के लिए की गयीं? जैसे इन्होंने दूसरे राज्यों में किया है. उधर सिसोदिया के दावे को लेकर पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सांसद संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी और पूरी दिल्ली को आज सिसोदिया पर गर्व है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने शुभेंदु अधिकारी, हेमंत बिश्व शर्मा, मुकुल रॉय, नारायण राने, अनिल शर्मा, पेमा खांडू, बिजयंत पांडा को सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी कहकर सीबीआई-ईडी की रेड कराई, ये भाजपा में शामिल होते ही वाशिंग मशीन में धुल गए और निर्दोष हो गए.
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आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद संजय सिंह ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी टीएमसी के नेता थे. भारतीय जनता पार्टी का पूरा कैंपेन शारदा चिट्स स्कैम और शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ था. कई महीने तक यह भारतीय जनता पार्टी का चला. जब भारतीय जनता पार्टी की केंद्र में सरकार आई तो सीबीआई ने उनके खिलाफ केस रजिस्टर किया और छापेमारी की. उनके ऊपर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के अंदर 2017 में भी केस रजिस्टर किया और ईडी ने छापेमारी की. इसमें उनसे पूछताछ हुई और फिर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली. जब से उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की है, सभी आरोप अब खत्म हो गए हैं. शुभेंदु अधिकारी जो उस वक्त बंगाल के सबसे बड़े भ्रष्टाचारी थे अब वह भारतीय जनता पार्टी के बंगाल के लीडर ऑफ अपोजिशन हैं.
उन्होंने कहा कि हेमंत बिश्व शर्मा अगस्त 2015 से पहले कांग्रेस के नेता हुआ करते थे. भारतीय जनता पार्टी ने असम में बाकायदा कई महीनों तक हेमंत विश्व शर्मा के खिलाफ अभियान चलाया कि उन्होंने वाटर स्कैम के अंदर करोड़ों रुपए हड़प लिए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत बिश्व शर्मा के नाम पर बाकायदा बुकलेट निकाली कि इनसे बड़ा भ्रष्टाचारी कोई नहीं हो सकता. यहां तक अमेरिका की सरकार ने भी इस मामले के अंदर केस दर्ज किया और कहा कि इसके अंदर किसी मंत्री को पैसे दिए गए हैं. भारतीय जनता पार्टी कहती थी कि वो मंत्री हेमंत बिश्व शर्मा है और आज हेमंत बिश्व सरमा असम में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री हैं. जिनके खिलाफ अभियान चलाया, उनको आपने पार्टी ज्वाइन कराई.
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इसके अलावा मुकुल रॉय ने 3 नवंबर 2017 को भारतीय जनता पार्टी जॉइन की. भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से पहले मुकुल रॉय बंगाल के सबसे बड़े भ्रष्टाचारी हुआ करते थे. शारदा चिटस् स्कैम के अंदर सबसे बड़े आरोपी की तरह भारतीय जनता पार्टी ने इनके खिलाफ अभियान चलाया. इनके ऊपर मुकदमे किए गए और इनके साथ 12 टीएमसी के लोगों का स्टिंग भारतीय जनता पार्टी ने रिलीज किया. उसके बाद यह भारतीय जनता पार्टी के अंदर शामिल हो गए. जब ये शामिल हो गए तो इनके ऊपर सारी जांच ठंडे बस्ते में चली गई. भारतीय जनता पार्टी ने इनका नाम लेना भी बंद कर दिया. इसके अलावा महाराष्ट्र के गद्दावर नेता नारायण राणे पर भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाए मनी लॉड्रिंग का केस इडी ने दर्ज किया. इसके बाद इन पर जमीन घोटाले के अंदर बड़ा अभियान भाजपा ने चलाया. इसके बाद यह भी भाजपा में आ गए और सारे मामले ठंडे बस्ते में चले गए.
सुखराम के बेटे अनिल शर्मा है. जिनके खिलाफ भाजपा ने कई सालों तक फर्स्ट टेलीकॉम स्कैम में कैंपेन चलाया. इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश के नेता पेमा खांडू और उनके साथ कई साथियों पर भाजपा ने कैंपेन चलाया कि वहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने जब सुसाइड किया था तो इनके बारे में कई बातें वो लिखकर वो मरे थे. इनके खिलाफ अभियान चलाया. जिसके बाद यह भाजपा में शामिल हुए और फिर भाजपा ने इनके बारे में कुछ भी कहना बंद कर दिया. जिन्हें आज अरुणाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया है. इसके अलावा बैजयंत पांडा के ऊपर भाजपा ने मनी लॉन्ड्रिंग, वायलेशन आफ फॉरेन एक्सचेंज के आरोप लगाए. जब ये भाजपा के अंदर 2019 में शामिल हुए तो जांच ठंडे बस्ते में चली गई.
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गुजरात में पुरुषोत्तम सांवरिया के खिलाफ इरिगेशन स्कैम के लेकर पूरा कैंपेन चलाया. इन्होंने 2019 में भाजपा ज्वाइन कर ली और सारी जांच ठंडे बस्ते में चली गई. संजय सिंह ने कहा कि इस तरीके से अलग-अलग राज्यों के दर्जनों ऐसे बड़े-बड़े नेताओं के खिलाफ भाजपा की सेंट्रल लीडरशीप ने कैंपेन चलाया. ईडी और सीबीआई से मुकदमे दर्ज करवाए. उनके घर और उनके साथियों पर छापे डलवाकर उन्हें बदनाम किया. उसके बाद जब वो भाजपा से जुड़ गए तो वाशिंग मशीन में धुलकर बिल्कुल साफ-सुथरे बाहर निकले. ये आइना भाजपा को दिखाना जरूरी है. देश के लोगों को यह जानना बहुत जरूरी है कि भाजपा किस तरीके से ऑपरेट करती है. अपने खिलाफ बोलने वालों के मुंह बंद करवाने के लिए क्या करती है.